-यश कुमार
रेटिंग- 4 STAR
एक काफी लम्बे अरसे के बाद अभिनेता अजय देवगन बतौर निर्देशक बड़े पर्दे पर अपनी वापसी कर चुके हैं और उनकी फिल्म RUNWAY 34 अब सिनेमा घरों पर दस्तक दे चुकी है। काफी झटकों और वातावरण में उछाल भरी हुई इस यात्रा को अच्छे तरीके से लैंड करने में कामयाब हुए हैं अभिनेता अजय देवगन। RUNWAY 34 में अजय देवगन हमे मुख भूमिका में नज़र आएं और इसमें उनका साथ दिया है महानायक अमिताभ बच्चन, अभिनेत्री रकुल प्रीत और बोमन ईरानी ने। RUNWAY 34 एक ड्रामा थ्रिलर फिल्म है जो की आखिर तक आपको अपनी कुर्सियों से जोड़े रखेगी तो कृपया अपनी कुर्सी की पेटियों को ध्यान से बांधें। 2 घंटे 28 मिनट लंबी इस फिल्म में लोगों को एडवेंचर, थ्रिल और हाई वोल्टेज कोर्ट रूम ड्रामा भी देखने को मिलेगा जो की उन्हें काफी पसंद आने वाला है और इस फिल्म में जान डालते हैं अजय देवगन और अमिताभ बच्चन अपनी दमदार कलकारी से और जब भी ये दो कलाकार एक साथ पर्दे पर आएंगे लोगों को उतना ही मज़ा आने वाला है।
RUNWAY 34 की कहानी कप्तान विक्रांत खन्ना (अजय देवगन) के इर्द गिर्द घुमती है, विक्रांत खन्ना एक पायलट होते हैं जो की काफी ज़िद्दी और अड़ियल किसम के इंसान हैं और करते वही हैं जो उनका मन करता है, विक्रांत खन्ना की यादाश काफी तेज़ होती है और अपने काम में वो काफी माहिर होते हैं, विक्रांत खन्ना दुबई से कोचीन जा रही फ्लाइट 'स्काइलाइन 777' के कप्तान होते हैं जिसमे 150 यात्री सफर कर रहे हैं और इस जहाज़ में उनकी को-पायलट होती हैं तान्या (रकुल प्रीत)। अपनी उड़ान भरने के बाद जिस वक़्त ‘स्काइलाइन 777’ को कोच्चिं में लैंड करना होता है उस वक़्त बिगड़ते मौसम के चलते कप्तान विक्रांत खन्ना और तान्या उस जहाज़ को कोचीन में लैंड नहीं करवा पाते और उसी के चलते उस जहाज़ का रुख बदलकर त्रिवेंदरम की ओर कर दिया जाता है जो की कोचीन के काफी नज़दीक है।
कोचीन से नज़दीकी कम होने के कारण तूफ़ान का रुख त्रिवेंदरम की तरफ हो जाता है और कप्तान विक्रांत खन्ना और तान्या को अपने जहाज़ को त्रिवेंद्रम में भी लैंड करने की अनुमति नहीं मिलती है, और उस जहाज़ में इतना ईंधन भी नहीं होता है की वो कहीं और जा सके, इसके बावजूद कप्तान विक्रांत खन्ना 150 यात्रियों की जान को जोखिम में डाल के ‘स्काइलाइन 777’ को त्रिवेंद्रम के RUNWAY 34 पर लैंड करने का रिस्क लेते हैं जिसकी वजह से सभी यात्रियों की जान भी जा सकती है, खराब मौसम और तूफ़ान के बावजूद विक्रांत खन्ना उस जहाज़ को RUNWAY 34 पर लैंड ज़रूर कर देते हैं लेकिन इतने सारे यात्रियों की जान को जोखिम में डालने की वजह से विक्रांत खन्ना और तान्या दोनों के उप्पर इन्क्वायरी बैठाई जाती है और उनके खिलाफ केस लड़ते हैं जाने माने वकील वेदांत (अमिताभ बच्चन) जिनकी नज़र और दिमाग सबसे तेज़ है और मुजरिम को किस तरह से फ़साना है ये बखूबी जानते है। तो अब क्या वेदांत, विक्रांत खन्ना और तान्या को मुजरिम घोषित करने में कामयाब होंगे और क्या करेंगे विक्रांत और तान्या अपने आप को बचाने के लिए इसका जवाब आपको मिलेगा इस फिल्म को देखने के बाद।
बेशक फिल्म की कहानी नई है और काफी अच्छे तरीके से लिखी गई है, फिल्म का पहला भाग जहाज़ में हुई आपदा को दर्शाता है वहीँ दूसरे भाग में हमे कोर्ट रूम ड्रामा देखने को मिलता है जिसक्को काफी अच्छे तरीके से लिखा गया है। बतौर निर्देशक अजय देवगन ने अपना काम काफी अच्छे तरीके से किया है। फिल्म के दूसरे भाग को अगर थोड़ा ज़्यादा नहीं खींचा गया होता तो यकीनन ये फिल्म और भी ज़्यादा कमाल निकलती। फिल्म में ज़्यादा गाने नहीं हैं और ध्यान सिर्फ फिल्म की कहानी पर दिया गया है जो की काफी अच्छी बात है। RUNWAY 34 एक परिवार के साथ देखने वाली फिल्म है जिसका असली मज़ा बड़े पर्दे पर ही आ सकता है।