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-शरद राय
सिनेमा शब्द ही अपने आप में बहुत सारे सपनो को समेटे हुए है। और उन्ही सपनो के संसार में बहुत से लोग जीते और मरते है।असम की उभरती हुई थिएटर कलाकार निवेदिता कश्यप उर्फ निवि कश्यप इनदिनों अपने सपनो की उड़ान को पूरा करते हुए दिखाई दे रही है।
एक लम्बे संघर्ष के बाद निवि कश्यप सान मीडिया एंड एंटरटेनमेंट के बैनर तले बन रही फिल्म '' सॉरी मदर '' , और फिल्म '' भगवा '' में काम कर रही है। इसके अलावा सान म्यूजिक द्वारा जारी होने जा रहे एक खूबसूरत म्यूजिक वीडियो में वो नजर आने वाली है। निवि कश्यप से मेरी मुलाकात होती है मुम्बई के कंट्री क्लब में।
अपने संघर्ष के दिनों को याद करती वह कहती हैं, 'अभी भी लड़ाई जारी है, मुझे बहुत से बेब सीरीज में काम करने का प्रस्ताव मिला मगर उनकी शर्तो को देख कर मैं पीछे हट जाती थी, ये सोच कर कि आज नहीं तो कल भगवान् मेरा साथ देंगे और मुझे अच्छा काम मिलेगा। आज उसी का परिणाम है कि मुझे काम मिलना शुरू हो गया है।'
निधि असम से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने के दौरान ही थियेटर से जुड़ गई थी। शरत चंद्र, टैगोर और मोहन राकेश के लिखे कई नाटकों में काम करते हुए उनको सिनेमा में काम करने का शौक लगा और वह मुम्बई आगई।
बॉलीवुड की एक प्रोडक्शन कंपनी में वह बतौर सहायक जुड़कर काम करने जारही थी ताकि अपना खुद का खर्च सम्भाल सकें तभी कोरोना की वजह से लॉक डाउन लग गया। अब जब पूरी फिल्म इंडस्ट्री काम मे जुड़ गई है वह एक्टिंग के लिए अच्छी शुरुवात पा गयी हैं-'ईश्वर आपको खुद ब खुद उस ओर मोड़ देता है जहां आपको जाना होता है।'
'किस तरह के रोल अपनी फिल्मों में कर रही हो और कैसे रोल करना चाहोगी?'
'मेरी दोनो फिल्मों में खास तरह की भूमिका है जो कहानी के टर्निंग पॉइंट हैं। मुझे प्रोडक्शन कम्पनी सान एंटरटेनमेंट ने कहानी पर डिस्कशन करने से मना किया हुआ है। संक्षेप में यही कहूंगी की आजकल की फिल्मों में एक एक पात्र की हैशियत हो गई है।कौन हीरोइन है कौन क्या है का दौर पीछे छूट गया है। मैं वैसे ही रोल करना चाहती हूं जो ऑडिएंस के दिमाग को छू जाए, रोल किसी भी शेड्स में क्यों ना हो।'
'फिल्म इंडस्ट्री में आते हुए लड़कियां डरती हैं, आपके घरवाले भी आपत्ति दर्ज किए होंगे?'
'मेरे साथ मेरी माँ का सपोर्ट रहा है। वह कहती है जो करो पूरी शिद्दत से करो और कामयाब बनो। जब मां का साथ है तो मैं औरों की परवाह क्यों करुं और मैं आज बॉलीवुड में हूं।कल जो मेरे फिल्मों में आने पर मुझे डराते थे, मेरी कामयाबी पर वही तारीफ करेंगे।'
शाहरुख खान और काजोल को अपना आदर्श मानने वाली निवि कश्यप कहती हैं- 'मैं सबसे कुछ न कुछ सीखती हूं। और, जो लोग मुझे सही सपोर्ट किए हैं जैसे संजय अमान जी, मैं उनका शुक्रिया कहूंगी।' फिल्मों में आनेवाली नई लड़कियों के लिए निवि कहती हैं- 'अपने अंदर भरपूर आत्म विश्वास लेकर आएं तभी यहां टिक सकेंगी और कामयाबी के रास्ते पर बढ़ सकेंगी। बॉलीवुड में रहकर काम करने के लिए सिफारिस की नहीं हौसले की ज़रूरत होती है।'