REVIEW Jhund: इस फिल्म की सादगी ही इसकी सबसे बड़ी ताकत है By Mayapuri Desk 02 Mar 2022 in गपशप New Update Follow Us शेयर -यश कुमार रेटिंग- 4 स्टार्स एक लम्बी लड़ाई लड़ने के बाद सिनेमा घरों में इस हफ्ते दस्तक दे चुकी है श्री अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘झुंड’ जिसमे अमिताभ बच्चन हमे एक फुटबॉल कोच का रोल निभाते हुए नज़र आये हैं और इस फिल्म के निर्देशक है नागराज पोपटराव मंजुले। झुंड एक सत्य घटनाओ पर आधारित फिल्म है जो की नागपुर के एक टीचर विजय बरसे की कहानी को दर्शाता है जिन्होंने बेघर और मलिन बस्तियों में रहने वाले छोटे बच्चों को फुटबॉल के बेहतरीन मुफ्त कोचिंग देके उनकी ज़िन्दगी सँवारी। ‘झुंड’ में मुखिया भूमिका में हमे नज़र आये अमिताभ बच्चन जो की नागपुर के एक कॉलेज में फुटबॉल के कोच होते हैं जिनका नाम है विजय बोराडे और उन्ही के कॉलेज के पास होती है एक बस्ती जहाँ पर मध्यम वर्ग के काफी सारे बच्चे रहते थे जिनके पास न अच्छी शिक्षा थी न रहने को साफ़ इलाका और हर दिन की कमाई का उनका जरिया चोरी चकारी होता है और ये सारे बच्चे अपनी कम उम्र से ही नशे के आदि हो चुके थे, और एक दिन विजय इन बच्चों को प्लास्टिक के डब्बों से फुटबॉल खेलते देखते है जिसके बाद उन्हें एहसास होता है की इन मलिन बस्तियों में रहने वाले बच्चों में कमाल का हुनर है जो की इनकी आर्थिक स्तिथि की वजह से कहीं छुप गया है और उसके बाद विजय उन सभी बच्चों को मुफ्त में फुटबॉल की कोचिंग देना शुरू करते हैं लेकिन इस बीच विजय को काफी सारी मुश्किलों का सामना भी करना पड़ता है और बस्तियों में रहने वाले अनपढ़ बच्चे जो की नशे के आदि हो चुके हैं और उनकी भाषा जो की आम लोगों के नज़रिये में बिलकुल भी अच्छी नहीं है उन्हें वो कैसे एक साथ फुटबॉल खिलाना सिखाएंगे और कैसे उनके भविष्य को सवारेंगे ये आपको ‘झुंड’ फिल्म देख के ही पता चलेगा। फिल्म की कहानी सत्य घटनाओ पर आधारित है और काफी अच्छे तरीके से लिखी गयी है जो की सभी लोगों के दिल को ज़रूर छू लेगी। झुंड एक 3 घंटे लम्बी फिल्म है जो की लोगों को हसाने के साथ ही साथ काफी भावुक भी करदेती है और हर किस्म के जज़्बातों को इस फिल्म में बखूबी दिखाया गया है। फिल्म का पहला भाग काफी मज़ाकिया है और दर्शकों को हसने पर मजबूर कर देता है वहीँ दूसरे भाग में ये फिल्म विजय और बस्ती में रहने वाले बच्चों की परेशानियों से रूबरू करवाती है और सभी लोगों को एक काफी महत्वपर्ण सन्देश भी देती है लेकिन 3 घंटे लम्बी होने के बावजूद ये फिल्म दर्शकों को बांधे रखती है और कहीं पर भी ध्यान इधर से उधर होने का मौका नहीं देती है। फिल्म के मुखिया कलाकार श्री अमिताभ बच्चन ने अपना काम बखूबी कमाल तरीके से निभाया है और एक फुटबॉल कोच के रोल में वह काफी अच्छे लगे हैं और उनके साथ उनकी झुंड के जो बच्चे है उन सभी ने भी अपना काम बहुत ही बेहतरीन तरीके से निभाया है और उन बच्चों के साथ भी सभी दर्शकों की भावनाएं ज़रूर जुड़ जाएंगी। फिल्म में अमिताभ बच्चन के आलावा कोई भी और बड़ा फिल्म स्टार फिल्म में नहीं हे लेकिन इस फिल्म की सादगी ही इसकी सबसे बड़ी ताकत है जिसकी वजह से लोग इस बंधे रहते है। इस फिल्म में गाने दिए है अजय अतुल ने और फिल्म में 2 ही गाने है जो की सुनने में काफी अच्छे लगते है और लोगों को मज़ा भी आता है। झुंड एक ऐसी फिल्म है जिसे हर व्यक्ति को अपने पूरे परिवार के साथ ज़रूर देखनी चाहिए। #Jhund #REVIEW Jhund हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article