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लता मंगेशकर के सम्मान में झुका भारतीय झंडा

लता मंगेशकर के सम्मान में झुका भारतीय झंडा
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लता मंगेशकर कोई रानी या राष्ट्रपति नहीं थी, ना ही उन्होंने महासागरों पर शासन किया, ना ही उन्होंने सेनाओं को आदेश नहीं दिया, उनके पास केवल एक सूती साड़ी और एक रेशमी आवाज थी, और फिर भी, एक अरब लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाला झंडा उनके सम्मान में आधा झुका हुआ है। फिर कभी मत पूछो कि असली शक्ति क्या है।

अब फिर कभी मत पूछना कि असली शक्ति क्या है।

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लताजी अपने पीछे लाखों यादें और अनगिनत गीत छोड़ गए हैं जो पीढ़ियों तक गाए जाएंगे।

हमारे बाद अब महफ़िल में अफ़साने बयाँ होंगे
बहारें हम को ढूँढेंगी
न जाने हम कहाँ होंगे !

ॐ शांति...

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लता मंगेशकर की तारीफ़ में अभिनेता दिलीप कुमार ने कही यह बाते

1974 में लता पहली बार देश से बाहर गईं, वह भी सेंट अल्बर्ट हॉल लंदन वहां संगीत प्रदर्शन करने वाली पहली एशियाई थीं। वही यहाँ सुनिए दिलीप कुमार या युसूफ खान कार्यक्रम में अपनी बहन का वर्णन कैसे करते हैं। मैंने कभी भी इतनी सुंदर उपमाओं और रूपक के साथ एक कलाकार का परिचय नहीं कराया है। मैथ्यू अर्नोल्ड की तुलना में बहुत बेहतर विलियम शेक्सपियर का वर्णन किया।

यहाँ सुने क्या कहा था दिलीप कुमार ने

लता थी, लता है और लता हमेशा रहेगी

लता मंगेशकर की बहन आशा भोसले अपनी बहुमुखी प्रतिभा के कारण उत्कृष्ट हैं लेकिन लता मंगेशकर की आवाज हमेशा मधुर थी और रहेगी, दुनिया में कोई भी उनकी बराबरी नहीं कर सकता था। लता ने 13 साल की उम्र में अपने परिवार को गाना सिखाने और समर्थन देना शुरू कर दिया, जब उनके पिता दीनानाथ का निधन हो गया था, तो उन्हें पद्मिनी कोल्हापुरे के पिता से प्रारंभिक समर्थन मिला, लेकिन ‘आयेगा आने वाला’ ने उन्हें जल्दी ही महान ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया था।

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बड़ी हलचल और रौनक होगी आज स्वर्ग के गलियारों में...
इक सुरीला फरिश्ता पहुंचा है ज़मीं से आसमानो में...

ऑल इंडिया रेडियो के एफ.एम.रेनबो चैनल की रेडियो एनाउंसर पूजा टोहानी की तरफ से बेमिसाल लता जी को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि

सरस्वती मां मानो उनके कंठ में साक्षात विराजमान हो, जिन्होंने ताउम्र सुरों पर साधना की हो, त्याग तपस्या संघर्ष और साधना की मूरत बेमिसाल लता मंगेशकर जी को भारत रत्न होने के साथ-साथ विश्वरत्न होने का मान सम्मान भी उन्होंने अपनी मेहनत से हासिल किया। आज अचानक हमको छोड़कर चले जाने के बाद भी वो हमेशा के लिए हमारे दिलों पर राज करेंगी और ज़िंदा रहेंगी अपनी आवाज़ के ज़रिए। सही तो गाया उन्होंने,  'मेरी आवाज़ ही पहचान है.. याद रहे!!' और उनकी आवाज़ दुनिया में, पीढ़ी दर पीढ़ी हर किसी को यूं ही याद रहेगी। अपने गानों से गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करवा चुके हैं वह अपना नाम और बेमिसाल लता जी और उनका बेमिसाल काम हमेशा के लिए अमर है।

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दलेर मेहंदी की ओर से लता दीदी को श्रद्धांजलि

यह वास्तव में हृदयविदारक है कि आज हमने ऐसी दिव्य आवाज को खो दिया है और हम सभी इस भारी नुकसान पर दुखी हैं। लता मंगेशकर जी हमारे साथ बहुत सारी यादें छोड़ गई थीं। पॉप के किंग दलेर मेहंदी की ओर से अपनी प्रतिक्रिया आपके साथ साझा करते हुए, 'वह प्रकाश के साथ विलीन हो जाती है... ब्रह्मांड अपने संगीत के उपहारों को सभी पर छिड़कता है, वह अभी और हमेशा के लिए रानी के रूप में राज करती रहेंगी। लव यू लता दीदी... मां सरस्वती अवतार।'

शायद फिर इस जन्म में मुलाक़ात हो न हो....स्वर कोकिला लता मंगेशकर जी को अश्रुपूर्ण, भावपूर्ण श्रद्धांजलि।

#Lata Mangeshkar
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