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-ज्योति वेंकटेश
निर्माता: ब्लूमफ़ेयर प्रोडक्शंस
निर्देशक: धीरज मिश्र और राजा रणदीप गिरी
कलाकार: अहमद कबीर शादान, रितु सूद, जरीना वहाब, रजा मुराद, कविता ठाकुर , प्राची वोहरा प्रदीप काबरा, पुनीत अग्रवाल
रिलीज़ प्लेटफार्म: थिएट्रिकल
रेटिंग: तीन स्टार
चंद्रशेखर आज़ाद की बायोपिक
क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद के जीवन पर आधारित कई फ़िल्में बॉलीवुड में पहले भी बनायी गयी हैं इसलिए आज़ादी की इस कहानी को बड़े पर्दे पर पहले भी दर्शकों ने पर्दे पर देखा हैं लेकिन इस सप्ताह प्रदर्शित 'हीरो ऑफ द नेशन ‘‘चंद्रशेखर आजाद’’ अपने रियल लोकेशन और शानदार अभिनय से असर छोड़ती हैं।
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चंद्रशेखर आज़ाद के जीवन के कई पहलू से लोग आज भी अनजान हैं सुरक्षा कारणों से एक क्रांतिकारी के रूप में हमेशा चंद्रशेखर आज़ाद का जीवन रहस्यमय था। फ़िल्म में कई प्लॉट और संवाद हमें उनके आज़ादी की इस लड़ाई से जोड़ते हैं। बचपन से ही विद्रोही स्वभाव के चंद्रशेखर आज़ाद देश के लिए एक संगठन बनाना , बिना किसी आर्थिक सहायता से एक कठिन लड़ाई लड़ना और देश के लिए सब कुछ समर्पित कर देने के जज़्बे को फ़िल्म के प्रभावशाली तरीके से दिखाया गया हैं। काकोरी कांड, लाला लाजपत राय , असेम्बली में बम्ब विस्फोट सहित कई महत्वपूर्ण घटनाओं के साथ यह फ़िल्म स्वतंत्रता की लड़ाई के जोश को पर्दे पर दिखाने में सफल रहती हैं। चंद्रशेखर आजाद ने भगत सिंह के साथ मिलकर क्रांतिकारी संगठन बनाया गया था। अंग्रेजों को कड़ी चुनौती दी गई। भगत सिंह की गिरफ्तारी के बाद कुछ देशद्रोहियों के कारण उनका संगठन बिखर गया था।
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फ़िल्म में मुख्य किरदार में अहमद कबीर शादान ने पर्दे पर चंद्रशेखर आजाद को प्रभावशाली तरीके से निभाया हैं अहमद कबीर आजाद के किरदार को गहराई से निभाते हैं संवाद और भाव भंगिमा से वह आजाद को पर्दे पर जीवंत कर देते हैं कबीर अपने किरदार को लेकर इतने समर्पित हैं की वह आज़ाद के डील डौल और रौबदार व्यक्तित्व के साथ पूरा न्याय करते हैं। आज़ादी की लड़ाई की विभिन्न घटनाओं से सजी यह फ़िल्म में जब भी सुस्त होती हैं आज़ाद उसे अपने संवाद अदायगी से जीवित कर देते हैं। फ़िल्म में रितु सूद ने दुर्गा भाभी का किरदार निभाया हैं उनके अभिनय में सहजता हैं दुर्गा भाभी देश के पहली महिला क्रांतिकारी थी लेकिन उनके बारे में बहुत कम जानकारी इतिहास में हैं बिना किसी रेफ़्रेन्स विडियो और चित्र के वह दुर्गा भाभी को आज के दर्शकों से सामने एक शक्तिशाली महिला क्रांतिकारी को सशक्त तरीके से निभाया हैं। फ़िल्म में पुनीत अग्रवाल ने विश्वनाथ प्रसाद का किरदार निभाया हैं विश्वनाथ प्रसाद चंद्रशेखर आजाद के सबसे क़रीब के मित्र थे फ़िल्म के शुरू से अंत तक विश्वनाथ के सूत्रधार के किरदार में अपना असर छोड़ते हैं। चंद्रशेखर आजाद की भाभी ( रुद्रनारायण की पत्नी ) के किरदार में कविता ठाकुर ने भी उल्लेखनीय अभिनय किया हैं इस फिल्म में चंद्रशेखर आजाद की मां का किरदार अभिनेत्री जरीना वहाब का अभिनय बहुत स्वाभाविक हैं पिता की भूमिका में राजा मुराद प्रभावशाली रहे हैं।
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फ़िल्म की शूटिंग प्रयागराज, बनारस और उत्तर प्रदेश के अन्य कई लोकेशन पर हुई हैं रियल लोकेशन पर फिल्मांकन से फ़िल्म का ड्रामा जीवंत हो जाता हैं। का फ़िल्म का संगीत भी बहुत अच्छा बन गया हैं फ़िल्म में दो गीत 'ऐ हिंदुस्तान' और शहादत हैं। मेरे हिंदुस्तान का फिल्मांकन गीत के असर को बढ़ा देता हैं। फ़िल्म के लेखक धीरज मिश्रा और यशोमती देवी हैं फ़िल्म के निर्देशक धीरज मिश्र और राजा रणदीप गिरी ने संयुक्त रूप से किया हैं। आप देशभक्ति फ़िल्म देखना पसंद करते हैं तो चंद्रशेखर आजाद के जीवन पर केंद्रित यह एक बढ़िया फ़िल्म हैं जिसे आप पर्दे पर देख सकते हैं
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