एक्शन सुपरस्टार विद्युत जामवाल ने 5 लाख रुपये की बड़ी धनराशि का योगदान दिया। जी हाँ, उन्होंने एकवीरा कलारीपयट्टू अकादमी को 5 लाख रुपये देकर छात्रों को जीवन भर समर्थन और बढ़ावा देने का वादा किया। यह अकादमी कलारीपयट्टू के प्राचीन अनुशासन को सीखने वाले बच्चों को ट्रेनिंग देने का प्रयास करती है। इस अकादमी के नीलकंदन नाम के एक युवा छात्र ने खुदा हाफिज में अपने दमदार अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लेने वाले अभिनेता विद्युत जामवाल को ट्विटर के माध्यम से आभार व्यक्त किया।
इस युवा मार्शल कलाकार ने ट्विटर पर लिखा कि यह मेरे लिए सम्मान की बात है और मैं बेहद आभारी हूँ, कि मुंबई में मैं @VidyutJammwal (विद्युत जामवाल) से मिला और उन्होंने 5 लाख रुपये के बड़े योगदान से एकवीरा कलारीपयट्टू अकादमी का समर्थन किया है।
कलारीपयट्टू के राजकुमार के रूप में लोकप्रिय नीलकंदन ने अविश्वसनीय कौशल दिखाया है और चुनौतीपूर्ण शारीरिक उपलब्धि हासिल करके वो सोशल मीडिया पर स्टार के रूप में छाए हुए है । विद्युत को अपना आदर्श मानते हुए इस युवा मार्शल कलाकार ने हमारे देश के कई नौजवानों को प्रभावित किया है। इस अकादमी को चलाने वाले नीलकंदन और उसके पिता को विद्युत जामवाल ने बधाई दी और यह वादा किया कि उनके पास कलारीपयट्टू के लिए बड़ी योजनाएं हैं और वो इस प्राचीन अनुशासन को बढ़ावा देने में पुरी मदद करेंगे, इसके अलावा अभिनेता ने उन्हें 'आई ट्रेन लाइक विद्युत जामवाल' बनी हुई टी-शर्ट भेंट की। नीलकंदन अपने आदर्श यानि विद्युत से न्यूज़ १८ नेटवर्क के शो बायजु के यंग जीनियस २ में मिले।
अपने रोल मॉडल से मिलना नीलकंदन के लिए उसके एक सपने के सच होने जैसा था, जिसके बारे में उसने ट्विटर पर लिखा कि “यह मेरे जीवन के सबसे बड़े क्षणों में से एक है। विद्युत जामवाल से मुलाकात हुई और उनसे कस्टमाइज टी शर्ट प्राप्त हुई। इसके अलावा उनके साथ कुछ कलारीपयट्टू की कला करने में सक्षम होने का सौभाग्य भी मिला। मेरा एक सपना पूरा हुआ!”
इस पर उनके पिता महेश कुमार आर ने कहा कि 'नीलकंदन हमेशा कहता था कि वह विद्युत सर से मिलना चाहता है और वह उनके जितना बड़ा इंसान बनना चाहता है। आज हमें उनसे मिलने का अवसर मिला और उन्होंने उसे 'आई ट्रेन लाइक विद्युत जामवाल' की टी-शर्ट भेंट में दी। उन्होंने हमारी अकादमी को कलारीपयट्टू को और आगे बढ़ाने के लिए 5 लाख रुपए की बड़ी रक़म से मदद का हाथ आगे बढाया।'
इस पर विद्युत जामवाल ने कहा कि “भारत के पारंपरिक स्वास्थ्य (देखभाल और रोकथाम) तरीकों को फिर से सक्रिय करने की जरूरत है। कलारीपयट्टू आज भी जीवित है, जो सबसे अच्छी उपलब्ध प्राचीन स्वास्थ्य संस्कृति है। इस कला को दुनिया के सामने लाने की जरूरत है। केरल से शुरू करके, कलारीपयट्टू और कलारी (स्कूलों) के गुरुओं को आर्थिक रूप से वित्त पोषण और समर्थन देना मेरा केवल पहला कदम है। कलारीपयट्टू के लिए मैंने कुछ बड़ा सोचा है, जो निकट भविष्य में पारंपरिक और आधुनिक अभ्यासकर्ताओं के लिए है।'