विवेक रंजन अग्निहोत्री की नई डाक्यू सीरीज "द कश्मीर फाइल्स अनरिार्पोर्टेड" जल्द ही ओटीटी प्लेटफॉर्म "जी 5" पर स्ट्रीम होने वाली है. जिसका ट्रेलर खुद विवेक अग्निहोत्री ने अपनी पत्नी व अभिनेत्री पल्लवी जोशी के साथ श्रीनगर,कश्मीर में रिलीज किया. इस अवसर पर फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स" को मिली अपार सफलता के बाद राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता विवेक रंजन अग्निहोत्री ने वादा किया है कि अगली कड़ी कहीं अधिक आंखें खोलने वाली और रोंगटे खड़े कर देने वाली होगी. विवेक अग्निहोत्री और पल्लवी जोशी की 'बुद्धा एंटरटेनमेंट और मीडिया एलएलपी द्वारा निर्मित यह श्रृंखला सात एपीसोड की है.
वास्तविक जीवन के उपाख्यानों, जीवित बचे लोगों के बशनों और संग्रहीत फ़ुटेज के माध्यम से एक श्रृंखला द कश्मीर फाइल्स अनरिपोर्टेड ऐतिहासिक, जातीय और भूराजनीतिक विवरणों पर प्रकाश डालती है. इसमें उन घटनाओं, गलतियों, अपराधों और परिस्थितियों को समाहित किया गया है,जिनके कारण 1990 के दशक में घाटी से कश्मीरी पंडितों का नरसंहार और बड़े पैमाने पर पलायन हुआ था. यह उस स्थिति को चित्रित करता है जिसके कारण अनुच्छेद 370 को निरस्त किया गया और आज कश्मीर पर इसका प्रभाव पड़ा.
ट्रेलर देखने से स्पष्ट होता है कि कहानी को इतिहासकारों, विशेषज्ञों, वास्तविक जीवन के पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ बातचीत के माध्यम से दर्शाया गया है, जिसमें डॉ. मीनाक्षी जैन जैसे विशेषज्ञ भी शामिल हैं, जिन्हें साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके काम के लिए 2020 में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. तो वहीं 'द लास्ट क्वीन ऑफ कश्मीर' और 'डॉन: द वॉरियर प्रिंसेस ऑफ कश्मीर' के लेखक राकेश कौल के साथ ही जम्मू-कश्मीर के पूर्व पुलिस महानिदेशक शेष पाॅल वैद व जुलाई 1989 में कश्मीर में भड़क रहे आतंकवाद पर रिपोटिंग करने वाले पूर्व टीवी पत्रकार मनोज रघुवंशी, सेवानिवृत्त कर्नल और 1971 के भारत-पाक युद्ध के अनुभवी और कश्मीर इट्स एबोरिजिन्स एंड देयर एक्सोडस के लेखक डाॅं. तेज टिकू भी नजर आएंगे.
जब तीन घंटे की अवधि वाली फिल्म "द कश्मीर फाइल्स" ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था,वहीं अब यह श्रृंखला कहीं अधिक दिल दहलाने वाली, आंखें खोलने वाली और रोंगटे खड़े कर देने वाली है. क्योंकि यह कश्मीरी पंडितों के नरसंहार और पलायन के पीछे की अप्रमाणित वास्तविकताओं, तथ्यों और सच्चाई को सीधे मुंह से उजागर करती है. यह पृथ्वी पर स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर की सदियों पुरानी यात्रा, भारत, इसके लोगों और संस्कृति के लिए इसके महत्व और सभ्यता और ज्ञान के पिघलने वाले बर्तन से उनके विकास, बार-बार हमला किए जाने, कट्टरपंथी होने और व्यवस्थित रूप से युद्ध क्षेत्र जैसी स्थिति में कम होने तक का भी चित्रण करता है.
"जी 5" के मुख्य व्यवसाय अधिकारी, मनीष कालरा कहते हैं- "द कश्मीर फाइल्स को इसमें चित्रित कश्मीरी पंडितों की वास्तविक और प्रासंगिक कहानियों के कारण हमारे दर्शकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली. नई श्रृंखला 'द कश्मीर फाइल्स अनरिपोर्टेड' में विवेक अग्निहोत्री ने शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, इतिहासकारों और कश्मीर के लोगों के वास्तविक जीवन के अनुभवों के माध्यम से क्षेत्र के इतिहास, संस्कृति और भू-राजनीतिक जटिलताओं का सावधानी पूर्वक अध्ययन किया है. हमारे समाज की छिपी सच्चाइयों को सामने लाने वाली वास्तविक कहानियों की बढ़ती लोकप्रियता के साथ हम 'जी 5' पर अपने दर्शकों के लिए दिलचस्प कहानियों के साथ अपनी लाइब्रेरी को दिलचस्प कहानियों से समृद्ध करने के उद्देश्य से रचनाकारों के साथ काम कर रहे हैं."
"जी 5" की कंटेंट हेड निमिषा पांडे ने कहा- "ब्रेक प्वाइंट के बाद यह हमारी दूसरी डॉक्यू -सीरीज़ है. यह प्रारूप एक अनूठा अवसर प्रदान करता है जहां दर्शकों को कहानियों का प्रत्यक्ष अनुभव मिलता है. कश्मीर फाइल्स अनरिपोर्टेड में दर्शकों को उन्हीं लोगों से कश्मीरी पंडितों की रोंगटे खड़े कर देने वाली कहानियां सुनने को मिलेंगी, जो इस त्रासदी से गुजर चुके हैं. हमें उम्मीद है कि यह शो फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' की तरह ही लोगों को पसंद आएगा. विवेक और पल्लवी वर्षों से इस पर काम कर रहे हैं और हम इसे अपने दर्शकों के सामने पेश करते हुए खुश हैं."
इस अवसर पर निर्देशक व निर्माता विवेक अग्निहोत्री ने कहा- "कश्मीर का नरसंहार न केवल भारत पर बल्कि मानवता पर एक धब्बा है. इसे आधुनिक समय की सबसे बड़ी छुपी हुई त्रासदी माना जाता है. इस कहानी को ईमानदारी से बताना हमारे लिए बहुत ज़रूरी था. अब तक जितनी भी फिल्में, साहित्य और मीडिया में जो रिपोर्ट आयीं है वह समसामयिक है. 32 साल बाद जब हमने 4 साल के गहन शोध के आधार पर द कश्मीर फाइल्स बनाई तो इसने लोगों की आंखें खोल दीं. लेकिन फिल्म पर ध्रुवीकरण करने वाले विचार थे.
कुछ को लगा कि फिल्म केवल 10ः वास्तविकता को चित्रित करती है और कुछ को लगा कि द कश्मीर फाइल्स एक प्रचार फिल्म थी. इसलिए, हमारे लिए यह महत्वपूर्ण था कि हम अपने द्वारा किए गए सभी शोधों और साक्षात्कारों को उसके शुद्धतम और कच्चे रूप में खोलें ताकि लोग यह समझ सकें कि सच्चाई को संभालना मुश्किल है. मैं गारंटी दे सकता हूं कि 'द कश्मीर फाइल्स अनरिपोर्टेड' आपका दिल तोड़ देगी. लेकिन हमारा इरादा यह है कि हम इतिहास से सीखें, और हम आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता का स्वभाव विकसित करें और हम मानवता और अपने लोगों के लिए खड़े हों."
वहीं इस डाक्यू सीरीज की निर्माता पल्लवी जोशी ने कहा- 'हमारी फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' 4 साल के व्यापक शोध के बाद बनाई गई थी. जब कश्मीरी पंडित समुदाय ने इसे हमारे साथ साझा किया तो उन्हें जिस गहरे दर्द और पीड़ा से गुजरना पड़ा, हमारे लिए उनकी डरावनी कहानियों को सुनना बहुत मुश्किल था, सिर्फ इसलिए नहीं कि हम उस दुख और दर्द से बहुत प्रभावित हुए, जिससे वह गुजरे थे, बल्कि इसलिए भी क्योंकि हम खुद को बहुत छोटा महसूस करने लगे थे. यह महसूस करते हुए कि यह कहानी हमें सरकार, प्रशासन, मीडिया और अन्य लोगों द्वारा नहीं बताई गई थी. जब हमने द कश्मीर फाइल्स बनाई, तो यह 3 घंटे लंबी फिल्म थी, फिर भी यह केवल हिमशैल का टिप थी.
और जब समाज के एक वर्ग ने यह कहना शुरू कर दिया कि यह झूठ है और एक प्रोपेगेंडा फिल्म है, तब हमें एहसास हुआ कि सच्चाई को उसके असली और नग्न रूप में लोगों के सामने आने की जरूरत है. इसलिए यहां हम डाक्यू सीरीज 'द कश्मीर फाइल्स अनरिपोर्टेड' लेकर आ रहे है. यह सीरीज आपको हमारे द्वारा किए गए व्यापक शोध को दिखाएगी. और आप लोगों के मुंह से इन पंडितों द्वारा अनुभव की गई अकल्पनीय भयावहता और आतंक की कहानियां सुन सकते हैं. इसलिए, यह एक ऐसी श्रृंखला है जिसे हर भारतीय को देखना