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श्वेता तिवारी की शोखी और स्त्रियोचित चंचलता का कहर

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श्वेता तिवारी की शोखी और स्त्रियोचित चंचलता का कहर

-सुलेना मजुमदसर अरोरा

(मेरी ब्रा का साइज भगवान ले रहे हैं’, Shweta Tiwari के बयान पर मचा बवाल, होगी कार्रवाई?)

श्वेता तिवारी इन दिनों सुर्खियों में हैं, वैसे वे सुर्खियों में कब नहीं रहीं? कभी सही कारणों के लिए कभी गलत कारणों के लिए। इन दिनों वे अपनी बहुचर्चित वेब शो, 'शो स्टॉपर' के हालिया प्रमोशन प्रेस कांफ्रेंस के दौरान गाहे ब गाहे, स्त्रियोचित अदाओं के साथ मस्ती में बोल गई एक मजाक के कारण बवाल में फँस गयी। अपने साथी अभिनेता सौरभ राज जैन जो उस शो में एक ब्रा नापने वाला किरदार निभा रहे हैं, उनसे जब प्रश्न किया गया कि इससे पहले, टीवी शो 'महाभारत' में श्री कृष्ण की भूमिका निभाने के बाद अब इस शो में स्त्रियों के ब्रा नापने वाले की भूमिका करते हुए उन्हें कैसा लग रहा है तो बीच में चहकती हुई श्वेता ने कह दिया कि, 'मेरे ब्रा का साइज भगवान ले रहे हैं' बोलना वो कुछ और चाहती थी और मुँह से कुछ और निकल गया। शायद वे कहना चाहती थी कि भगवान की भूमिका निभाने वाले एक्टर मेरा ब्रा का साइज ले रहे हैं, ये बोलना चाहती थी और उसके बदले, 'मेरे ब्रा का साइज भगवान ले रहें हैं'  बोल गई।

credit by viral bhayani

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ब्लंडर तो हो गया, कहते हैं, कमान से निकली तीर और जबान से निकली बात लौट नहीं सकती, और वही हुआ। देखते देखते हंगामा मच गया, मामला धार्मिक भावनाओं पर ठेस लगने से लेकर श्वेता की सोच और सभ्यता पर प्रश्न चिन्ह तक पहुँच गया। श्वेता के अब तक के  साहसपूर्ण छवि को दुस्साहस और हिमाकत में बदल दिया गया। जबकि सबको पता है कि श्वेता एक साफ़ दिल की, नो नॉनसेन्स वुमन है जो हमेशा दूध को दूध और पानी को पानी कहने में  गुरेज नहीं करती, वो डटकर अपने जीवन में मुसीबतों का सामना करती रहीं हैं (चाहे वो उनकी पहली शादी की त्रासदी हो या दूसरी शादी की त्रासदी), वो अन्याय के खिलाफ कार्रवाई करती रहीं, इस तरह की  बेबाकी तथा साफ़गोई के लिए तो श्वेता हमेशा रेखांकित होती रहीं हैं। वो उस  इंटरएक्शन में बहुत गंभीरता से अपनी बात रख रही थी।

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श्वेता ने इस बोल्ड शो के प्रोमोशनल मीटिंग में यह भी कहा कि उसने इस शो की स्क्रिप्ट सुनते ही इसे तुरन्त 'हाँ' इसलिए कर दी क्योंकि उसे लगा कि वो बिल्कुल इस शो के किरदार की तरह है। श्वेता के अनुसार उसकी जो पहली टीवी सीरियल थी, 'कसौटी जिंदगी की', 'वो रोल भले ही उसने सफलता के साथ किया हो, लेकिन वो उस किरदार, 'प्रेरणा' जैसी नहीं है। इसके अलावा श्वेता ने य़ह भी कहा कि चाहे आज दुनिया कितनी भी मॉडर्न हो जाये, दुनिया कितनी भी तरक्की करे लेकिन आज भी महिलाओं के शरीर में होने वाले परिवर्तन और महिलाओं को प्रत्येक माह होने वाले मासिक धर्म को लेकर शर्म की भावना बरती जाती है।

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श्वेता ने कहा, 'आज भी जब मेडिकल स्टोर से कोई महिला सैनिटरी पैड खरीदती है तो उस पैड को छुपा कर, काली प्लास्टिक की पन्नी में दिया जाता है। आज भी ऑफिस में या शूट के दौरान जब किसी महिला की माहवारी होती है, तो वो किसी महिला सहकर्मी के ही कानों में फुसफुसा कर अपनी इस नॉर्मल शारीरिक धर्म को अपराधी की तरह कहकर बाथरूम की ओर भागती है। क्यों नहीं हम महिलाएं सर तान कर कह पाती कि मुझे मासिक धर्म शुरू हो गया है और मुझे टॉयलेट जाना हैं? जब पैंटी भी हम स्त्रियों को खरीदना होता है तो हम ऐसा दुकान ढूंढते है जहां दुकानदार कोई स्त्री ही हो और वहां आसपास कोई मर्द ना हो। ऐसा क्यों? मर्द लोग तो सबके सामने अंडरगारमेंट खरीद लेते हैं, लेकिन औरत ऐसा करने में इतना क्यों शर्म करती हैं। घर पर लगभग हर स्त्री, अपने  पति के अलावा, अपने मासिक धर्म होने के बारे में किसी को नहीं बता पाती, उन चार दिनों को वो छुपा लेती है, ऐसा क्यों होना चाहिए,? क्यों नहीं स्त्री डंके की चोट पर सैनिटरी पैड खरीद पाती, ऑफिस या घर और सबको अपनी उन चार दिनों की तकलीफ बोल पाती, क्यों नहीं वो मर्द दुकानदार से पैंटी खरीद पाती? मेरे मन में इन बातों का हमेशा से विद्रोह रहा है। मैं मनीश सर को बहुत बहुत धन्यावाद देती हूं कि उन्होंने इस तरह के टैबू टॉपिक पर ये शो बनाने का साहस किया। इस तरह के और भी कितने मुद्दे है जिन्हें एक एक करके टार्गेट करना चाहिए।' श्वेता की इन बातों ने उस  प्रेस मीट में सबको मंत्रमुग्ध किया, लेकिन फिर शायद उनमें एक स्त्रियोचित हँसी ठिठोली की मस्ती आ गई।

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दरअसल वो माहौल एक ग्लैमर शो प्रेस मीट का था, सभी उत्साहित थे, पत्रकारों के साथ इस फैशन शो  के सारे कलाकारों, निर्देशक का उस दिन परिचय मिलन था। एक एक करके इस शो के कलाकार, सौरभ राज जैन, रोहित रॉय, दिगांगना सूर्यवंशी, श्वेता तिवारी और कंवलजीत से बातचीत, प्रश्न उत्तर का दौर चल रहा था,  और सभी उत्साह से भरे हुए थे। फिल्म सेट पर जिस तरह एक दूसरे से मस्ती मजाक, हँसना, हंसाना, चुहलबाजी करना चलता रहता है, उसी तरह इस प्रेस मीट में भी बिल्कुल वैसा ही लाइट माहौल था।  सूत्रधार सबसे इस शो के बारे में प्रश्न कर रहे थे। शो का टाइटल ही ऐसा था जिसमें ग्लैमर और बेबाकी का पुट होना जरूरी था, और उसपर शो का नायक, एक ऐसे व्यक्ति का किरदार निभा रहा है जो लड़कियों और युवा स्त्रियों के ब्रा का साइज नापने का काम करता हैं।

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ऐसे में माहौल जोश, बोल्डनेस से भरा तो होगा ही। लेकिन बस बातचीत के बीच श्वेता की शोख चंचलता छलक पड़ी और  हो गया जो नहीं होना चाहिए था। लेकिन श्वेता आज भी वही श्वेता है जो आज से पन्द्रह वर्ष पहले अपनी मासूमियत के लिए सबकी लाड़ली बन गई थी, जब पहली बार टीवी पर दर्शकों ने उन्हें 'कसौटी जिंदगी की' में देखा तो उनकी मासूम खूबसूरती और दिल छू लेने वाली अभिनय अभिव्यक्ति के दीवाने हो गए, रातोंरात श्वेता घर-घर की पसन्दीदा प्रेरणा बन गयी और फिर वो अपनी जिंदगी में आगे बढ़ती रहीं। आगे ही बढ़ती रही और आग से खेलती रही।  आगे और आग है श्वेता, ज़रा सम्भल कर।

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