गीतकार/गायक रकीब आलम अल्लू अर्जुन की फिल्म 'पुष्पा: द राइज' के गानों को मिली प्रतिक्रिया से अभिभूत हैं!

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गीतकार/गायक रकीब आलम अल्लू अर्जुन की फिल्म 'पुष्पा: द राइज' के गानों को मिली प्रतिक्रिया से अभिभूत हैं!

के.रवि (दादा)

यदि हम बीते जमाने के गीतकारों की ही बात करे तो गोपालदास नीरज, संतोष आंनद, भरत व्यास, योगेश गौर, आनंद बक्षी, इंदिवर, साहिर लुधयानवी, कैफी आज़मी, हसरत जयपुरी, जावेद अख्तर, इरशाद कामिल, अमिताभ भट्टाचार्य, अनवर सागर, रणजीत रोहतासी, समीर, प्रसुन्न वाजपेई, नितीन रायकवार से लेकर मनोज मुंतशीर तक के कई प्रसिद्ध गीतकारो ने अपने कलम से अनोखे, अजरामार गीत लिखे और गीतों के चाहनेवाले गीत प्रेमियो को गितोका जखीरा ही सौंप दिया। जिसे लोग आज भी गुनगुनाते हुए नज़र आते हैं। ऐसे में अब के इस 21 वी सदी में भी जरूर कुछ ऐसे गीत लिखे जाते है, जिससे चाहने वालो के आशिर्वाद से बॉक्स ऑफिस तो हिट होता ही है, पर गीतकार का भी नाम अजरामर होता है। जी हां हम बात कर रहें हैं तेलुगु, हिंदी, तमिल, कन्नड़ और मलयालम फिल्मों में अपने गीतों की कलाकृति को जागृत करने वाले गीतकार और गायक रकीब आलम के अल्लू अर्जुन की फिल्म पुष्पा की दुनिया भर में अभूतपूर्व सफलता की।

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रकीब आलम न केवल अभिभूत हैं, बल्कि एल्बम के गीतों ने भी दुनिया भर के दर्शकों के साथ तालमेल बिठाया है और चार्ट में शीर्ष पर है। इस सप्ताह ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेज़न प्राइम पर रिलीज़ हुए हिंदी डब संस्करण को मूल तेलुगु संस्करण की तुलना में पूरे भारत में बॉक्स-ऑफिस पर अधिक सफलता मिली है। 100 करोड़ से भी ज्यादा की कमाई करने वाली साउथ बेस फिल्म 'पुष्पा: द राइज' के हिंदी संस्करण के पूरे एल्बम के बोल प्रशंसित गीतकार रकीब आलम द्वारा लिखे गए थे और अखिल भारतीय संगीतकार देवी श्री प्रसाद द्वारा रचित थे। इसके हिंदी गाने न केवल जनता द्वारा पसंद किए जा रहे हैं, बल्कि दर्शकों को सीधे कहानी के केंद्र में ले जाते हैं, जो फिल्म का तत्व है। भूषण कुमार के टी-सीरीज़ संगीत लेबल के तहत रिलीज़ किए गए हिंदी गाने इंटरनेट पर तूफान ला रहे हैं क्योंकि वे यू ट्यूब संगीत चार्ट पर शीर्ष 5 चार्ट का हिस्सा हैं। जावेद अली का गाया 'श्रीवल्ली' पहले नंबर पर ट्रेंड कर रहा है, इसके बाद यूट्यूब पर दूसरे नंबर पर कनिका कपूर का 'ऊ बोलेगा या ऊ ऊ बोलेगा', सुनिधि चौहान का 'सामी सामी' नंबर 4 पर ट्रेंड कर रहा है, 'आई बिड्डा' नंबर पर ट्रेंड कर रहा है। नकाश अजीज का ये मेरा अड्डा और विशाल ददलानी का जागो जागो बकरे ट्रेंड कर रहे हैं जो उनके द्वारा लिखे गए हैं।

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संगीतकार डीएसपी के साथ अपने जुड़ाव पर बोलते हुए, रकीब आलम कहते हैं, “एल्बम को ट्रेंड करते हुए देखना एक बहुत अच्छा एहसास है और दर्शकों से गानों के लिए इतना प्यार बरस रहा है। जब डीएसपी ने मुझे पुष्पा फिल्म के लिए बुलाया तो मैंने एक पल के लिए भी नहीं सोचा और उसी दिन वहां पहुंच गया। पूरे प्रोजेक्ट का निर्देशन डीएसपी ने किया था और मैंने पहले गाने 'जागो जागो बकरे' और आखिरकार फिल्म के सभी पांच गानों के साथ शुरुआत की। वह बारीकियों और गीतों के सार को बहुत अच्छी तरह से समझते हैं और एक परियोजना को चलाने में हमेशा अच्छे रहे हैं। हमने एक टीम के रूप में स्क्रीन पर जो कुछ भी बनाया है, वह मुझ पर उनके गहन विश्वास और उसी जादू को पैदा करने की हमारी समान दृष्टि का परिणाम है।”

“डीएसपी न केवल मेरे सहयोगी या अच्छे दोस्त हैं, बल्कि वह मेरे लिए एक भाई की तरह हैं और हमारा जुड़ाव बहुत पुराना है। मैं डीएसपी के साथ उनकी पहली फिल्म 'देवी' के बाद से काम कर रहा हूं और तब से उनके लिए कई ब्लॉकबस्टर गाने लिखे हैं, जिनमें ब्लॉकबस्टर तेलुगु फिल्म उप्पेना से 'आ आने अमलापुरम', 'ईश्वर' शामिल हैं। पुष्पा के लिए गीत एक वसीयतनामा है कि संगीत भाषा की बाधाओं को पार करता है, तेलुगु एल्बम के साथ, हिंदी एल्बम भी शीर्ष 5 में ट्रेंड कर रहा है और चार्टबस्टर रहा है। वे अल्लू अर्जुन की आगामी फिल्म 'अला वैकुंठपुरमुलु' का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जहां उन्होंने फिल्म के लिए दो गाने लिखे हैं।

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रकीब आलम एक गायक और गीतकार हैं जिन्होंने टॉलीवुड, बॉलीवुड और कॉलीवुड मनोरंजन उद्योगों में काम किया है और उनकी कलाकृति तेलुगु, हिंदी, तमिल, कन्नड़ और मलयालम भाषा की फिल्मों और गीतों में जारी की गई है। उन्होंने ऑस्कर विजेता फिल्म 'स्लमडॉग मिलियनेयर' में काम किया है। उनके काम में गैंगस्टर, मैक्सिमम, दीपा मेहता की 'वाटर' जैसी कई फिल्में शामिल हैं। उन्होंने रांझणा (एल्बम), 1921 तेरे बीना, पिया तू पिया ऑल अरिजीत सिंह, जिया रे जिया और ताज एंथम ए आर रहमान द्वारा भी काम किया है। अखिल भारतीय परियोजना पुष्पा को हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ सहित कई भाषाओं में रिलीज़ किया गया था। पुष्पा: द राइज की स्ट्रीमिंग ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो पर हो रही है। स्लमडॉग’ के ‘रिंगा-रिंगा’ से है ‘चोली के पीछे’ का कनेक्शन देश भर में तहलका मचा देने वाले साउथ सुपरस्टार अल्लू अर्जुन स्टारर फिल्म ‘पुष्पा: द राइज’ के फिल्म की कहानी, शूटिंग का अंदाज, कलाकारों जा अभिनय, फिल्म के संवाद, संगीत और फिल्म के गानों में हुआ प्रयोग दर्शकों के दिल-दिमाग में छा गया है।

‘पुष्पा’ के सभी गानों पर मिलियंस पोस्ट, रील्स, मीम्स और स्टोरीज सोशल मीडियान पर शेयर हो चुकी है। सभी भाषाओं सहित हिंदी भाषा के गानों ने भी कई नए रिकॉर्ड बना लिए हैं। ‘पुष्पा’ के सभी गानों को हिंदी में लिखने वाले गीतकार रकीब आलम भी खूब सुर्खियों में हैं। रकीब आलम ने अपनी इस ऊंचाई के बारे में बताया कि किस तरह रचित है ‘श्रीवल्ली’, ‘सामी-सामी’, ऊ बोलेगा या ऊ ऊ बोलेगा’, ‘जागो जागो बकरे’ और ‘आई बिड्डा ये मेरा अड्डा’ यह गाने। रकीब आलम संगीत निर्देशक ए आर रहमान के साथ अपने संगीतमय सफर के बारे में कहते है की और फिल्म ‘स्लमडॉग मिलेनियर’ के मेकर्स डायरेक्टर सुभाष घई की सुपरहिट फिल्म ‘खलनायक’ के हिट सॉन्ग ‘चोली के पीछे क्या है’ को खरीदना चाहते थे, लेकिन मुक्ता आर्ट्स ने गाने की ज्यादा कीमत मांग नतीजतन मेकर्स पीछे हट गए और ए आर रहमान के कहने पर रकीब ने ‘रिंगा-रिंगा’ गाना लिखा। रकीब आलम ने ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’, ‘गैंगस्टर’, ‘मैक्सिमम’, दीपा मेहता की फिल्म ‘वाटर’ जैसी कई फिल्मों में भी काम किया है।

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साउथ की डब यह फिल्म 'पुष्पा' की हर बात चाहनेवाले को काफी भा कर चुकी है। फिल्म के एक्शन, रोमांटिक सीन्स से लेकर गाने तक लोगों को खूब पसंद आए हैं। इंटरनेट पर लगातार ट्रेंड कर रहे इन गानों के बारे में तो हम यहां आपको बता ही चुके है। लेकिन आप यह भी जान लिजिए कि पुष्पा के हिंदी गीतकार को काम मिलने का इंतजार है। लिरिसिस्ट रकीब आलम ने 'सामी सामी', 'श्रीवल्ली' और 'जागो जागो' जैसे गानों के लिरिक्स लिखे हैं. वहीं, अब उनके अनुसार ही कि वे किस तरह काम के इंतजार में बैठे हैं। रकीब आलम बेहद खुश हैं कि उनकी फिल्म के गाने सुपर-डुपर हिट हो चुके है। लोगों की जुबान पर पुष्पा चढ़े हुए हैं लेकिन रकीब को आगे काम नहीं मिल रहा है। उनका कहना है कि पहले उन्हें ऐसा लगा था 'पुष्पा' के रिलीज होने के साथ ही उन्हें इंडस्ट्री से बहुत सारा काम मिलेगा लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि रकीब के पास एक भी ऑफर नहीं है। फिलहाल वो किसी भी प्रोजेक्ट पर काम नहीं कर रहे हैं।

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रकीब अनुसार बॉलीवुड में ग्रुप बने हुए हैं, म्यूजिक डायरेक्टर और लेखक की आपस में जोड़ी होती है और एक ही साथ वो काम करते हैं। शायद यही वजह है वो किसी जोड़ी के साथ फिट नहीं बैठते हैं। साथ ही रकीब ने ये भी माना है कि अब उन्हें काम करना है इसलिए वो अपनी खुद की जोड़ी जल्दी बनाएंगे। यदि हम रकीब आलम की जीवनी के बारे में संक्षिप्त में बात करें तो वे एक भारतीय फिल्म गीतकार/गायक हैं, जोकि मुख्य तौर से हिंदी सिनेमा में सक्रिय हैं। रकीब ने पियानोवादक, गैंगस्टर जैसी लोकप्रिय फिल्मों में काम किया है। सिनेमाघरों में हिट होने वाली रकीब की पिछली फिल्म वर्ष 2014 में पियानोवादक थी। 'पुष्पा' साउंडट्रैक को मिली प्रतिक्रिया से काफी उत्साहित हैं, इसे 'शानदार एहसास' कहते हैं।

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रकीब आलम ने तेलुगु, हिंदी सहित भारतीय फिल्म उद्योग के विभिन्न कार्यक्षेत्रों में काम किया है। गीत की सूक्ष्मता और सार को वह बखुबी बहुत अच्छी तरह से समझते हैं और हमेशा एक परियोजना रणनीति में अच्छे रहे हैं। उन्होंने एक टीम के रूप में स्क्रीन पर जो कुछ बनाया है, वह मुझ पर उनके गहरे विश्वास का परिणाम है, और उसी जादू को बनाने के हमारे समान दृष्टिकोण का परिणाम है पुष्पा। वैसे रकिब का मतलब होता है दावेदार और इसी दावे के साथ रकीब आलम पुष्पा : द राइज के गानों की सफलता से अभिभूत हैं!

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