Review बच्चन पांडे: फिल्म टुकड़ों में आपको हंसाती है, रुलाती है और थोड़ा डराती है लेकिन हर वक़्त आपका ध्यान बांधे रखे उसमे चूक जाती है

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Review बच्चन पांडे: फिल्म टुकड़ों में आपको हंसाती है, रुलाती है और थोड़ा डराती है लेकिन हर वक़्त आपका ध्यान बांधे रखे उसमे चूक जाती है

-यश कुमार

बड़े त्योहारों के दिन सिनेमा घरों में बड़े बड़े बॉलीवुड कलाकारों की फिल्में लगना एक काफी पुरानी प्रथा हैं जो चली आ रहीहै और 18 मार्च को होली के दिन इस प्रथा को आगे बढ़ाते हुए सिनेमा घरों में दस्तक दी अक्षय कुमार की नई फिल्म 'बच्चन पांडे' ने जिसमे अक्षय कुमार के साथ-साथ नज़र आएं हैं अरशद वारसी, कृति सेनन, जैकलिन फर्नांडेस और पंकज त्रिपाठी भी और इस फिल्म के निर्माता हैं फरहाद सामजी। बच्चन पांडे एक एक्शन कॉमेडी फिल्म है जिसे हर कोई एक बार अपने पूरे परिवार के साथ ज़रूर देख सकता है, शर्त ये है की अपना दिमाग और सारी समझ को सिनेमा हॉल के बहार रख के आए तभी इस फिल्म का आनंद ले पाएंगे।

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बच्चन पांडे बाघवा में रहने वाला एक गुंडा है जिसकी दहशत के चर्चे हर जगह फैले हुए हैं और हर कोई बच्चन पांडे के नाम से ही काँपता है, बच्चन पांडे की एक आँख पथ्थर की है और लोगों को मारना और अपना भौकाल बनाये रखना बच्चन पांडे को बेहद पसंद है और जो कोई भी लोगों के दिलों में बच्चन पांडे का डर खत्म करने की कोशिश करता है उसको बच्चन पांडे मौत का तोहफा देता है और ऐसे में मुंबई की एक उभरती हुई फिल्म निर्माता मायरा जिसका किरदार कृति सेनन ने निभाया है जो बच्चन पांडे की ज़िन्दगी के उपर एक फिल्म बनाने के बारे में सोचती है और उसके चलते वो पहुँचती हैं बाघवा जहाँ पर बच्चन पांडे की दहशत है और यहां उनकी मदद करते हैं उनके दोस्त और कलाकार विभु जिसका किरदार निभाया है अरशद वारसी ने जिनको अपनी फिल्म में काम दिलाने के बहाने कृति सेनन उनसे मदद मांगती हैं बच्चन पांडे तक पहुँचने के लिए और उनकी ज़िन्दगी के बारे में जानने के लिए, लेकिन क्यूंकि बच्चन पांडे खून खराबे के काफी शौक़ीन हैं तो इस वजह से मायरा और विभु को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है बच्चन पांडे से मिलने के लिए। तो अब क्या मायरा बच्चन पांडे की ज़िन्दगी के उपर ये फिल्म बनाने में कामयाब होंगी? और क्या बच्चन पांडे उनकी मदद करेंगे? ये आपको पता लगेगा इस फिल्म को देखने के बाद ही।

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फिल्म की कहानी तेलुगु फिल्म जिग्राठंडा से उठाई गयी है जिसको फिल्म के निर्माता फरहाद सामजी ने अपने हिसाब से तोड़ मरोड़ के जनता के सामने पेश किया है। देखा जाए तो बच्चन पांडे की कहानी एक ठीक ठाक मसाला कहानी है जिसमे कॉमेडी डायलाग आपके चेहरे पर ज़रूर हंसी ला सकते हैं, पंकज त्रिपाठी ने इस फिल्म में एक छोटा सा रोल निभाया है और वो जब जब पर्दे पर आए लोगों को हंसने पर मजबूर कर दिया। रही बात अक्षय कुमार की तो उन्होंने अपना काम काफी अच्छे तरीके से किया है और विलन के रोल में अक्षय कुमार काफी अच्छे तरीके से जचे हैं और अपनी दहशत से सबको ज़रूर खौफ में ले आते हैं, वहीँ कृति सेनन के काम में कुछ भी नयापन नहीं था कृति ने वैसा ही काम किया है जैसा की वो अबतक करती आयी हैं, मिमी फिल्म के बाद से कृति सेनन से लोगों की उमीदें और भी काफी ज़्यादा बढ़ चुकी हैं, वहीँ अरशद वारसी ने भी अपना काम ठीक ठाक तरीके से ही किया है और उनके किरदार में भी कुछ ख़ास नहीं था ना ही उनके हास्य से भरे डायलॉगस थे और अंत में जैकलिन फर्नांडेस जो की एक काफी छोटे रोल के लिए फिल्म में आती हैं, जैकलिन फर्नांडेस ने बच्चन पांडे की मेहबूबा का रोल निभाया हैं और जैकलिन के पास भी फिल्म में करने के ज़्यादा कुछ नहीं था। बच्चन पांडे फिल्म में 4 गाने हैं जो कि इस फिल्म में कब आ जाएंगे लोगों को कोई अंदाज़ा नहीं रहेगा फिर भी फिल्म का गाना 'हीर राँझा' और 'मेरी जान' सुनने में काफी अच्छे लगते हैं। फिल्म के निर्माता फरहाद सामजी का भी निर्देशक कुछ ख़ास अच्छा नहीं है और इस फिल्म की लिखावट भी कुछ ओर अच्छी की जा सकती थी

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बच्चन पांडे फिल्म शुरुवात से लेके अंत तक सिर्फ और सिर्फ अक्षय कुमार के कन्धों पर चलती है और यदि आप अक्षय कुमार के बहुत बड़े फैन हैं तो ये फिल्म आपको अच्छी लग सकती है, यदि नहीं तो इस फिल्म का OTT  प्लेटफार्म पर आने का इंतज़ार करना ही ठीक रहेगा बच्चन पांडे एक काफी फैली हुई फिल्म है जो की टुकड़ों में आपको हंसती है, रुलाती है और थोड़ा डराती है लेकिन हर वक़्त आपका ध्यान बांधे रखती हैं, और फिल्म में कृति सेनन यानि मायरा ने डायरेक्टर का रोल बहुत अच्चा निभाया हैं। फिल्म के सवांद पटकथा और पंच लाइन कमल कि हैं।

रेटिंग- 3.5 / 5 stars

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