प्रभु कुंज से प्रभु के दर्शन के लिये निकली सुरो की मालिका लता By Mayapuri Desk 07 Feb 2022 in गपशप New Update Follow Us शेयर -के.रवि (दादा) महान गायिका लता मंगेशकर के निधन से देशभर में गम का माहौल है। 92 वर्षीय लता जी का रविवार सुबह मुंबई के ब्रीचकैंडी अस्पताल में निधन हो गया। लता जी की अंतिम यात्रा उनके प्रभु कुंज स्थित घर से उनका पार्थिव शरीर शिवाजी पार्क ले जाया जा गया, जहां शाम साढ़े छह बजे उनका अंतिम संस्कार हुवा। इस महान हस्ती की अंतयात्रा में लता दीदी के सारे परिवार के सदयसो के साथ देश के पंतप्रधान नरेन्द्र मोदी, राज्य के राज्यपाल भगतसिंह कोष्यारी, मुंबई की महापौर किशोरी पेडणेकर, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उनकी पत्नी रश्मी ठाकरे, शरद पवार, सचिन तेंडुलकर, अंजली तेंडुलकर, अजित पवार, देवेंद्र फडणवीस, सुप्रिया सुळे, पियूष गोयल, राज ठाकरे, आशा पारेख, शाहरुख खान, अमिताभ बच्चन, आदित्य ठाकरे, सुभाष घई, अमीर खान, अशोक पंडित, श्रद्धा कपुर, विद्या बालन, रणबीर कपूर, के साथ साथ देश के कई दिगज्जो ने उन्हे श्रद्धांजली देते हुए अपनी मौजुदगी दि। भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन के चलते महाराष्ट्र में सरकार एक दिन के सार्वजनिक अवकाश का एलान किया गया है। तो वही दिल्ली सरकार की और से दो दिनो की छूट्टी का ऐलान कर दिया है।सूबह राज ठाकरे अपनी पत्नी और मां के साथ लता मंगेशकर के अंतिम दर्शन के लिए उनके पेडर रोड स्थित आवास ‘प्रभुकुंज’ पहुंचे थे।बृहन्मुंबई नगर निगम आयुक्त इकबाल सिंह चहल द्वारा दी गई जानकारी के तहत ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल शाम लगभग 5:45-6:00 बजे अंतिम संस्कार के मैदान में पहुंचे।उसके बाद लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार शाम लगभग 6:15-6:30 बजे किया गया| लता मंगेशकर का इलाज करने वाले डॉक्टर प्रतीत समदानी ने जानकारी दी थी कि उनका निधन मल्टी ऑर्गन फेल्योर के कारण हुआ है।डॉक्टर, प्रतीत के अनुसार लता मंगेशकर ने रविवार सुबह 8:12 बजे अंतिम सांस ली। लता दीदी को जनवरी में निमोनिया और कोरोना संक्रमण हुआ था। वह 29 दिनो से मुंबई के ब्रीच कैडी अस्पताल में इलाज के लिये थी। इस पर देश के राष्ट्रपती रामनाथ कोविंद ने स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन पर शोक जताया।उन्होंने लता दी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, 'लता जी का निधन मेरे लिए, दुनियाभर के लाखों लोगों के लिए हृदयविदारक है. लता दीदी जैसा कलाकार सदियों में एक बार पैदा होता है. वह एक असाधारण व्यक्ति थीं, जो उच्च कोटि के व्यवहार की धनी थीं।दिव्य आवाज हमेशा के लिए शांत हो गई है लेकिन उसकी गूंज अमर रहेगी, अनंतकाल तक गूंजती रहेगी।साथ ही काँग्रेस पक्ष की सर्वेसर्वा सोनिया गांधी ने भी दी लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि। उन्होंने कहा, 'आज एक युग का अंत हो गया। लता जी हर पीढ़ियों के लिए हमेशा प्रेरणा रहेंगी। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, 'आज हम सभी के लिए यह बहुत दुखद खबर है , हमारी लता दीदी हमको छोड़कर चली गई हैं, कल ही मां सरस्वती का दिन था।हम मां शारदा की आराधना कर रहे थे।लता जी के व्यक्तित्व का विस्तार सिर्फ गानों की संख्या पर सीमित नहीं था।मेरे जैसे अनेक लोग गर्व से कहेंगे लता दीदी के साथ मेरा गहन जुड़ाव था।इससे पता चलता है कि लता दीदी के व्यक्तित्व की विशालता कितनी बड़ी थी।वो अपने संबंधों को संवेदना से सूचित करती थी। आज हम सब दुखी हैं पूरा देश दुखी है। लता दी जैसी आत्माएं विश्व को सदियों में मिलती हैं। भारत की जो पहचान बनाई, जो संगीत दिया उससे दुनिया को भारत को देखने का अलग नजरिया मिला। वह आज भौतिक रूप से हमारे साथ न हो लेकिन वह और उनके गीत सदैव हमारे साथ रहेंगे।मैं भारी मन से उनको श्रद्धांजलि देता हूं| प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब मुंबई हवाई अड्डे पोहचे तब उन्हे रिसिव्ह करणे राज्य के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी, राज्य के पर्यटन मंत्री . आदित्य ठाकरे मौजुद थे।जब मोदीजी दादर के शिवाजी पार्क पहुंचे तब पहले नरेंद्र मोदी ने लता मंगेशकर के परिवार से मुलाकात की।फिर वंहा मौजुद कई नामी गिरामी हस्तीयो से मुलाकात कर उद्धव ठाकरे और रश्मी ठाकरे से दुःखत बात करते नजर आये। उसी बिच अमर रहे अमर रहे लता दीदी अमर रहे का स्लोगन सभी के माध्यमो से बोलते हूए नजर आए।फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लता दीदी को श्रद्धांजली दी।इसके बाद मौजुदा सभी डिगनीटीजनो उन्हे श्रद्धांजली दीं| पंचतत्व में विलीन हुईं लता मंगेशकर, मुंबई के शिवाजी पार्क में लता जी को उनके भाई ने मुखाग्नि दी। कुछ देर पुर्व पुरे राजकीय सम्मान के साथ तीनो सेनावो की सलामी से 8 पंडितो की विधी से लता दीदी के भाई के पुत्र आदित्य मंगेशकर के हाथो मुखाग्नि दी गई। और लता दीदी अब पंचतत्व में विलीन हो गई। स्वरों की मल्लिका और भारत रत्न से सम्मानित लता मंगेशकर ने रविवार सुबह 8 बजकर 12 मिनट पर अपनी अंतिम सांस ली। लता जी के जाने से बॉलीवुड के साथ-साथ पूरा देश दुख में है। हर कोई उन्हें नम आंखों के साथ याद कर रहा है। लेकिन ये भी एक सच्चाई है कि स्वर कोकिला बेशक अब हमारे बीच नहीं हैं वह अपने गानों की वजह से हमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगी। लता मंगेशकर ने अपने शानदार करियर में अनगिनत गाने गाकर लोगों का प्यार हासिल किया है। लता जी का झुकाव संगीत और अभिनय की तरफ बचपन से ही था, क्योंकि उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर एक रंगमंच कलाकार थे। इसी वजह से वह छोटी उम्र में ही अपने पिता के साथ संगीत और अभिनय की दुनिया से जुड़ गईं। एक बार लता जी के पिता ने प्ले ‘भाव बंधन’ सिधे किया था। इस नाटक में लता जी ने ‘लतिका’ नाम का किरदार निभाया था। यानी एक सिंगर बनने से पहले लता मंगेशकर बचपन में ही अभिनय की दुनिया में कदम रख चुकी थीं। लता मंगेशकर जब 13 साल की थीं तब उन्होंने अपने पिता को खो दिया था। पांच भाई-बहनों में सबसे बड़ी होने पर लता जी ने अपने घर की जिम्मेदारी निभाई। 13 साल की छोटी उम्र में उन्होंने 1942 में आई फिल्म 'पहिली मंगलागौर' में एक्टिंग की थी। कुछ फिल्मों में उन्होंने अभिनेता और अभिनेत्रियों की बहन के किरदार किए थे। उन्होंने साल 1942 से 1948 तक करीब 8 से अधिक फिल्मों में एक्टिंग की थी।लता मंगेशकर जब सिंगिंग की दुनिया में अपने कदम आगे बढ़ा रही थीं तब उन्हें भी काफी रिजेक्शन का सामना करना पड़ा था। लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। अपने एक शानदार करियर में लता दीदी ने दुनियाभर की 36 भाषाओं में 50 हजार से ज्यादा गाना गाए हैं। इसमें बॉलीवुड के एक से एक सुपरहिट गाने शामिल हैं।जिनमे अपने देश के लिये सालो से गुंगुनाते रहाता आया वह यादगार गीत ए मेरे वतन के लोगो को अमर हो गया है। गौरतलब हो की इस गाणे को लेकर लता मंगेशकर का गाना उन दिनो सुनकर पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू नहीं रोक पाए थे अपने आंसू। लता जी अपनी नायाब आवाज से करोड़ों लोगों के दिल जीता। लता मंगेशकर ने अपना पूरा जीवन संगीत को समर्पित कर दिया। चाहें स्टूडियो हो या स्टेज जब वह गाना शुरू करती थीं तो बस हर कोई मंत्रमुग्ध रह जाता था। लता जी इस दुनिया को छोड़ गई हैं लेकिन उनकी आवाज ही पहचान है। उनकी आवाज की वो ताजगी, सादगी और सुरीलापन हमेशा याद रहेगा। लता जी के गानों में वो खनक और कशिश थी कि हर कोई बंधकर रह जाता था। ऐसा ही कुछ हुआ पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के साथ। जब वह लता जी का गाना सुनकर अपने आंसू छलकने से नहीं रोक पाए। 27 जनवरी, 1963 को जब लता मंगेशकर ने 'ऐ मेरे वतन के लोगों' गाना गाया तो पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू भी अपने आंसू नहीं रोक पाए थे। दरअसल यह गीत भारत और चीन के युद्ध के अगले साल गाया गया था। यह गीत उन सैनिको को समर्पित था जो युद्ध में शहीद हो गए थे। इस युद्ध से पूरा देश हिल गया था। आज भी यह गीत लोगों की आंखों में आंसू ला देता है। #Lata Mangeshkar #about lata mangeshkar #Prabhu Kunj #LATA हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article