अनूप जलोटा से लेकर नवाजुद्दीन सिद्दीकी तक, किच्चा सुदीप और अजय देवगन के 'हिंदी विवाद' में उतरकर इन फिल्मी सितारो ने रखी अपनी अपनी राय? By Mayapuri Desk 29 Apr 2022 in गपशप New Update Follow Us शेयर -के. रवि (दादा) दक्षिण के सुपरस्टार अभिनेता किच्चा सुदीप और अभिनेता अजय देवगन का हिंदी विवाद का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। इस मुद्दे पर अब गायक अनूप जलोटा से लेकर नवाजुद्दीन सिद्दीकी तक कई सितारे अपनी अपनी राय रखते हुए दिख रहे हैं।हाल ही में प्रदर्शित हुई कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री की ब्लॉकस्टर मूवी केजीएफ 2 (हिंदी) अभि भी बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा रही है। सुपरस्टार यश स्टारर ये फिल्म हिंदी दर्शकों के साथ-साथ बाकी भाषाओं के दर्शकों को भी खूब पसंद आ रही है। इस फिल्म की सफलता पर बात करते हुए बीते दिनों कन्नड़ फिल्म स्टार किच्चा सुदीप ने एक ऐसा बयान दे दिया। जो सुपरस्टार अजय देवगन को बिल्कुल नागवार गुजरा। इसके बाद से ही दोनों सितारों के हिंदी भाषा पर हुए विवाद पर कई सितारे अपनी अपनी राय रख रहे हैं। जिसपर अजय देवगन ने किच्चा सुदीप के बयान को लेकर कहां की 'किच्चा सुदीप मेरे भाई, आपके अनुसार अगर हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा नहीं है तो आप अपनी मातृभाषा की फ़िल्मों को हिंदी में डब करके क्यूँ प्रदर्शित करते हैं? हिंदी हमारी मातृभाषा और राष्ट्रीय भाषा थी, है और हमेशा रहेगी। जन गण मन।' इससे पहले अभिनेता किच्चा सुदीप ने जो बयान दीया था वह युं है की। 'किसी ने मुझसे कहा कि एक पैन इंडिया फिल्म कन्नड़ में बन रही है। मैं यहां एक छोटा सा सुधार करना चाहता हूं। हिंदी एक राष्ट्रभाषा नहीं रही। वो (बॉलीवुड) पैन इंडिया फिल्म आज कर रहे हैं। वो तेलुगु और तमिल में डब करने की कोशिशों में है। लेकिन उन्हें यहां सफलता नहीं मिल रही। आज हम ऐसी फिल्में बना रहे हैं जो हर जगह देखी जा रही है। इस पर अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि हिंदी भाषा को और सम्मान मिलने की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'हमें जो स्क्रिप्ट मिलती है वो भी रोमन में लिखी होती है। इसे याद करना काफी मुश्किल होता है। तो मैं देवनागरी स्क्रिप्ट के लिए अपील करता हूं। इतना ही नहीं, फिल्म बनाते वक्त भी निर्देशक, सहायक, सभी अंग्रेजी में बात कर रहे होते हैं। जो अभिनेता की परफॉर्मेंस पर असर डालती है। साउथ में वो अपनी ही क्षेत्रीय भाषा में बात करते हैं और इस पर गर्व महसूस करते हैं। (गौरतलब हो की जब अमिताभ बच्चन अभिनित फिल्म के प्रदर्शन के वक्त भी निर्देशक नागराज मंजुले ने एक मुलाकात में कहां था की हम जब झुंड कर रहे थे सेट पर ज्यादातर सहकलाकार मातृभाषा छोड़कर विपरित भाषा में बाते करते है ? यही बात संगीतकार अजय अतुल ने भी कही थी हमारी मातृभाषा मराठी हैं ,और हम जहां भी जाते है , हमारी मातृभाषा का ही इस्तेमाल करते हैं )। इसपर फिल्म निर्देशक राम गोपाल वर्मा ने भी एक मुलाकात में कहा, 'मुझे लगता है कि कन्नड़ सुपरस्टार सुदीप ने सही बात उठाई है कि अगर वो उनके हिंदी ट्वीट का जवाब कन्नड़ में देते तो क्या होता। जो हर किसी को ये सोचने पर मजबूर करता है कि यहां कोई नॉर्थ और साउथ नहीं है इंडिया सिर्फ एक है। जो नॉर्थ बेस्ड अजय देवगन समझने के लिए तैयार नहीं होते दिखते जबकि साउथ स्टार सुदीप हो गए हैं। साथ ही अभिनेता सोनू सूद इस भाषा विवाद पर अब सोनू सूद ने भी अपने विचार रखते कहां है की , 'मुझे नहीं लगता कि हिंदी सिर्फ एक राष्ट्रीय भाषा है। भारत की एक ही भाषा है वो है मनोरंजन। अगर आप लोगों का मनोरंजन करते हैं तो फिर इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप किसभाषा की फिल्म इंडस्ट्री से हैं। आप लोगों का सिर्फ मनोरंजन करिए, तो बस लोग आपको प्यार करेंगे, सम्मान देंगे। इन सभी विचारों पर अब गायक अनूप जलोटा का भी बयान सामने आया है की, दक्षिण की फिल्में हिंदी में डब होती हैं तब जाकर समस्त भारत देश तक पहुंचती हैं। महात्मा गंधी हिंदी में बात करते थे। ज्यादातर भारतीय ये भाषा समझते हैं। इस बारे में बात कर हम लोग अपना पूरा समय बर्बाद कर रहे हैं। दक्षिण भाषाओं की इज्जत की जाती है। तो पंजाबी बिहारी और भोजपुरी भाषा का भी सम्मान किया जाता है। लेकिन लोग हर भाषा नहीं समझते हैं। दक्षिण भाषा की फिल्मों को हिंदी में डब किया जाता है ताकि लोग उन्हें समझ सकें। हमारी हिंदी भाषा को हर कोई समझता है। अगर दक्षिण की इंडियन फिल्म हिंदी में डब होगी तब वो भारत के हर एक कोने तक पहुंचेगी। ऐसा अनूप जलोटा का इस बारे में कहना हैं। पर आज की फिल्म इंडस्ट्री में खांस कर नायक नायिका एवम निर्देशक, निर्माता भी ज्यादातर अंग्रेजी में ही बाते करते हैं । विशेषत: नवनिर्माण सेना के नेता राज ठाकरे ने महाराष्ट्र में मराठी भाषा का उपयोग करने की सख्ती ही की थी। जिसपर वे अटल हैं। वे कहते हैं 50 सालो तक मुंबई महाराष्ट्र में रहने के बस्तर भी आपको जिस धरती का नमक खाते हो वहां की भाषा आपको नही आति ,तो हम मराठी होते हुऐ भी हमें हिंदी, अंग्रेजी के साथ कई और भाषा आति है। पर कानूनन यही सच हैं की हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा नहीं है? अपने भारत देश में अधिकांश लोग हिंदी को राष्ट्रभाषा मानते हैं। देश की सर्वाधिक जनसंख्या यही समझती है और अधिकांश लोग हिंदी बोलते हैं। लेकिन यह भी एक सत्य है कि हिंदी इस देश की राष्ट्रभाषा है ही नहीं। हकीकत में भारत में कोई राष्ट्रभाषा हैं ही नहीं है। हिंदी तो सिर्फ एक राजभाषा है, यानि की राज्यों के कामकाज में प्रयोग होने वाली भाषा। भारतीय संविधान में किसी भी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा अब तक नहीं मिला हुआ है। आपको बता दें कि महात्मा गांधी द्वारा 1917 में गुजराज के भरुच में सर्वप्रथम राष्ट्रभाषा के रुप में हिंदी को मान्यता प्रदान की गई थी। लेकिन 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिए जाने का निर्णय लिया तथा संविधान निर्माता डॉक्टर . बाबासाहेब आंबेडकर के सहयोग से 1950 में संविधान के भाग 17 के अनुच्छेद 343(1) के द्वारा हिंदी को देवनागरी लिपि के रुप में राजभाषा का दर्जा दिया गया। हिंदी को राजभाषा का दर्जा 14 सितंबर 1949 को मिला। इसके बाद 1953 से राजभाषा प्रचार समिति द्वारा हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस का आयोजन किया जाने लगा। अपनी विभिन्नताओं के चलते भारत की कोई राष्ट्रभाषा नहीं है मगर सरकारी दफ्तरों में कामकाज के लिए एक भाषाई आधार बनाने के लिए हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया है। संविधान के भाग 17 में इससे संबंधित महत्वपूर्ण प्रावधान भी किए गए हैं। ज्ञात हो की मातृभाषा वह भाषा है जो हम जन्म के साथ सीखते हैं। जहां जिस परिवार में हम पैदा होते है, उस परिवार में बोली जाने वाली भाषा खुद ही सीख जाते हैं। आसान भाषा में समझें तो जो भाषा हम जन्म के बाद सबसे पहले सीखते हैं, उसे ही अपनी मातृभाषा मानते हैं। जिसपर हर किसी को गर्व होता है और होना ही चाहिए। #Ajay Devgan #Nawazuddin Siddiqui #Anup Jalota #Hindi controversy of Kicha Sudeep and Ajay Devgan #Kicha Sudeep हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article