/mayapuri/media/post_banners/00b2f63b0a58861ed32a8b9afb0cf92a3f8a24e42acf3c348ee46dc823bf7654.jpg)
-शरद राय
*सिंगापुर सरकार ने शेयर की नई जानकारियां।
*बताया मौत का कारण।
*जारी की गयी नई गाइड लाइन।
धीरे धीरे कोविड-19 के रहस्य से पर्दा उठ रहा है। दुनिया भर में रात दिन खोज चल रही है। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन (B.1.1.529) के आने के बाद से प्रयोग धर्मियों ने नई नई जानकारियां देना शुरू किया है। ऐसी ही एक नई जानकारी सिंगापुर सरकार के हवाले से आई है।बताया गया है सिंगापुर में कोरोना से होने वाले मृतकों के बॉडी का पोस्टमार्टम करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। दुनिया मे पहली बार किसी देश में यह कदम उठाया गया है।
प्राप्त खोज के अनुसार कोविड-19 वायरस रूप में नही बल्कि वैक्टेरिया रूप में शरीर के अंदर रेडिएशन एक्सपोज करता है।पूरी तरह से कोविड मृतक की बॉडी का सम्पूर्ण जांच करने पर पाया गया है कि मौत की वजह ब्लड क्लॉटिंग होता है। ब्लड क्लॉटिंग होने से मानव शरीर में खून की वेन्स में ब्लड नही पहुचता। इस वजह से मस्तिष्क, हृदय और फेफड़ों तक ऑक्सीजन नही पहुंच पाता, सांस लेने में कठिनाई होती है और कोरोना मरीज की तुरंत मौत हो जाती है।
सिंगापुर के डॉक्टरों ने WHO के प्रोटोकाल को न मानते हुए सांस लेने में तकलीफ को जानने के लिए कोविड -19 के मृतक की बॉडी का outopsy (पोस्टमार्टम) किया। उसके बांह, पैर और दूसरे अंगों की खोलकर, चीरफाड़ करके देखा और पाया कि उन अंगों की खून की धमनियां खराब हो चुकी थी और खून के थक्के बने हुए थे जिस कारण ऑक्सीजन का बहाव नही हो पाया था और मरीज की मृत्यु हुई थी।
इस खोज के बाद सिंगापुर की स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 के प्रोटोकाल को तुरंत बदल दिया। वे सभी कोविड पॉजिटिव हुए मरीजों को एस्पिरिन देना शुरू किये। aspirin 100mg और imromac देने का परिणाम ये हुआ कि जो पॉजिटव मरीज थे उनको रिलीफ मिला और वे जल्दी रिकवर होने शुरू हुए। वहां के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 14000 मरीज एकदिन में ठीक होकर घर भेजे गए। इस वैज्ञानिक अविष्कार के कुछ समय बाद डॉक्टरों ने व्याख्या दिया कि इलाज का मेथड क्या हो। उनके अनुसार सारा मामला शरीर के अंदर ब्लड क्लॉटिंग से जुड़ा है।इस बीमारी को वह ग्लोबल हॉक्स बताते हैं। बीमारी के इलाज के तरीके को वे बताते हैं कि एन्टी बायटिक, एन्टी इंफ्लामेटरी और ब्लड क्लॉटिंग के लिए एस्पिरिन मुख्य है।यह बीमारी क्यूरेबल है,इसे ठीक की जा सकती है।
सिंगापुर के दूसरे वैज्ञानिकों के अनुसार वेंटिलेटर और इंसेंटिव केयर यूनिट (icu) की जरूरत कभी नही पड़ सकती। सिंगापुर में नई प्रोटोकाल पब्लिश की जा चुकी है। चीन को भी इसकी जानकारी पहले से है लेकिन उन्होंने कभी अपनी जानकारी जाहिर नही किया।
(यह रिपोर्ट एक सूचना से प्राप्त सूत्रों पर आधारित है।)