-सुलेना मजुमदार अरोरा
अली फज़ल और ऋचा चड्ढा ने अपने नए प्रोडक्शन हाउस, पुशिंग बटन स्टूडियो के तहत अपने पहले प्रोडक्शन, 'गर्ल्स विल बी गर्ल्स' के मुख्य अभिनेताओं की तलाश शुरू कर दी है। इस फिल्म की कहानी उत्तरी भारत के एक छोटे से हिमालयी पहाड़ी शहर के एक बड़े बोर्डिंग स्कूल में स्थापित है और यह एक 16 वर्षीय लड़की की कहानी है जिसकी युवा होती विद्रोही उम्र को उसकी मां द्वारा पाबंदियां लगा दी जाती है।
इस फिल्म की मुख्य भूमिकाओं के लिए कास्टिंग चल रही है यानी , मां और बेटी की कास्टिंग जारी है। टीम 'गर्ल्स विल बी गर्ल्स' ने अपने इस इंडो-फ्रेंच फिल्म के लिए सही एक्टर्स ढूँढने की अपनी मिशन शुरू कर दी है। यह एक कठिन काम है क्योंकि इसमें स्टीक कलाकार होना जरूरी है इसलिए बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार और कास्टिंग डायरेक्टर दिलीप शंकर को मां की भूमिका तथा बेटी की भूमिका के लिए सही और बेस्ट एक्टर्स खोजने के लिए अनुबंधित किया गया है।
रिचा कहती है, 'मैं ऑडिशन को अपने करियर का श्रेय देती हूं। 'ओए लकी, लकी ओए' के लिए कानू बहल जी द्वारा मेरा ऑडिशन किया गया था और उसके बाद तो आप सब जानते ही है कि मैंने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। मैंने फिल्म 'देव डी' के लिए भी ऑडिशन दिया था लेकिन मुझे उसमें हिस्सा नहीं मिला। बट उस ऑडिशन ने मुझे 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' का हिस्सा बनने में मदद की। मैं स्क्रीन टेस्ट की प्रक्रिया में बहुत विश्वास रखती हूं। हम दोनों (मैं और अली फजल) तथा हमारे निर्देशक और हमारे सह-निर्माता इंटेलिजेंट कलाकारों की तलाश में हैं जो भूमिका में कुछ खास लाने की भूख रखते हैं।'
ऋचा की बात का समर्थन करते हुए अली फज़ल ने आगे कहा, 'हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि ये भूमिकाएं, उन कलाकारों को दी जाए जो पूरी तरह से उपयुक्त और सही हैं। क्योंकि हम इस फिल्म के निर्माता हैं, इसलिए हम पूर्ण रूप से इस बारे में निर्णय नहीं ले सकते। निश्चित रूप से दिलीप का निर्णय ही हमें सही दिशा में ले जाएगा। हम दोनों का हमेशा से ही ये विचार रहा है कि फिल्म मेकिंग के सभी विभाग प्रमुखों के लिए सही वातावरण बनाया जाना चाहिए ताकि वे फ्रिली और डेमोक्रेटीकली अपना कार्य कर सकें। यह हमारे लिए एक विशेष प्रोजेक्ट है और इस क्षेत्र में पहला कदम है इसलिए इसका प्रत्येक कदम हमारे लिए समान रूप से रोमांचक है और ऐसा होना भी चाहिए नहीं तो यह एक घरेलू रोजमर्रा का काम जैसा हो जाएगा। मैं अपने टीम के सैनिटी, बैलेन्स और वाइब को बनाए रखने में अपना ध्यान केंद्रित कर रहा हूं, बाकी अपने आप सब सही हो जाएगा और इसलिए हमारे लिए ऑडिशन प्रक्रिया सामान्य से थोड़ा अलग है। हमारे पास कुछ बेहतरीन अभिनेता आ रहे हैं और लगभग हर कोई बहुत अच्छे है लेकिन कभी-कभी फिल्म के चरित्र के लिए बेह्तरीन अभिनय करने वाले एक्टर भी फिट नहीं बैठते और उसके लिए कई अन्य मापदंडों की जरूरत पड़ती है। यह सब ऐसी बातें हैं जिसे मैंने अपने काम के दौरान सीखा है। हम सब अभी भी सीख रहे हैं और सीखते रहना चाहिए। वैसे जब एक्टर्स खुद को किसी चरित्र में ढालने लगता है तो वो चरित्र भी उस एक्टर की तरह ढल जाता है और ऐसा होने के लिए हम बस पर्याप्त कॉन्टेंट उपलब्ध कराने की उम्मीद करते हैं।'
काम के मोर्चे पर, ऋचा चड्ढा, अपनी अगली फिल्म 'फुकरे 3' और अमेज़न प्राइम के 'इनसाइड एज' के अगले सीज़न में दिखाई देंगी। उधर एमी विजेता निर्देशक केनेथ ब्रानॉघ और गैल गैडोट द्वारा निर्देशित अली फज़ल की अंतरराष्ट्रीय सस्पेंस थ्रिलर, 'डेथ ऑन द नाइल' करेंटली सिनेमाघरों में दिखाई जा रही है।