कभी-कभी पूरी तरह से अनजान लोग भी हमारी आत्मा को इस तरह छू लेते हैं कि उन्हें भूलना मुश्किल हो जाता है. पिया वाजपेयी ने हाल ही में अपनी एक हवाई यात्रा के दौरान कुछ ऐसा ही अनुभव पाया और उन्होंने अपने व्लॉग पर स्टोरी शेयर की.
पिया ने बताया कि “जब मैं लखनऊ से मुंबई ट्रेवल कर रही थी, तो मुझे एक महिला से मिलने का सबसे अद्भुत अनुभव हुआ, जो पहली बार अपने बेटे के साथ हवाई यात्रा कर रही थी. साधारण साड़ी पहने महिला अपने आस-पास की हर चीज के बारे में पूरी तरह उलझन में थी और मैं उनकी इस मासूमियत के कारण उनकी ओर खिंची चली गई. उनकी सीटें मेरे बगल में थी. जब मैंने देखा कि वे अपनी सीट बेल्ट और अन्य व्यवस्थाओं से काफी उलझनों में थी, तो मैंने उनकी मदद की. मैंने उस महिला को अपनी खिड़की के बगल वाली सीट देने की पेशकश की. महिला को समझ में नहीं आया कि मैं ऐसा क्यों कर रही थी. मैंने उन्हें समझाया कि क्योंकि यह उसकी पहली हवाई यात्रा है, इसलिए बाहर देखने का मैं उन्हें पूरा आनंद देना चाहती थी. उस छोटे से इशारे ने महिला और बेटे को इतना खुश कर दिया कि वे मुझे धन्यवाद देना बंद नहीं कर रहे थे. मेरे इतने छोटे से प्रयास से उन्हें जो खुशी मिली उससे मुझे बहुत अच्छा लगा और मुझे उनमे अपनी माँ का प्रतिबिंब दिखने लगा. यह अनुभव इतना अच्छा था कि मै शब्दों में वर्णन नही कर सकती, और मुझे आश्चर्य लगा कि क्या कोई अजनबी हमें हमारे अपने प्रियजन की तुलना में इतना प्यार करते है?”