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धर्मांतरण जैसी गंभीर मुद्दे पर बनी है विनोद तिवारी की फिल्म 'द कन्वर्जन'

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धर्मांतरण जैसी गंभीर मुद्दे पर बनी है विनोद तिवारी की फिल्म 'द कन्वर्जन'

फिल्म का प्रमोशन इम्पा अंधेरी में किया गया जहां अभिनेत्री विंध्या तिवारी, अभिनेता प्रतीक शुक्ला और रवि भाटिया सहित निर्देशक विनोद तिवारी की उपस्थित हुए, कश्मीर में अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ हुए अत्याचार को साहस और साक्ष्य के साथ 'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म में दिखाया गया।

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अब ऐसी ही एक ज्वलन्त विषय पर बनी फिल्म 'द कन्वर्जन' रिलीज के लिए तैयार है। जो कि धर्मांतरण जैसी गंभीर मुद्दे को उजागर करेगी। इस फिल्म के निर्देशक विनोद तिवारी हैं। उन्होंने बताया कि 'द कश्मीर फाइल्स' बीते समय में भारत के एक क्षेत्र में हुई क्रूरता की घटना है किंतु सम्पूर्ण भारत में लोगों के आंखों के सामने सनातनी बेटियों को एक विशेष वर्ग द्वारा भ्रमित कर धर्मांतरण किया जा रहा है। उनके मनोभावों से खेला जाता है और जब उनका मकसद पूर्ण हो जाता है तो उन बेटियों दर्दनाक सज़ा मिलती है या फिर उनका त्याग कर भटकने के लिए छोड़ दिया जाता है। हमेशा समाचार पत्र और मीडिया में ऐसी घटना का जिक्र होता है किंतु अपराधी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होती। उल्टे लड़कियों को दोषी करार दिया जाता है। आखिर वास्तव में कसूरवार कौन है? इस धर्मनिरपेक्ष देश में धर्म की आड़ में ही अनैतिक और आपराधिक कार्य एक सोची समझी साजिश के तहत हो रहा है। इस पर पहल करने वाला भी कोई नहीं। अपनी बेटियों को ऐसे ही षड्यंत्रकारी शैतानों से सजग करने के लिए, सनातनियों की आंखें खोलने के लिए इस फिल्म के माध्यम से मैंने यह फिल्म बनाया है। अपने फ़िल्म के माध्यम से सनातनियों की चेतना जगाने का प्रयास किया है और सत्यता दिखाया है। आखिर इन धर्मांतरण का मकसद क्या है? कौन से वर्ग हैं जो आस्तीन में छुपे साँप बने है?

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निर्देशक विनोद तिवारी ने अपनी फिल्म 'द कन्वर्जन' के माध्यम से सच के पर्दे खोल दिये हैं। यह फ़िल्म उन सभी लड़कियों के लिए है जिनकी आंखों में प्रेम का पर्दा डाल गहरे कुँए में फेंक दिया जाता है। यह वह राह है जिस पर आगे बढ़ कर लौटना नामुमकिन होता है। यह वो धूर्त प्रेम है, जो कलश पादप (पिचर प्लांट)के समान है। जो दिखने में तो लुभावना, किंतु असहनीय पीड़ा के साथ तिल तिल कर प्राण हरने का कार्य करता है। हिन्दू लड़कियों को अपने मोहपाश में फंसाकर उनका धर्मांतरण करने की कुछ सत्य घटनाओं पर आधारित फिल्म 'द कन्वर्जन' 22 अप्रैल की सिनेमाघरों में प्रदर्शित किया जाएगा। धर्मांतरण के गम्भीर मुद्दे पर बनी इस फ़िल्म का प्रीमियर 27 मार्च को न्यूयॉर्क में रखा गया था। जहाँ फ़िल्म देखने आए सभी दर्शकों को प्रेरित किया। सभी ने जय हिंद, भारत माता की जय और जय श्री राम के नारों से सिनेमाहॉल को गुंजायमान कर दिया। वहीं दर्शकों ने संकल्प लिया कि अपने घरों की लड़कियों को भी यह फिल्म दिखाकर जागृत करने का प्रयास करेंगे। यह फ़िल्म वर्तमान समय की सच्चाई है जिसका जितना जल्दी ज्ञान हासिल कर सावधान होने की आवश्यकता है। उत्तरप्रदेश की सरकार ने लव जिहाद पर लगाम लगाने की कोशिश की कई कानून बनाये पर यह कारगर तभी होगा जब जनता जागृत हो और यही जागरण का कार्य विनोद तिवारी अपनी फिल्म के माध्यम से कर रहे हैं। समस्त भारतीयों को यह फ़िल्म देखनी जरूरी है, खासकर महिला वर्ग को ताकि कल उनके साथ, उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ ना हो।

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नोस्ट्रम इंटरटेनमेंट हब के बैनर तले निर्मित 'द कन्वर्जन' के निर्माता राज पटेल, विपुल पटेल और राज नोस्ट्रम तथा निर्देशक विनोद तिवारी हैं। वंदना तिवारी लिखित इस फिल्म के संगीतकार अनामिक चौहान हैं। फिल्म में विंध्या तिवारी, प्रतीक शुक्ला, रवि भाटिया और मनोज जोशी ने अभिनय किया है।

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