-शरद राय
बीता साल और आनेवाला समय महिलाओं के वर्चस्व के उत्थान का है, ऐसा कहा जा सकता है। बॉलीवुड में भी यह बदलाव देखा जा रहा है। कई हीरोइनें अब सिर्फ पर्दे पर आंसू बहाने वाली बनकर नही रह गई हैं और ना ही वे रोमांस की डॉल बनकर रहना चाहती हैं।वे 'क्रिएटर' की कुर्सी पर आसीन हो रही हैं। इस धारणा को मजबूती देने वाला बॉलीवुड की तारिकाओं में नया नाम है परिणीति चोपड़ा का। परिणीती ने कहा है कि वह निर्मात्री बनने जा रही हैं और साथ ही गायिका भी बनने जा रही हैं। उनका मानना है कि खुद महिलाएं आगे बढ़कर काम करेंगी, तभी एक महिला की अंदर की सोच बाहर आपाएगी।
'बतौर फिल्म निर्मात्री बनकर ही सोचा जा सकता है कि 'कंटेंट' महिलाओं को लेकर कैसा हो? जब कोई महिला फिल्म मेकर होगी तभी वह अपनी छुपी सोच को बाहर लेकर आपाएगी।' कहना है परिणीति का।' प्रोडक्शन में आने की सोचने वाली एक्ट्रेस परिणीति पहली नहीं हैं। आज कई हीरोइनें फिल्म निर्माण में भागीदारी कर रही हैं। अनुष्का शर्मा, दीपिका पादुकोण, माधुरी दीक्षित(मराठी में) और परिणीति की चचेरी बहन प्रियंका चोपड़ा फिल्म निर्मात्री बन चुकी हैं। ' मैं किसी प्रतियोगिता में नही, देखा देखी में नही बल्कि अपनी सोच को लेकर काम करने की इच्छुक हूं।'
परिणीति इस बात पर सहमत हैं कि फिल्म इंडस्ट्री में जहां पहले पूरी तरह पुरुष वर्चस्व ही था, अब महिलाएं सामने आने लगी हैं।वह कहती हैं कि गीतकार, लेखिका, निर्मात्री, निर्देशिका बनकर महिलाओं के आने से कंटेंट बदला है लेकिन अभी सिर्फ शुरुवात ही दिखा है। स्त्री पूरी तरह खुद को सामने रखकर सोचे और काम करे इतनी जरूरत है। वह फिल्म बनाने की सोच रखती हैं जिसपर काम किए जाने की तैयारियों पर खुलासा नही करती लेकिन मानती हैं कि वे जो करेंगी, बनाएंगी उसमें नारी की अपनी सोच को बाहर लाने की कोशिश होगी। यह तभी होगा जब नारी स्वयं क्रियेटर रहेगी।
परिणीति गायिका भी बनना चाहती हैं।वह कहती हैं गायन उनके जेन में है। वह फिल्म//के लिए एक गीत// गाई थी और उनके प्रोग्राम में फिल्म और एलबम के लिए गाने की तैयारियां भी हैं। बहरहाल परिणीति कुछ विशेष करने की सोच रखती हैं जिसमे महिलाओं के सरोकार की हिमायती बनने की अस्पस्ट इच्छा भी है। हमतो शुभ कामना ही देंगे क्योंकि उनकी सोचमे पॉजिटिविटी है। वह बॉलीवुड में बदलाव चाहती हैं नारी उत्थान के साथ।
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