सरप्राइज ऑफ द ईयर आलिया? By Mayapuri Desk 11 Mar 2022 in गपशप New Update Follow Us शेयर -सुलेना मजुमदार अरोरा आलिया भट्ट ने कहा था कि महेश भट्ट जैसे सुप्रसिध्द हस्ती की बेटी होने के बावजूद उसे एक आम घरेलू लड़की की तरह साधारण तरीके से पाला पोसा गया था। 'लोग जो सोचते हैं कि महेश भट्ट की बेटी होने के कारण मुझे बहुत सी सुविधाएं मिलती थी तो सच्चाई यह नहीं है।' अभिनेत्री बनने का सपना भी आलिया ने अकेले दम ही देखा था। उस वक़्त वो के.जी में पढ़ती थी, एक बार स्कूल के किसी उत्सव के दौरान वो किसी कार्यक्रम के लिए प्रैक्टिस कर रही थी कि तभी अचानक उसके मन में एक्ट्रेस बनने का ख्याल आया। इस ज़ज्बा से यह स्पष्ट हो जाता है कि आलिया जन्मसिद्ध अभिनेत्री है और यदि वो महेश भट्ट की बेटी ना भी होती तो भी उसे अभिनेत्री बनने से कोई नहीं रोक सकता था। अपनी प्रथन फिल्म 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर' को पाने के लिए आलिया को जिस तरह से पाँच सौ प्रत्याशियों से प्रतिस्पर्धा करना पड़ा था इसीसे य़ह साबित होता है कि आलिया को किसी की सिफारिश नहीं मिली थी और ना ही उसे जरूरत पड़ी। लेकिन मीडिया कहाँ छोड़ने वाली थी महेश भट्ट की इस स्वाभिमानी बेटी को, तो पहली फिल्म में ही उसे करीना कपूर की तुलना में कमतर, भावहीन, बेनूर, चमक हीन कहा गया हालांकि वो फिल्म उस वर्ष की सफलतम फ़िल्मों में शुमार थी। मिडिया के इस बर्ताव पर आलिया आहत जरूर हुई पर हतोत्साहित नहीं। कमर कसकर उसने अगली फिल्म का सही चयन किया और ' हाईवे' उसके इसी चयन का कमाल था जिसने आलिया को साधारण अभिनेत्री से असाधारण बना दिया, उस भट्ट टैग के बिना भी आलिया ने अपनी सीढ़ी खुद बनाई और उसपर चढती चली गई। 'अभी और भी ढेर सारे पायदान बाकी है' कहती है यह लड़की जिसे लोगों ने स्टूडेंट ऑफ द ईयर मानना छोड़ अब सरप्राइज ऑफ द ईयर मानना शुरू कर दिया। आलिया को रणबीर कपूर की कौन सी बात सबसे अच्छी लगती है? आलिया भट्ट और रणबीर कपूर आज की सबसे खूबसूरत और फेवरेट जोड़ी मानी जाती है। दोनों पिछले चंद वर्षों से एक दूसरे को डेट कर रहे हैं और अक्सर साथ साथ कई इवेंट्स, या डिनर, लंच में देखे जाते हैं। सिल्वर स्क्रीन पर भी इस जोड़ी को फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' में साथ काम करते देखने के लिए दर्शक उत्सुक हैं। आलिया को जहां लोग मासूम और भोली मानते हैं वहीं कुछ लोग रणबीर को गॉसिप में रुचि रखने वाले कहते है लेकिन आलिया इस बात को कतई स्वीकार नहीं करती। वो कहती हैं कि 'रणबीर कपूर बिल्कुल गॉसिप नहीं करते। लोग उनके बारे में गलत बातेँ फैलाते है और बुरी प्रतिष्ठा देते हैं जबकि मैंने जीवन में कभी रणबीर को किसी के बारे में बुरा बोलते या सुनते नहीं देखा और यही बात मुझे रणबीर की सबसे अच्छी लगती है। रणबीर को हमेशा अच्छी बातें पसंद है, उनका कहना है कि अगर किसी के बारे में बातें करनी ही है तो अच्छी करो वर्ना करो ही मत. उनकी य़ह बात कितनी प्यारी है। उन्हें बल्कि गॉसिप करना पसंद ही नहीं और सच कहूं तो रणबीर के इसी आदत के कारण मैं भी उनकी तरह ही बन गई, मैं भी किसी के बारे में गॉसिप करना पसंद नहीं करती, वे खुद हमेशा मुझे कहते हैं कि कभी किसी को लेकर गॉसिप नहीं करना चाहिए।' आलिया ने भी दो टूक कह दी जो उसे कहना था खबरों के अनुसार, एक छोटी बच्ची का वीडियो पिछले दिनों वायरल हुआ था जिसमें वो 'गंगूबाई' की ऐक्टिंग की नकल उतार रही थी, जिसपर कुछ लोगों ने यह कहकर आपत्ति उठाई थी कि इतनी छोटी बच्ची को इस तरह, होंठो में बीड़ी डालकर गंदे डायलॉग बोलने देना और उसे सोशल मीडिया में वायरल करना क्या उचित है? इस बारे में जब आलिया से पूछा गया तो बताया जाता है कि आलिया ने कहा कि उसने भी वो वीडियो देखा है और उसमें उसे वो बच्ची बहुत प्यारी और क्यूट दिखी। आलिया के अनुसार वो बच्ची तो सिर्फ अभिनय की नकल उतार रही थी, इसके पीछे उस छोटी बच्ची या उसके परिवार वालों की कोई मंशा नहीं नजर आ रही थी। आलिया ने कहा कि इतनी छोटी बच्ची अकेली तो यह अभिनय कर नहीं रही थी, उसके साथ उसके गार्जियन भी जरूर थे, चाहे वह माँ हो, पापा हो या बहन हो या उसका कोई प्यारा अपना हो। और अगर उनके अपनों को बच्ची के इस एक्टिंग का बुरा नहीं लग रहा है तो किसी और को कुछ बोलने का अधिकार नहीं है। आलिया ने एक चित्रकार की चित्रकारी सम्पूर्ण की और एक मूर्तिकार की मूर्ति को जीवंत किया वाकई संजय लीला भंसाली एक बहुत ही स्ट्रिक्ट और डिमांडिंग डायरेक्ट है, वो अपने कलाकारों की प्रतिभा मे से क्या ढूँढ निकालना चाहते हैं य़ह समझना बड़ा ही मुश्किल है, जैसा कि आलिया भट्ट ने बताया था कि 'सर (संजय लीला भंसाली) चाहते थे कि हम बतौर गंगूबाई, होंठो से क्रूड, क्रास डायलॉग बोले लेकिन आँखों में एक तड़प, एक नर्मी, एक नमी, दर्द और आहत होने के एहसास हो।' यह दो अलग अलग अदायगी सबके बस की बात नहीं, शायद इसलिए संजय भंसाली सिर्फ चुनिंदा और माहिर कलाकारों के साथ ही काम करते हैं और आलिया उन्हीं में से एक है। संजय लीला ने यह भी कहा था कि वो इस बात पर अड़े हुए थे कि उनकी फिल्म 'गंगूबाई - - - -', कि नायिका पिंजरे में रहते हुए भी मुस्कराती और जिन्दगी को एंजॉय करती और जश्न मनाती दिखनी चाहिए। आलिया भट्ट ने संजय की भावनाओं को सिर्फ समझा ही नहीं बल्कि उसे सेलुलाड पर भी उतार दिया और फिल्म बनने के बाद जो कुछ सामने आया उसने खुद इस निर्देशक को स्तब्ध कर दिया। आलिया ने गंगूबाई के किरदार को हूबहू वैसा ही निभाया जैसा संजय चाहते थे। गंगूबाई की जिंदगी सम्पूर्ण नहीं थी, उस अपूर्ण जीवन की जिजीविषा में भरा हुआ था ठगे जाने का दर्द, और अंत तक सम्मान, खुशियां और गरिमा के लिए संघर्ष करते जाना, और इस संघर्ष को संजय अपनी फिल्म की नायिका आलिया में देखना चाहते थे और आलिया ने संजय की उस खोंज को जब मूर्त रूप दिया तो जैसे एक चित्रकार की चित्रकारी सम्पूर्ण हुई, एक मूर्तिकार की मूर्ति जिवंत हुई । यह कमाल कैसे कर पाई आलिया? या शायद यह काम सिर्फ आलिया ही कर पाई। इस प्रश्न से खुद संजय भी इंकार नहीं कर सकते। #aalia bhatt हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article