-के.रवि (दादा)
अपने पति के साथ रिश्ता टूटने पर अभिनेत्री कीर्ति कुल्हारी ने कहा- शादी से बाहर आना साथ रहने से ज्यादा कठिन था। बॉलिवुड की मशहूर अभिनेत्री कीर्ति कुल्हारी ने अपनी टूटी शादी को लेकर अप्रैल माह में यह बात कही थी। कीर्ति कुल्हारी का मानना है कि शादी से बाहर निकलना किसी के साथ रहने के फैसले से कहीं ज्यादा कठिन था।
कीर्ति कुल्हारी अपने पति साहिल सहगल से अलग होने का उन दिनो फैसला किया था। उन्होंने सोशल मीडिया पर घोषणा की थी शादी के पांच साल बाद दोनों लोगों ने आपसी सहमति से अलग होने का फैसला किया था। कीर्ति कुल्हारी ने अब बताया था कि अपनी शादी से बाहर निकलना कोई आसान फैसला नहीं था, यह कुछ ऐसा था जो उन्हें बस करना था। कीर्ती कुल्हारी इस समय बेहतर जगह पर हैं लेकिन उनका मानना है कि शादी खत्म करने के लिए बहुत हिम्मत की जरूरत थी।
शादी से बाहर निकलने को लेकर कीर्ति कुल्हारी ने कहा, 'यह ऐसा फैसला था जो किसी के साथ रहने के फैसले से कहीं ज्यादा कठिन था। एक साथ सब जुड़ते हैं, परिवार और उनकी खुशियां, आइडिया ऑफ लव का जश्न मनाया जाता है। वहीं, दूसरी तरफ आप उस चीज को तोड़ रहे होते हैं, जिसे आपने मिलकर बनाया है। परिवार टूट जाते हैं। यह बहुत कठिन फैसला होता है लेकिन मैंने सोचा कि अगर एक साथ आना मेरी चॉइस थी तो साथ ना रहने का फैसला भी मुझे ही लेना होगा। इन सब में समय लगता है और कुछ चीजों को आपको अपनी जिंदगी से जाने देना जरूरी होता है।' बता दे की 1 अप्रैल 2021 को कीर्ति कुल्हारी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर किया था। इस पोस्ट में कीर्ति कुल्हारी ने लिखा था, 'यह साधारण नोट सभी लोगों को यह जानकारी देने के लिए हैं कि मैंने और मेरे पति साहिल ने अलग होने का फैसला किया है। कागजों पर नहीं, बल्कि जिंदगी में। एक ऐसा निर्णय जो किसी के साथ रहने के फैसले से भी ज्यादा मुश्किल है। ऐसा इसलिए कि जब आप साथ आने का फैसला लेते हैं तो हर वो लोग इसका जश्न मनाते हैं, जो आपसे प्यार करते हैं और आपकी चिंता करते हैं।'
और अब यही कीर्ती कुल्हारी कई बड़े बड़े मनोरंजन के प्रोजेक्ट में अपने अभिनय के जलवे पिरो रही है । जिसमें से एक है हाल ही में डिजनी हॉटस्टार पर प्रदर्शित हिंदी वेबसीरीज हुमन। हांजी वैसे तो हमारे भारत देश के मध्य प्रदेश के भोपाल का गैस कांड 3 दिसंबर 1984 को हुंवा था। जिसपर अब तक कई फिल्में , मालिकाए भी बनी , पर फिर भी इस कांड को लेकर कई तरह के विषयों को मनोरंजन के भांती पिरोने का काम कई फिल्म मेकर करते आ रहे है , जिनमें से एक प्रयास निर्देशक विपुल शाह जी ने भी हुमन नामक इस वेबसिरिज के जरिए करते हुए यह दर्शाया की हुमन एंम्पोपॉरमेंट किं पैट्रीयाकी की कंडीशन पर महिला सशक्तिकरण पर आधारित है। ह्यूमन बॉडी पर होने वाले एक्सपेरिमेंट पर आधारित इस एक्सपेरिमेंट्स को कीर्ती कुल्हारी
अलग तरह से सोचती थी, मगर फिर उन्हें लगा कि अगर किसी टेक्नॉलजी से आप अपनी खूबसूरती को संवार सकते हैं और वो आपको खुशी देती है, तो क्यों नहीं? आप अगर ये सोच कर इस तरह की प्रक्रिया से गुजरना चाहते हैं कि आप में कोई कमी है, तो आप कोई भी जॉब कर लो आपको संतुष्टि नहीं मिलेगी। ये तो अंधा कुआं हैं। आपको सेल्फ वर्थ होनी चाहिए। आप अगर ऐसा कुछ करना चाहती हैं, तो बेशक ना कराएं। कीर्ती कुल्हारी के अनुसार महिलाओं को आज जितनी भी समस्याओं से गुजना पड़ता है, उसका असल रूट पैट्रियाकी है। ये कंडीशनिंग हमें बचपन से दी जाती है, तो जब से इस मुद्दे को लेकर मुझ में समझ पनपी है, मैं अपनी मम्मी या आस-पास की औरतों को जताती रहती हूं कि तुम पैटियाकी की कंडीशन का शिकार हो। मेरे लिए एम्पॉवरमेंट लफ्ज बहुत मायने रखता है। मेरे लिए सशक्तिकरण वो है, जब आप अपनी जिंदगी की डोर अपने हाथों में लेकर अपनी मर्जी से चल सकें। बहुत पैसे कमाने या किसी कंपनी के सीईओ बनने से आप एम्पावर नहीं होंगे। असल सशक्तिकरण वो है, जब आप अपनी चॉइस के आधार पर अपनी जिंदगी जी सकें। पैट्रियाकी के कारण हमें वो डोर नहीं दी जाती। जब से मैंने इस मुद्दे को समझना शुरू किया, तो मुझे ये बातें बहुत बेवकूफी की लगने लगी कि घर के तमाम बड़े फैसले परिवार का मुखिया लेगा। मैं तो अपनी दीदी के बच्चे हों या किसी और के कहती हूं कि उन्हें उनके फैसले करने की इजाजत दें।
इसलिए आज पति से अलग होकर भी कीर्ती कुल्हारी अभिनय की दुनियां में बेहतरीन प्रदर्शन कर रही हैं। डिज़नी+ हॉटस्टार के ‘ह्यूमन’ का ट्रेलर लॉन्च हुआ है तभी से बेहद पसंद किया जा चुका था। बता दें कि इसमें भारत में ह्यूमन ड्रग ट्रायल पर आधारित एक मेडिकल थ्रिलर है। सस्पेंस थ्रिलर, ह्यूमन, दवाइयों की दुनिया और हत्या, रहस्य, वासना और हेरफेर की मनोरंजक कहानी के साथ लोगों पर इसके प्रभाव के अप्रत्याशित रहस्यों को उजागर करती है यह वेबसीरीज। जिसमें कीर्ति कुल्हारी नजर आई है।
वेब सीरीज 'ह्यूमन' की कहानी भोपाल के मंथन अस्पताल की मालकिन डॉ.गौरी नाथ (शेफाली शाह) और उनकी सहयोगी डॉ. सायरा सभरवाल (कीर्ति कुल्हारी) के इर्द-गिर्द घूमती है। वेब सीरीज की शुरूआत भोपाल के वायु फार्मा लैब से होती है। वहां दिखाया जाता है कि दवाइयों का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है, जिसके लिए चूहों और खरगोश का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन सफल परीक्षण के बाद इन दवाओं को ह्यूमन ट्रायल के लिए भेजा जाता है। दूसरी तरफ डॉ.सायरा सभरवाल मंथन अस्पताल ज्वाइन करती है। डॉ. गौरी नाथ अपने पार्टनर की इच्छा के खिलाफ जाकर डॉ. सायरा का चयन करती हैं, क्योंकि उनको पता है कि वो अपने काम में माहिर हैं। इसके साथ ही डॉ.गौरी को अपने एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के लिए भी डॉ. सायरा मुफीद नजर आती हैं। डॉ.सायरा के दिल में डॉ. गौरी के लिए अथाह सम्मान है।
वायु फार्मा का मालिक एक सरकारी डॉक्टर की मदद से दिल के मरीजों की नई दवा एस 93 आर ह्यूमन ट्रायल शुरु कर देता है। इसके लिए शुरू में आठ लोगों को दवा दी जाती हैं। और इसमें एक शख्स की मौत हो जाती है। इस मामले को किसी तरह दबाने की कोशिश होती है, लेकिन ट्रायल किसी भी कीमत पर जारी रखने की कोशिश की जाती है। इसी के तहत गरीबों और मजबूरों को निशाना बनाया जाता है। उनको पैसों का लालच दिया जाता है। इसी लालच में एक झुग्गी-बस्ती में रहने वाला एक लड़का मंगू (विशाल जेठवा) भी आ जाता है। वो अपनी मां को भी क्लिनिकल ट्रायल के लिए ले जाता है। लेकिन दवा रिएक्शन कर जाती है। वह तड़प-तड़प कर मर जाती है। मंगू जैसे और भी लोग हैं, जिनके परिवारवाले ट्रायल के खराब नतीजे भुगतते हैं। क्या इन पीड़ितों को न्याय मिलता है? इसे जानने के लिए वेब सीरीज देखनी होगी।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का नाम सामने आते ही साल 1984 में हुई गैस त्रासदी की भयावह तस्वीरें सामने दिखने लगती हैं। इस गैस कांड में यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड के प्लांट से मिथाइलआइसो सायनाइट गैस के रिसाव होने के बाद सरकारी आंकड़ों में तो 5000, लेकिन हकीकत में 16000 से ज्यादा लोग मारे गए थे। करीब 6 लाख लोग सीधे तौर पर प्रभावित हुए थे। हर तरफ चीख-पुकार थी। कोहराम मचा हुआ था। इस खौफनाक मंजर की निशानी आज तक भोपाल में मौजूद है। शायद भोपाल की इसी छवि भुनाने के लिए वेब सीरीज को उसी पृष्ठभूमि में बनाया गया है। इस वेब सीरीज के लेखकों मोजेज सिंह और इशानी बनर्जी तारीख के काबिल हैं, जिन्होंने एक संवेदनशील विषय पर आधारित इतनी रोचक और दिलचस्प कहानी लिखी है। जो पहले से लेकर आखिरी एपिसोड तक अपनी पकड़ बनाए रखती है।
इसकी मुख्य कहानी के साथ ही कई और प्लॉट भी हैं। यह सब एकसाथ चलते रहते हैं। मेन प्लॉट और सब प्लॉट दर्शकों को बांधे रखते हैं। इसमें हर प्रमुख किरदार की अपनी कहानी है, जो समवेत रूप में वेब सीरीज को मजबूत बनाती है। इसका श्रेय निर्देशकों विपुल अमृतलाल शाह और मोजेज सिंह को जरूर दिया जाना चाहिए। वैसे भी विपुल ने इस सीरीज के लिए पांच साल तक कठिन परिश्रम किया है, जिसमें दो साल तो कहानी को मुकम्मल रूप देने में ही लग गया था। विपुल शहा पहले इसे फिल्म बनाना चाहते थे, लेकिन विस्तृत कंटेंट की वजह से वेब सीरीज बनाने का फैसला किया। इसमें पूरी टीम की मेहनत साफ नजर आती हैं। श्रीराम कन्ना अयंगर और सुजीत सुभाष सावंत का प्रोडक्शन डिजाइन रीयलिस्टिक लगता हैं। सिनेमेटोग्राफर सिरशा रे ने भोपाल की आंतरिक और बाह्य सुंदरता को अपने कैमरे में बखूबी कैद किया है। वेब सीरीज की कास्टिंग भी बेहतरीन की गई है। हर किरदार के लिए उपयुक्त कलाकारों का चयन किया गया है। डॉ.गौरी नाथ के किरदार में शेफाली शाह जान डाल दी है।
दवा की दुनिया की स्याह हकीकत को उजागर करती हुईं नजर आति है वेब सिरीज 'ह्यूमन'। भारत में ड्रग ट्रायल पर आधारित मेडिकल थ्रिलर ड्रामा वेब सीरीज 'ह्यूमन' डिज्नी+हॉटस्टार पर स्ट्रीम हो रही है। विपुल अमृतलाल शाह और मोजेज सिंह द्वारा निर्देशित इस वेब सीरीज में विशाल जेठवा, राम कपूर, सीमा बिस्वास और मोहन अगाशे अहम किरदारों में हैं। गौरतलब हो की क्लीनिकल रिसर्च के तहत जब कोई रिसर्च किया जाता है तो उसे क्लीनिकल या ड्रग ट्रायल कहते हैं। जब किसी बीमारी के रोकथाम के लिए कोई टीका या दवा तैयार किया जाता है, तो उसका क्लीनिकल ट्रायल से परीक्षण किया जाता है। ह्यूमन ड्रग ट्रायल की शर्ते बहुत कठिन होती हैं, जिसकी वजह से ज्यादातर फार्मा कंपनियां कुछ डॉक्टरों के साथ मिलीभगत करके चुपके से लोगों पर क्लीनिकल ट्रायल करती हैं।
इस तरह से अपने करोड़ों के फायदे की खातिर ये कंपनियां लोगों की जान को खतरे पर डाल देती हैं। इसकी वजह से हर साल हजारों लोगों की मौत हो जाती है। फार्मा कंपनियों और डॉक्टरों की इन्हीं काली करतूतों को वेब सीरीज 'ह्यूमन' में उजागर किया गया है। नेटफ्लिक्स की बहुचर्चित वेब सीरीज 'दिल्ली क्राइम' के बाद पहली बार शेफाली शाह एक सशक्त केंद्रीय भूमिका में दिखाई दी हैं। अपने किरदार के लिए की गई उनकी मेहनत तो इसमें दिखाई देती है, लेकिन थोड़ा बनावटीपन भी दिखता है। ऐसा लगता है कि अपने पिछले परफॉर्मेंस की लोकप्रियता के दबाव में आकर शेफाली अपने इस किरदार में सहज नहीं रह पाती हैं. हालांकि, वेब सीरीज की कहानी और पटकथा इतनी दुरुस्त लिखी गई है कि आप एक पल के लिए नजर नहीं हटा सकते हैं। वेब सीरीज की रोचक कहानी इसे बिंज-वॉचिंग बनाती है।
वैसे तो इन दिनों की ज्यादातर वेबसिरिजो में किस करना बहुत आम सा ही नजर आता है। इस बेबसिरीज में शेफाली शाह को किस करने पर डर था कहीं बोली कीर्ती कुल्हारी। जो इस समय 'ह्यूमन' को लेकर चर्चा में है। इस सीरीज में कीर्ति ने शेफाली शाह को किस किया था, इसपर ही लेकर अभिनेत्री. कीर्ति कुल्हारी लाइमलाइट में बनी हुई है. इस सीरीज में कीर्ति और शेफाली ने एक-दूसरे को किस भी किया है और इस सीन की चर्चा सोशल मीडिया पर काफी हो रही हैं। इस सीन की शूटिंग के समय कीर्ति के मन में क्या चल रहा था इसपर एक्ट्रेस कीर्ति कुल्हारी ने कहा, 'मेरे लिए अभी भी एक महिला के साथ वो केमिस्ट्री क्रिएट कर पाना थोड़ा अजीब है। वैसे हाव-भाव दिखा पाना जैसे असल में होने चाहिए। मैं किसी पुरुष की तरफ आकर्षित होती हूं इसलिए मेरे लिए ये थोड़ा अलग था। कीर्ति कुल्हारी ने आगे कहा, 'मैं तो बस ये सोच रही थी कि क्या होगा अगर मैंने उसे किस किया और मुझे कुछ महसूस हो गया। क्या होगा अगर मैंने उसके साथ लिपलॉक किया और मैं उत्तेजित हो गई?' उन्होंने आगे कहा, हमने पहली बार इसे किया और हम दोनों ऐसे थे कि ओके। मुझे ये सोचकर राहत मिली कि भगवान का शुक्र है कि कुछ फील नहीं हुआ। कीर्ति कुल्हारी के अनुसार सिरीज में किस के अलग-अलग एंगल से 8-10 टेक लिए गए थे।
वेबसीरीज 'ह्यूमन' में आप डॉक्टर का रोल प्ले करने के लिए रोल की तैयारी के लिए कीर्ती को डॉक्टरों की दुनिया अनजान नहीं है। उनकी दीदी 15 सालों से डॉक्टर हैं। और उनके जीजू भी डॉक्टर हैं और ये दोनों आर्मी में कार्यरत हैं, तो जब कीर्ति को इस रोल का ऑफर मिला, तो उन्होंने खुश होकर दीदी-जीजाजी को कहा, मैं आप लोगों का रोल प्ले करने जा रही हूं। कीर्ती ने अपने सायरा के रोल को समझने के लिए दीदी से काफी सवाल-जवाब भी किए। वे सीरीज में कार्डियक सर्जन बनी है , तो उनकी साइकी, उनके मरीजों से उनका रिश्ता जैसी तमाम बातों की पड़ताल की।
यह सीरीज ह्यूमन ड्रग ट्रायल पर आधारित होने के कारण कीर्ती ने इस पहलू पर भी काफी रिसर्च की। इसमें कई हार्ड हिटिंग मुद्दे देखने को मिलेंगे। मगर फिर भी दुर्भाग्य से ऐसी चीजें होती हैं। और अभिनेत्री शेफाली शाह के साथ साथ कीर्ति कुल्हारी ने इस दमदार अभिनय को बखूबी निभाकर अपनी कीर्ति को मनोरंजन की दुनियां में मजबूत बनाया है। जिसे भोपाल त्रासदी के हाहाकार पर बनी बेबसीरीज हुमन में दर्शाया गया है!