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-शरद राय
'सिने कलाकार ऐसोसिएशन (CINTA) की वार्षिक रिपोर्ट में देखो तो लगता है जैसे वे लोग सभी मरनेवाले कलाकारों के आश्रितों को सहायता पहुंचाते हैं।लेकिन, मैं कैसे समझूँ जब मेरे पति बलवंत सिंह बंसल को गुजरे हुए पूरे 13 साल (इस 9 जनवरी '22 को) हो जाएंगे और मुझे 1 रुपया कलाकार संघ से मदत नही मिली है तो...?' बताते हुए स्वर्गीय अभिनेता बलवंत सिंह बंसल की पत्नी प्रिया बलवंत सिंह बंसल की आंखें भर आती हैं। सिसकी लेते हुए वह कहती हैं- 'मेरे पति बंसल साहब ने एक दो नही, 200 फिल्मों में काम किया था।वह ज्यादातर जज बनते थे। तमाम फिल्म निर्माताओं के लिए पर्दे के पसंदीदा जज बलवंत सिंह बंसल ही होते थे। उनकी मृत्यु के बाद हमने सिंटा से आर्थिक मदत मांगा था... मैं बेसहारा थी और आज भी हूं, लेकिन मुझे कोई- किसी भी फिल्म यूनियन ने सहायता नही दिया।'
सफेद बाल, गोरी पर्सनालिटी, छरहरा बदन और जज की कुर्सी पर बैठकर 'आर्डर आर्डर' कहते कलाकार बंसल होते थे तो दृश्य में रुआब आजाता था।फिल्मों में आने से पहले वह स्पोर्ट (लांग जम्प और हाकी) में थे और गाने का शौक रखते थे।'उनके बहुत से गजल एलबम रिलीज हुये हैं।' बताती हैं प्रिया बंसल। 'फिल्मों के साथ टीवी धारावाहिकों में भी बहुत काम किए थे और जज बनने के अलावा तरह तरह के रोल किए थे।वह हमें छोड़ गए और मैं अकेली रह गई दुनिया मे तकलीफ उठाने के लिए।'
'अपनी तकलीफ बयान किया हमने कलाकार संघ में...वह 30 साल से मेम्बर थे 'सिंटा' के।सिर्फ पिछले साल का रिन्यूवल नही करा पाए थे। असोसिएशन ने हमारी नही सुना।मेरी गरीबी को अनसुना कर मेरी 3 बार की रिक्वेस्ट को खारिज कर दिया।बंसल साहब को नॉन मेम्बर बोलकर मदत देने से मना करनेवाला पत्र भेज दिए।
'मैं पूछती हूं बंसल 30 साल से 'सिंटा' के मेम्बर थे।वह वेस्टर्न इंडिया फिल्म प्रोडूजर असोसिएशन के मेम्बर भी थे। वह 'इंडियन', 'दिल', 'इश्क', 'वीरज़ारा' 'फर्ज' जैसी बड़ी तथा छोटे बजट की फिल्मों में काम किए थे।'कृष्णा', 'जय हनुमान', 'टीपू सुल्तान' आदि बहुत से धारावाहिकों में भी बंसल जी काम किए थे।क्या इन असोसिएशनों का कोई दायित्व नहीं था कि उनकी पत्नी के साथ सहानुभूतिक रवैया अपनाते ? न्यायालय ने मुझे उनकी पत्नी माना। कोर्ट ने मुझे उनके घर का मालिकाना हक जायज करार दिया। अदालत मुझे उनकी पत्नी मानती है मगर CINTAऔर फिल्म असोसिएशन WEFPA वालों को अपने कलाकार की कोई फिक्र नहीं कि उसके आश्रित की खबर भी पूछें। उनको कुछ नही पड़ी सिर्फ अपने सालाना फीस वसूलने की चिंता रहती है।'
प्रिया, बलवंत बंसल के साथ अपने बिताए समय को याद करती कहती हैं।हमने 14 साल एक साथ एक छत के नीचे बिताया था। उन लम्हों में सिर्फ प्यार ही प्यार था।बहुत चाहत थी एक दूसरे के लिए। शूटिंग जहां करते थे वहां से थोड़ी थोड़ी देर पर फोन करके मुझसे पूछा करते थे-'कैसी है रे तूं...?' चाहत की इसी इंतेहा ने आखिरी समय मे उनके मन मे एक अपूरित एहसास दे दिया था।वह बड़बड़ाते थे- 'हमने प्रिया के लिए कुछ नहीं छोड़ा।'आज वह नहीं हैं सिर्फ एक एहसास है।'
प्रिया बंसल एक लंबी निःस्वास छोड़ती कहती हैं-' मेरे कमरे में उनकी एक जज की भूमिका वाली फ़ोटो है। 13 साल हो गए उनको दुनिया से गए हुए...क्या आप जानते हैं जज साहब मुझे अकेले रहने की सजा सुना गए हैं।' और, एक खामोशी साल जाती है कमरे में।
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