रेटिंग– 4.5/5 stars
-यश कुमार
काफी लम्बे इन्तेज़र के बाद और कोरोना से जंग जीतने के बाद आखिर कार आलिया भट्ट और संजय लीला भंसाली की फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' सिनेमा घरों में दस्तक दे चुकी है जिसका सभी लोगों को काफी वक़्त से इंतज़ार था।
गंगूबाई काठियावाड़ी की कहानी असल घटनाओ के उप्पर आधारित है जिसमे गंगूबाई का किरदार निभाया है अभिनेत्री आलिया भट्ट ने और इस फिल्म में उनके साथ नज़र आएं हैं अभिनेता अजय देवगन, सीमा पाहवा, विजय राज़ और शांतनु माहेश्वरी साथ ही इस फिल्म के निर्माता हैं संजय लीला भंसाली।
गंगूबाई का बचपन में नाम गंगा होता है जो की गुजरात के शहर काठियावाड़ी में रहती है और फिल्मों में काम करने के इरादे से गंगा काठियावाड़ी में अपने परिवार को छोड़ अपने आशिक़ रमणीक के साथ मुंबई आ जाती है जहाँ पर रमणीक गंगा को 1000 रूपए में मुंबई के कमाठीपुरा में कोठा चलाने वाली अपनी मासी को बेच देता हैं जिसका किरदार निभाया है सीमा पाहवा ने जो की गंगा को ज़बरदस्ती एक वैश्या बना देती है जिसके बाद गंगा अपना सब कुछ हार जाती है और उस दिन जनम होता है गंगूबाई का जिसको प्यार से लोग गंगू बुलाते हैं जो की कमाठीपुरा में काम करने वाली एक वैश्या होती है जिसके हज़ारों चाहने वाले हैं।
और अपनी बढ़ती उम्र के साथ गंगू और भी ज़्यादा सख्त हो जाती है और अपने साथ काम करने वाली हर वैश्या का गंगू अछि तरह से ख्याल रखती है, और वहीँ गंगू का एक ही सपना होता है की हर वैश्या को भी समाज में बराबर की इज़्ज़त और हक़ मिले और हर वैश्या भी अपना जीवन सुखी से जी सके जिसके लिए गंगू उन सभी वैश्याओं की नेता बनती हैं तो अब क्या गंगू सभी वैश्याओं को अपनी इज़्ज़त और हक़ दिला पाएंगी या नहीं ये आपको इस फिल्म को देखने के बाद ही पता लगेगा
फिल्म की कहानी एकदम नई है और सत्य घटनाओ से प्रेरित है वहीँ इस फिल्म में मुखिया रोल में आलिया भट्ट ने अपने पूरे फिल्मी करियर का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया है और आलिया भट्ट गंगू के रोल में बेहद ज़बरदस्त लगी हैं और जो दर्द गंगू की आँखों में दीखता है उसे आलिया भट्ट ने बहुत ही अच्छे से पेश किया है जिसके लिए आलिया को पूरे नंबर मिलना चाहिए। फिल्म के पहले सीन से लेके फिल्म के आखरी सीन तक जब जब गंगू स्क्रीन पर आती है वो लोगों का दिल छू लेती है। इसके आलावा फिल्म में एक छोटे से रोल में नज़र आये हैं अजय देवगन भी जो की लाला का किरदार निभा रहे हैं, लाला मुंबई शहर का एक बहुत बड़ा गुंडा है जो की अपने उसूलों के लिए जाना जाता है और ज़िन्दगी गंगू को उस मोड़ पर ले आती है जब उसका सामना लाला से होता है और लाला गंगू को अपनी छोटी बेहेन मानता है।
कैसे? ये आपको फिल्म देख के पता लगेगा। वहीँ विजय राज़ इस फिल्म में रज़िया बाई का किरदार निभा रहे हैं जो की कमाठीपुरा की अध्यक्ष होती है और गंगू की सबसे बड़ी दुश्मन, और वहीँ शांतनु माहेश्वरी जो की अफ़सान का किरदार निभा रहे हैं जो की गंगू के चाहने वाले होते हैं और उनसे बेहद प्यार करते है और इन सभी किरदारों ने भी अपना काम काफी अच्छे तरीके से किया है जो की आपको देखने में काफी अच्छा लगने वाला है, अजय देवगन लाला के किरदार में जब भी सामने आएंगे लोगों को पसंद आएगे, वहीँ गंगू और अफ़सान का रोमांस भी फिल्म में काफी अच्छे तरीके से दर्शाया गया है।
फिल्म की कहानी और किरदार जितने अच्छे हैं फिल्म के गाने और फिल्म को जिस ख़ूबसूरती के साथ पेश किया गया है वो भी देखने में काफी अच्छा लगता है जिसका पूरा श्रेय जाता है फिल्म के निर्माता संजय लीला भंसाली को जिन्होंने इस फिल्म के अंदर जान डाली है। कमाठीपुरा को इतने बेहतरीन तरीके से दिखाने के लिए संजय लीला भंसाली को दात देनी बनती है।
गंगूबाई काठियावाड़ी एक पारिवारिक फिल्म है जिसमे कोई भी भदा सीन नहीं है लेकिन फिल्म के कुछ बोल ऐसे है जिनको छोटे बच्चों के साथ ना ही देखा जाए तो बेहतर है, लेकिन ये एक पूरी पैसा वसूल फिल्म है जिसे लोग ज़रूर पसंद करेंगे।