अपने रोचक वर्णन और अनगिनत चरित्रों के साथ, सोनी सब के शो ‘धर्म योद्धा गरुड़’ ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रखा है। हालिया घटनाक्रम में गरुड़ (फैज़ल खान) को कादरू (पारूल चौहान) की राक्षसी योजनाओं का सच पता चलता है। उसे यह भी पता चल जाता है कि विनता (तोरल रसपुत्रा) को धोखे से कष्ट और दमन वाला जीवन जीने के लिये विवश किया गया था। बहुत क्रोधित होने के बावजूद गरुड़ यह जानकारी अपने तक सीमित रखने और सही समय पर उसे अपना अस्त्र बनाने का निर्णय लेते हैं। विनता को गरुड़ की वापसी की उत्सुकता से प्रतीक्षा है, लेकिन कादरू चिंतित है कि कहीं गरुड़ को पूरे सच का पता तो नहीं चल गया।
कादरू और राहु से मिली विभिन्न चुनौतियों पर गरुड़ जीत हासिल करते हैं और फिर कादरू को लगता है कि गरुड़ को हराया नहीं जा सकता और गरुड़ एक ही बार में उसके नागपुत्रों के जीवित भक्षण की क्षमता रखते हैं। घबराई हुई कादरू निष्कर्ष निकालती है कि शक्तिमान गरुड़ को पूरी तरह से नियंत्रित करने के लिये अपना दास बनाना होगा। तभी वह अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा कर सकेगी।
कादरू की भूमिका निभा रहीं पारुल चौहान ने कहा, “कादरू की मंशाएं घातक हैं और शक्ति की भूख तथा असुरक्षा की भावना के कारण वह अपनी सगी बहन विनता और उनके पुत्र गरुड़ के संघर्षों को देख ही नहीं पा रही है। उसे पता है कि उसके बच्चे गरुड़ की बुद्धिमत्ता और शक्ति के सामने कुछ नहीं हैं। वह जानती है कि उसे अपनी योजना को और भी घातक बनाकर गरुड़ पर नियंत्रण पाना होगा। यह देखना रोचक होगा कि उसकी राक्षसी योजनाएं सफल होती हैं या वह गरुड़ की शक्ति के समक्ष समर्पण करती है।”
गरुड़ की भूमिका निभा रहे फैज़ल खान ने कहा, “विनता को दासता की बेड़ियों से मुक्त कराने की गरुड़ की इच्छा अब पहले से अधिक प्रबल हो गई है। उन्हें सही जानकारी मिल चुकी है और वे अच्छी तरह से जानते हैं कि उनकी माता के दुखद जीवन के पीछे कादरू का हाथ है। लेकिन वह अत्यंत विवशता का अनुभव करते हैं, जब विनता उन्हें कादरू के आदेश मानने के लिये कहती हैं और उनके पास कादरू के सामने घुटने टेकने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है। वह दास बन जाते हैं, लेकिन उनकी भावना अदम्य है और यह तो केवल एक महान कथा का आरंभ है, अच्छाई और बुराई के बीच संघर्ष की कथा।”
देखते रहिये ‘धर्म योद्धा गरुड़’, सोमवार से शनिवार शाम 7 बजे, केवल सोनी सब पर!