अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर दंगल टीवी के धारावाहिकों की मुख्य अभिनेत्रियों ने भी सभी महिलाओं को अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देने के लिए समय निकाला! एक तरफ जहां महिला दिवस पर इस बात का जश्न मनाया जाता है कि हम महिलाओं के अधिकारों के मामले में कितने आगे आ गए हैं एवं हमें काफी आगे की लंबी राह पर ले जाते हैं, वहीं दंगल टीवी की महिलाओं ने भी महिला सशक्तिकरण और नारी होने के उत्सव पर अपनी राय ज़ाहिर की!
मनपसंद सीरियल मन सुंदर की श्रुति आनंद उर्फ रुचिता कहती हैं, “एक महिला अपने जीवन में एक बेटी, पत्नी, माँ आदि कई भूमिकाएँ निभाती है, लेकिन हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि वह पहले एक महिला है और उसका सम्मान किया जाना चाहिए और उसके साथ समानता का व्यवहार किया जाना चाहिए। नारी की शक्ति उसके अंदर मौजूद होती है। कोई भी महिला कितनी भी शांत व शर्मीली क्यों न दिखे, हर महिला अपने तरीके से उग्र भी हो सकती है और उसके लिए उसका सम्मान किया जाना चाहिए! मुझे मन सुंदर के साथ जुड़कर बहुत खुशी हो रही है, यह एक ऐसा शो है जो महिलाओं का जश्न उनकी तरह से मनाता है!”
दंगल टीवी के चर्चित शो नथ ज़ेवर या जंजीर की लीडिंग लेडी महुआ यानी चाहत पांडे भी इसी तरह के विचार प्रस्तुत करती हैं “मुझे लगता है कि यह समय की मांग है कि महिलाओं के प्रति सभी भेदभाव समाप्त हो जाएं। हमारे शो नथ के साथ, हम भी सदियों पुरानी बाधाओं को तोड़ रहे हैं, जिससे महिलाओं के अधिकारों में क्रांतिकारी बदलाव का रास्ता नज़र आ रहा है। जबकि हमने महिला सशक्तिकरण में बहुत कुछ हासिल किया है, अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। हमें बलात्कार, दहेज हत्या, नरसंहार, उत्पीड़न और घरेलू हिंसा से निपटने के लिए कानूनों में बदलाव और कानूनों के सख्त कार्यान्वयन की भी जरूरत है। उम्मीद है कि एक दिन हम महिलाओं के प्रति सभी कुरीतियों को दूर करेंगे। मैं सभी प्यारी महिलाओं को महिला दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देना चाहती हूं!'
सिंदूर की कीमत में मिश्री का किरदार निभाने वाली वैभवी हंकारे ने भी अपने दर्शकों को महिला दिवस की शुभकामनाएं दीं और कहा 'हालांकि मुझे महिला दिवस का उत्सव पसंद है लेकिन मुझे लगता है कि महिलाओं के प्रति सिर्फ एक दिन नहीं होना चाहिए, वास्तव में पूरे साल महिलाओं का सम्मान किया जाना चाहिए, प्यार और देखभाल के साथ उनके साथ व्यवहार किया जाना चाहिए! हम महिलाएं पैदाइशी फाइटर्स हैं और एक समुदाय के रूप में यहां तक पहुंचने के लिए बहुत सी लड़ाइयां हमने लड़ी हैं और मुझे लगता है कि हमें इसके लिए उत्सव मनाना चाहिए!
रंग जाऊं तेरे रंग में की धानी चौबे उर्फ मेघा रे कहती हैं, ''मैं ज्यादा दूर नहीं जाऊंगी और कहूंगी कि अभ्यास घर से शुरू होता है! मैं सभी महिलाओं से एक दूसरे का समर्थन करने और एक समुदाय के रूप में विकसित होने की अपील करूंगी। ईर्ष्या, किसी के प्रति तुरंत जजमेंट और पाखंड हमारा मजबूत पक्ष नहीं हो सकता है जबकि हम सभी महिलाओं के खिलाफ अपराध, समानता और महिला अधिकार आदि की लड़ाई लड़ने की कोशिश कर रहे हैं।