हिंदी सिनेमा का एक अपना ही साहित्यिक इतिहास है: आनंद पंडित By Mayapuri Desk 10 Jan 2022 in गपशप New Update (हिंदी दिवस के अवसर पर पंडित ने अपनी मनपसंद साहित्यिक फिल्मों का ज़िक्र भी किया) विश्व हिंदी दिवस हर वर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है ताकि इस भाषा का विस्तार दुनिया भर में हो। पर हिंदी सिनेमा ये काम न जाने कबसे करता आया है। जाने माने निर्माता आनंद पंडित कहते हैं, 'हिंदी सिनेमा के ज़रिये हिंदी गीत, संवाद और साहित्य की कितनी ही झलकियां दुनिया भर में लोगों के दिलों तक पहुंची है। मैं जब भी दूसरे देशों में जाता हूँ, कितने ही लोग मुझे अपनी पसंदीदा फिल्मों के गीतों और प्रसिद्द संवादों के बारे में बताते हैं। हिंदी सिनेमा का एक अपना ही साहित्यिक इतिहास है और हमारे उपमहाद्वीप के कई महान लेखक हिंदी सिनेमा के साथ जुड़े रहे हैं।' ऐसी कितनी ही फिल्में हैं जो प्रसिद्ध कहानियों और उपन्यासों से प्रेरित होकर बनाई गई हैं और पंडित कहते हैं। अच्छे लेखन की तलाश ने आनंद पंडित को बाध्य किया की वे 'चेहरे' जैसी फिल्म बनाएं। वे कहते हैं, 'मैंने इस फिल्म को इसलिए बनाया क्योंकि इसकी कहानी और संवाद में बहुत ख़ास थे। निर्देशक रूमी जाफरी ने रंजीत कपूर की कहानी को बहुत सुंदरता से परदे पे उतारा। फिल्म के संवाद बहुत प्रभावशाली थे और अमिताभ बच्चन की आवाज़ ने उनमें चार चाँद लगा दिए हैं।' 1955 की 'देवदास' शरतचंद्र के जाने माने उपन्यास पर आधारित थी और इसे फिल्म के परदे लिए लिखा था जाने माने साहित्यकार राजेंद्र सिंह बेदी ने। इस फिल्म के संवाद आज तक लोगों को याद हैं। प्रेमचंद की कहानी 'शतरंज के खिलाड़ी' को सत्यजीत रे ने बड़ी सुंदरता से फिल्माया था और इसे परदे के लिए लिखा था शमा ज़ैदी और जावेद सिद्दीकी ने। 'साहिब बीबी और गुलाम' को कौन भूल सकता है! अबरार अल्वी और गुरुदत्त की जोड़ी द्वारा बनाई गयी बहुत से लाजवाब फिल्मों में से यह भी एक थी और बिमल मित्र के यादगार उपन्यास को कितनी सुंदरता से इसने जीवंत कर दिया था।' शेक्सपियर के नाटक 'मैकबेथ' पर आधारित 'मक़बूल' भी उन्हें बहुत पसंद थी। आगे पड़े: विश्व हिंदी दिवसः Koo App ने शुरू किया अनोखा कॉन्टेस्ट, मशहूर गीतकार पीयूष मिश्रा ने की घोषणा #Anand Pandit हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Latest Stories Read the Next Article