जानिए कैसे थे विवाह को लेकर ऋषी कपूर के विचार? By Mayapuri Desk 06 Apr 2022 in गपशप New Update Follow Us शेयर फ्लैश बैक: रणबीर कपूर की शादी की खबरों के बीच याद आते हैं स्वर्गीय ऋषि कपूर जो तब, अपनी शादी की सुर्खियो को एन्जॉय किया करते थे! -शरद राय ऋषी कपूर की पहली फिल्म 'बॉबी' ने कामयाबी का जो हंगामा बरपाया था, तब सिनेमा के पन्नो पर यही खबर होती थी कि 'ना भूतो ना भविष्यति'(न पहले कभी ऐसी कामयाबी किसी फिल्म को मिली थी ना आगे मिलेगी)। हम मुम्बई में ही स्टूडेंट हुआ करते थे, तब हममे यह समझ नही थी कि फिल्मो का डंका ऐसे ही बजाया जाता है। हम छात्रों के ग्रुप ने इस फिल्म को कई बार देख डाला था।थोड़े साल बाद मुझे जबरदस्त नशा लग गया फिल्मों का।फिल्म देखते देखते फिल्मों पर लिखने का शौक लग गया। मेरे मित्र होते थे मान सिंह 'दीप' (आज के कई फिल्मों के निर्माता, जिनकी पिछली फिल्म थी- 'मैंने गांधी को क्यों मारा?)।मानसिंह तब फिल्म पत्रकार होते थे। एक दिन वह चांदिवली स्टूडियो में ऋषी कपूर का इंटरव्यू करने जाने के समय मुझे भी साथ लेते गए, बोले- आज तुम भी सवाल करना। वहां शूटिंग थी फिल्म 'बारूद' की। प्रमोद चक्रवर्ती की फिल्म थी- जिसमे रीना राय के अलावा शोमा आनंद को ऋषी के साथ मौका दिया जा रहा था। सेट पर ऋषी और शोमा पर गाने का फिल्मांकन चल रहा था- 'समुंदर समुंदर यहां से वहां तक, ये मौजों की चादर बिछी है कहाँ तक।...मेरी हद है कहाँ तक...यहां तक.. यहां तक।' कुछ ऐसे ही गाने की लाइन थी। बार बार रिटेक चल रहा था। दरअसल यहां उक्त गीत का पैच वर्क शूट हो रहा था। फिल्म के अंदर पूरा गाना शिप पर है जो ऋषी और शोमा आनंद पर दिखाई देता है। मैंने एक पेपर पर कुछ सवाल लिख लिया था जो ऋषी से पूछना था। यहां एक बात पाठकों को बता दें कि 'कपूर परिवार' के अभिनेता- अभिनेत्री बहुत सुप्रिआरिटी कॉम्पलेक्स के शिकार होते हैं।जब वे बोलते हैं तो वही सच होता है , सुनते नहीं। चिन्टूजी फॉर्म में थे। मोस्ट एलिजिबल बैचलर थे।तबतक नीतू जी उनकी ज़िंदगी मे शामिल नही हुई थी। मान सिंह ने कहा मैं सवाल करूं पर मौका ही नही पा रहा था। मैंने मेरे कागज पर लिखे सवालों की लिस्ट ही ऋषी के हाथ मे पकड़ा दिया। मेरे सारे सवाल फिल्मों को लेकर घिसे पिटे थे, सिर्फ एक सवाल था- 'शादी कब करोगे?' जिस सवाल पर ऋषी पर हंसने की बजाय गम्भीर हुए थे। मुझे याद है उन्होंने एक बड़ी बात कहा था-'विवाह का आदर्श शरीर के द्वारा आध्यात्मिक मिलन है।' साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि वह कहीं से इस वाक्य को पढ़े थे।मैं बहुत समय बाद जान पाया कि यह वाक्य महात्मा गांधी का बोला हुआ था और इसका अर्थ मुझे भीअब समझ मे आया है। खैर, ऋषी के साथ फिर हम तीनों की लंबी चर्चा हुई... अगले शॉट के बीच मे लम्बा समय मिलता था क्योंकि गाने का जगह जगह का पैच शूट हो रहा था इसलिए कैमरा सेटिंग बदलनी होती थी। चांदिवली स्टूडियो के गार्डन में कुर्सियों पर बैठकर विवाह पर खुलकर ऋषी ने बातें किया था।तब वह अपने रोमांस-विवाह की खबरों को पढ़ कर खूब मजे लिया करते थे। फिल्म इंडस्ट्री में आर.के.परिवार की एक शान थी और ऋषी उस परिवार के सबसे यंग, होनहार, एलिजबल बैचलर अभिनेता थे। लेकिन, अपने विवाह को लेकर वह गंभीर थे- 'विवाह और रोमांस निजी मामला होता है।विवाह जीवन भर साथ निभाने के लिए होता है।मैं तो यही सोच रखता हूँ और इसी पर अमल करने की कोशिश करूंगा।' आज जब ऋषी कपूर अपने लाडले बेटे रणबीर कपूर की शादी में शामिल होने के लिए दुनिया मे नही हैं। कपूर परिवार में उनकी कमी ना सिर्फ रणबीर की मां नीतू कपूर, रणबीर की बहन रिद्धिमा को और स्वयं रणबीर को है बल्कि पूरे कपूर खानदान को है। सबके खयालों में चिंटू हैं- काश वह होने जा रही बहु आलिया भट्ट को विवाह का जीवन मंत्र समझाने के लिए उपस्थित होते! #alia bhatt #Ranbir Kapoor #rishi kapoor #Rishi Kapoor wedding हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article