shahid kapoor's film jersey review
यश कुमार
रेटिंग – 4.5/5 stars
चौथी बार कोरोना वायरस की वजह से टलने के बाद आखिर कार शाहिद कपूर की फिल्म 'जर्सी' सिनेमा घरों में लग चुकी है। जर्सी एक तमिल फिल्म का हिंदी रीमेक है जिसमे शाहिद कपूर के साथ नज़र आएं हैं पंकज कपूर और मृणाल ठाकुर और इस फिल्म के निर्माता हैं गौतम तिन्नानुरी जिन्होंने तमिल जर्सी का भी निर्देशन किया था। जर्सी कहानी है अर्जुन तलवार की जिसका किरदार निभाया है शाहिद कपूर ने। अर्जुन तलवार 36 के हैं और सरकारी नौकरी में स्कैम के चलते उनकी नौकरी चली जाती है और पिछले 2 साल से अर्जुन सिर्फ घर पर रहते हैं और अपनी पत्नी विद्या और अपने बेटे किट्टू से बेहद प्यार करते हैं। किट्टू अपने जन्मदिन पर अर्जुन से एक इंडियन टीम की जर्सी की ख्वाहिश ज़ाहिर करता है जिसपर अर्जुन किट्टू को वादा करते हैं की वो उन्हें जर्सी ज़रूर ला के देंगे।
अर्जुन अपनी ज़िन्दगी से काफी ज़्यादा ना खुश भी रहते हैं जिसकी झलक उनकी आँखों में साफ़ दिखती है और वो इस वजह से क्यूंकि 10 साल पहले अर्जुन क्रिकेट के इंडिया के सबसे बेहतरीन खिलाड़ी होते हैं लेकिन किन्ही वजहों से वो क्रिकेट से अपना नाता तोड़ देते हैं लेकिन फिर अपने बेटे की जर्सी की ख्वाहिश के चलते ज़िन्दगी कुछ ऐसा रुख लेती है की अर्जुन 10 साल बाद क्रिकेट में अपनी वापसी करते हैं। अर्जुन का बेटा किट्टू काफी खुश होता है अपने पिता को क्रिकेट में इतना नाम कमाता देख और वो चाहता है की उसके पिता इंडियन टीम के लिए खेलें लेकिन घर की आर्थिक स्तिथि के चलते अर्जुन की पत्नी विद्या उनके इस फैसले से खुश नहीं होती हैं। तो अब ऐसे में अर्जुन क्या करते हैं, क्या वो अपना और अपने बेटे का क्रिकेट का सपना पूरा करेंगे या फिर घर की आर्थिक स्तिथि और अपनी उम्र के चलते क्रिकेट को अलविदा कह देंगे ये आपको पता लगेगा इस फिल्म को देखने के बाद।
फिल्म की कहानी काफी अच्छे तरीके से लिखी गयी है और 3 घंटे लम्बी फिल्म होने के बावजूद ये फिल्म आपका ध्यान भटकने नहीं देती है और सबसे अच्छी चीज़ जो है इस फिल्म की वो है इस फिल्म की लिखावट, इसमें दर्शाये गए इमोशंस और इस फिल्म से मिलने वाली प्रेरणा और अपने परिवार के प्रति प्यार। जिस तरीके से शाहिद कपूर ने अर्जुन तलवार की भूमिका निभाई है वो अपने किरदार में काफी अच्छे तरीके से जचे हैं और उनके काम काफी लाजवाब है और उनके साथ ही साथ पंकज कपूर और मृणाल ठाकुर ने भी अपना काम काफी अच्छे तरीके से किया है। फिल्म में काफी सीन ऐसे भी हैं जो की आपकी आँखों को नम ज़रूर करदेंगे लेकिन सिनेमा हॉल से बहार निकलते समय आपके चेहरे पर एक मुस्कान ज़रूर बरकार होगी। फिल्म के गाने भी काफी अच्छे हैं और नए हैं जो की सुनने में कानो को चुभते नहीं हैं, निर्माता गौतम तिण्णानुरि ने भी अपना काम पूरी ईमानदारी के साथ किया है। जर्सी एक पारिवारिक फिल्म है जिसे पूरे परिवार के साथ हॉल पर ज़रूर देखा जा सकता है।