Advertisment

&TV के कलाकार आसिफ शेख और फरहाना फातेमा ने मनाई ईद!

New Update
&TV के कलाकार आसिफ शेख और फरहाना फातेमा ने मनाई ईद!

आसिफ शेख ऊर्फ एण्डटीवी के ‘भाबीजी घर पर हैं‘ के विभूति नारायण मिश्रा ने कहा, 'पिछले दो साल मैंने ईद के दौरान घर पर ही नमाज अता की थी। हालांकि, इस साल मैं मस्जिद में नमाज पढूंगा। इसके बाद मैं घर आऊंगा और अपने पसंदीदा शीर खुर्मा का स्वाद चखूंगा। मैंने खासतौर से लंच के लिये अपने दोस्तों और परिवार वालों को आमंत्रित किया है, जिसमें बिरयानी, कोरमा, नान और कई अन्य स्वादिष्ट पकवान शामिल हैं।‘‘ ईद से जुड़ी अपनी यादों के बारे में बात करते हुये आसिफ ने कहा, ‘‘मैं मूल रूप से वाराणसी का रहने वाला हूं, जहां पर मेरे दादाजी रहा करते थे। ईद के दिन वह बहुत बड़ा जश्न रखते थे। हमारे ढ़ेरों रिश्तेदार हमारे साथ ईद मनाने के लिये आया करते थे। 25-30 लोगों का दस्तरख़ान मेहमानों से भर जाया करता था। हमें कोई आइडिया नहीं होता था कि कौन दिखावा कर रहा है और कौन वाकई में खुश हो रहा है... बस चलता रहता था कारवां। 1980 के दशक के शुरूआती सालों की वो यादें आज भी मेरे दिलों-दिमाग में एकदम ताजा हैं।'

publive-image

फरहाना फातेमा ऊर्फ एण्डटीवी के ‘और भई क्या चल रहा है?‘ की शांति मिश्रा ने कहा, 'मेरे लिये ईद हमेशा से ही एक अद्भुत और यादगार मौका रहा है। ईद का मतलब है दोस्तों, रिश्तेदारों और अपने प्रियजनों से मिलना-जुलना। पिछले दो साल हम इस खास मौके पर अपने करीबी लोगों से नहीं मिल पाये थे। इस साल, मैं सभी परिवार वालों को ईद के जश्न में बुलाने के लिये उत्साहित हूं। मेरे घर पर ईद का यह जश्न दो दिनों तक चलेगा। बिरयानी, शीर खुर्मा, दही बड़ा और फालूदा मेन्यू में शामिल होंगे। बचपन से ही अपने पैरेंट्स और बड़े भाई-बहनों से ईदी लेना इस खास दिन की मेरी सबसे पसंदीदा चीज रही है। मुझे याद है कि एक बार मेरे पापा मुझे ईदी देना भूल गये थे और अपने दोस्तों से मिलने बाहर चले गये थे। उस दिन जब तक पापा वापस नहीं आये और मुझे मेरी ईदी नहीं दी, मैं भूख हड़ताल पर थी (हंसते हुये)। मेरे कजिन्स और सगे भाई-बहन आज भी मुझे उस बात को लेकर छेड़ते रहते हैं। मेरी तरफ से सभी लोगों को ईद की ढेर सारी शुभकामनायें।'

publive-image

Advertisment
Latest Stories