Review ATTACK: फूस बोम्ब दिखाती है फिल्म अटैक By Mayapuri Desk 01 Apr 2022 in गपशप New Update -यश कुमार रेटिंग- 2.5 stars भारतीय सेना में काम करने वाले जांबाज़ फौजी 'अर्जुन शेरगिल' जिसका किरदार निभाया है जॉन अब्राहम ने अपनी निडरता के लिए जाने जाते हैं और अपनी टीम के साथ पाकिस्तान में घुस के एक आतंकवादी को पकड़ते है लेकिन एक हादसे के चलते अर्जुन शेरगिल का शरीर उनका साथ छोड़ देता है और बेजान हो जाता है जसिके बाद अर्जुन शेरगिल की माँ उनके ध्यान रखती है। दूसरी तरफ भारत की RAW इस वक़्त एक ऐसी टेक्नोलॉजी के उप्पर काम कर रही होती है जो की उन लोगों की मदद कर सकती है जीनका शरीर अब बेजान हो चूका है और उस टेक्नोलॉजी की मदद से भरिता सेना में 'सुपर सोल्जर्स' को भर्ती करने का प्लान किया जाता है और इस टेक्नोलॉजी का ऐजाज़ किया है 'सबा' ने जिसका किरदार निभाया है रकुल प्रीत सिंह ने जिसके ट्रायल के लिए चुना जाता है अर्जुन शेरगिल को जो की अब अपाहिज है। अर्जुन शेरगिल इस ऑपरेशन के लिए मान जाते हैं और इसके बाद उनके अंदर एक चिप के ज़रिये डाला जाता है IRA को जो की एक कंप्यूटर प्रोग्राम है और अर्जुन को अपना बेजान शरीर चलाने में मदद करती है, बिना IRA के अर्जुन का शरीर बेजान ही है। IRA अर्जुन को काफी ज़्यादा ताकत देती है जिसकी मदद से अर्जुन आधा इंसान और आधा रोबोट बन चुके हैं और अब उनकी बारी है भारतीया सेना की मदद करना। पाकिस्तान से आए कुछ आतंकी दिल्ली में स्थित पार्लियामेंट में अटैक को अंजाम देते हैं जहाँ पर काफी सारे लोगों को बंधी बनाया जाता है भारत के प्रधान मंत्री के साथ, तो अब ये ज़िम्मेदारी अर्जुन को दी जाती है की वो अब पार्लियामेंट में घुस के उन सभी लोगों की ज़िन्दगी बचा सके और उन आतंवादियों को पकड़ सके। तो अब क्या अर्जुन IRA की मदद से उन आतंकवादियों को पकड़ पाएंगे या नहीं ये आपको फिल्म देख कर पता लगेगा। फिल्म का कांसेप्ट काफी अच्छा है पर जिस तरीके से इसको दर्शाया गया है वो लोगों को देखने में उतना मज़ा नहीं आता है जितना की आना चाहिए था। फिल्म को काफी संक्षेप में दिखाया गया है, 2 घंटे की ये फिल्म लोगों का समय ज़्यादा बर्बाद नहीं करती है और सिर्फ ज़रूरी सीन को रख के फिल्म के निर्देशक लक्ष्य राज आनंद ने काफी अच्छा काम किया, क्यूंकि इससे ज़्यादा इस फिल्म को झेला भी नहीं जा सकता था। फिल्म में मुखिया भूमिका में है जॉन अब्राहम, जैकलिन फर्नांडेस, रकुल प्रीत सिंह और प्रकाश राज जिनमे से देखा जाए तो प्रकाश राज के आलावा किसी का भी काम उतना अच्छा नहीं है। इकलौती चीज़ जो इस फिल्म को मनोरंजक बनाती है वो है इस फिल्म का एक्शन जिसको बहुत ही अच्छे तरीके से दर्शाया गया है और कमाल की सिनेमेटोग्राफी के चलते ये फिल्म कुछ कुछ जगह पर अच्छी दिखती है। गांव की बात की जाए तो फिल्म में 3 गाने आते है जो की कब आके कब चले जाएंगे लोगों को समझ नहीं आएगा। ज़बरदस्त एक्शन, कमाल vfx और बेहद फूस कहानी जॉन अब्रहाम की फिल्म अटैक को एक ठीक ठाक फिल्म बनती है, जो की एक्शन पसंद करने वाले लोगों को फिर भी अच्छी लग सकती है और इसे बड़े पर्दे पर देखना चाहे तो देख सकते हैं वरना फिल्म के OTT पर आने का इंतज़ार करना ही बेहतर है। #attack: #Review ATTACK हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Latest Stories Read the Next Article