आलिया ने जहां जहां कदम रखा, वहां जलवे बिखर गए और एक जादू सा चल गया

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आलिया ने जहां जहां कदम रखा, वहां जलवे बिखर गए और एक जादू सा चल गया

-सुलेना मजुमदार अरोरा

आलिया भट्ट को बॉलीवुड की क्वीन ऑफ हार्ट्स कहा जाता है और जहां भी वो नज़र आती है वहाँ जलवा बिखर जाता है। पिछले दिनों पीवीआरआरआरआर के सन्योग से बनने वाली, एस एस राजामौली निर्देशित, बहुप्रतीक्षित और बहुचर्चित फिल्म 'आर आर आर (RRR) की प्रमोशन की धूम जगह जगह मच गई और दिल्ली, अमृतसर, बंगलौर, वाराणसी, जहां भी इस फिल्म के प्रमोशन का जलवा बिखरा वहीं इसके मशहूर निर्देशक एसएस राजामौली और धुरंधर कलाकार, सुपरस्टार जूनियर एनटीआर, राम चरण, अजय देवगन और क्वीन ऑफ हार्ट्स आलिया भट्ट को वहां की जनता, उनके फैंस और फॉलोअर्स ने सर माथे पर उठा लिया। ऐसी ही एक प्रेस मीट के दौरान दिल्ली में मायापुरी ने इस खास प्रेस कॉन्फ्रेंस का आंनद लिया जहां आलिया भट्ट की उपस्थिति उस कॉन्फ्रेंस में चार चांद लगा रही थी। स्टेज पर कदम रखते ही जैसे उसपर चमकते सितारों की बारिश हो गई, साड़ी, ब्लाउज में आलिया की ख़ूबसूरती और जवानी छलकती जा रही थी।

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उन्हें देखते ही उनके प्रशंसक, प्रेस कुटुंब, 'गंगूबाई गंगूबाई' चीखने लगे तो आलिया ने अपनी हालिया सुपरहिट फिल्म 'गंगूबाई' की मशहूर पोज देते हुए, अपने हाथ सर के ऊपर उठाकर नमस्कार किया तो हल्ला मच गया और स्टेज पर रखी वस्तुएँ गिर पड़ी जिसपर खुद आलिया और वहाँ उपस्थित सब बोलने लगे कि यह गंगूबाई का जबर्दस्त प्रभाव है कि गंगूबाई के सामने कुछ टिक नहीं पाता। मुस्कराती, आँचल संभालती आलिया  प्रेस के प्रश्नों का उत्तर देने के लिए तैयार हुई। पहला प्रश्न उनसे पूछा गया, 'बाहुबली' फेम फिल्म मेकर एसएस राजामौली के साथ काम करते हुए आपको कैसा लगा?' इस पर चहकती हुई वे बोली, 'यह साउथ की मेरी पहली फिल्म है और राजा मौली सर के साथ काम करते हुए मुझे कितनी खुशी हुई यह शब्दों में बयां नहीं कर सकती, मेरे लिए यह मेरे सपने सच होने जैसी बात थी कि मैं मेरे फेवरेट फिल्म 'बाहुबली' के मेकर के साथ काम कर रही हूँ, मुझे अपने को पिंच करना पड़ा ये देखने के लिए कि कहीं मैं सपना तो नहीं देख रही हूँ, सर के साथ काम करने का मेरा एक्सपीरियंस यादगार रहा, वे बेहद सहज तरीके से अभिनेताओं से काम करवाते हैं, उनसे मैंने ढेर सारी कहानियां सुनी, अमर चित्र कथा की कहानियां वे मुझे हर शॉट के बीच में सुनाया करते थे, एक शॉट दिया, एक कहानी, दूसरा शॉट दिया दूसरी कहानी। राजामौली सर के पास कहानियों का खजाना है, वे एक महान स्टोरी टेलर है, उनसे मैंने बहुत कुछ सीखा जिसके लिए मैं ग्रेटफुल हूँ।'

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आलिया से जब पूछा गया कि वे अपने इन दोनों हीरोज, जूनियर एनटीआर और राम चरण के बारे में क्या कहेंगी, तो आलिया ने कहा,' जूनियर एनटीआर और राम चरण बेहद अच्छे एक्टर्स होने के साथ साथ बेहतरीन, वार्म एंड केयरिंग इंसान है। हालांकि वे दोनों बहुत हेल्पफुल और प्यारे इंसान हैं लेकिन है बड़े नटखट और मस्ती खोर। सेट पर एक पल भी शांत नहीं बैठते थे और हमेशा मस्ती मज़ाक करते रहते थे। सचमुच बहुत फन का एहसास हुआ इनके साथ काम करने में।'

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आलिया से जब उनकी भूमिका के बारे में पूछा गया तो वे बोली, 'मैं सीता नामक स्त्री की भूमिका कर रही हूँ जो ऊपर से सिंपल है लेकिन अंदर से बहुत पावरफुल है, उसमें साइलेंट स्ट्रेंथ है। भले ही मेरी भूमिका बहुत लंबी नहीं है लेकिन बहुत महत्त्वपूर्ण और दमदार है।' अगला प्रश्न आलिया से पूछा गया कि उन्होंने इतने सारे बड़े बड़े निर्देशकों के साथ काम किया है और बहुत अलग अलग भूमिकाएँ की है तो उनके काम करने का प्रोसेस क्या है, और जब वे कोई रोल करती है तो उस भूमिका की मनःस्थिति से निकलने में उन्हें कितना समय लगता है? इसपर आलिया ने ज़वाब दिया, 'मेरे पास अपना कोई प्रोसेस या स्ट्रेटजी नहीं है काम करने का, मैं बस वही करती हूँ जो उस फिल्म के निर्देशक मुझसे चाहते हैं, सब फिल्म मेकर का अपना अपना ढंग और स्टाइल है, उनका अलग अलग अपना अपना प्रोसेस है और मैं उनके विजन के अनुरूप ढलना पसंद करती हूं, अगर कोई निर्देशक मुझे घर बैठे बैठे अपनी भूमिका की तैयारी करने को कहें तो मैं घर पर तैयारी करती हूँ, अगर कोई कहें फलां कैम्प अटेंड करो तो वैसा ही करती हूँ। मैं हर रोल में उस फिल्म के निर्देशन के कहे अनुसार ढल जाती हूँ। और जहां तक सवाल अपनी भूमिकाओं की मनःस्थिति से निकलने की बात तो हाँ कुछ समय तक हर फिल्म के चरित्र का असर मुझपर जरूर रहता है लेकिन फिर अगली फिल्म के शूटिंग के साथ वो पिछला असर धुँधला जाता है।'

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प्रोमोशन के दौरान आलिया प्रेस और पब्लिक से शुद्ध तेलुगु में भी कुछ बातें कर रही थी जिसे सुनकर ऑडिएंस में खुशी की लहर दौड़ जाती थी। इस भाषा को जब सीखने को लेकर हमने प्रश्न किया कि यह भाषा उन्होंने कितने दिनों में सीखी, तो आलिया ने बताया,'हालांकि शुरू शुरू में मुझे ये कठिन भाषा लगी लेकिन मैंने कुछ ही समय में इसे सीख लिया। उसी दौरान कोविड-19 महामारी लॉक डाउन के चलते डेड़ सालों तक शूटिंग बंद हो गई और मुझे डेढ़ साल और मिल गए तेलुगु भाषा सीखने के लिए.।' जब कोरोना काल में अपने को चुस्त और फिट रखने के बारे में फिल्म के नायकों से प्रश्न पूछा गया तो नायकों ने कहा कि वे काफी वर्क आउट करते थे ताकि घर बैठे बैठे तंदरुस्त रहा जा सके, इस बीच आलिया ने कहा,' हाँ, जूनियर एनटीआर और राम चरण बहुत वर्क आउट करते थे, एक बार तो जब तारक (जूनियर एनटीआर) को एक दृश्य में झुकने का सीन करना था तो वो झुक ही नहीं पा रहे थे क्योंकि उनके पांव में बहुत दर्द था क्योंकि वे हेवी वर्क आउट करके आए थे।' आलिया के इस मस्ती भरे खुलासे से सभी हंस पड़े। जब किसी ने राजामौली से पूछा कि क्या कभी वे स्त्री प्रधान फिल्म बनाएंगे तो राजामौली ने वादा किया कि वे जरूर आगे चलकर नायिका प्रधान फिल्म बनाएंगे। यह सुनकर आलिया बहुत खुश हुई और उस प्रश्न पूछने वाले को धन्यवाद देने लगी तो राजामौली ने झट से कहा, 'लेकिन उस नायिका प्रधान फिल्म में वो आलिया को नहीं ले सकते।' यह सुनते ही आलिया अवाक और दुखी होने का भान करने लगी तभी राजा मौली ने कहा, 'मैं इसलिए आलिया को नहीं ले सकता क्योंकि अब वो हर फिल्म में एक हीरो की तरह है, यानी सबसे महत्वपूर्ण।' यह सुनकर आलिया खुशी से खिल उठी। प्रोमोशन मे प्रश्नोत्तर का दौर खत्म हो गया और तस्वीरें खींचने का दौर आया तो आलिया ने तरह तरह के पोज से सबका मन मोह लिया। आलिया ने अपने इस फिल्म के नायकों, निर्देशक और मुख्य अतिथि आमिर खान के साथ फिल्म के प्रसिद्ध 'नाचो नाचो' डांस के हुक स्टेप्स भी किए और अपने फैंस, फॉलोअर्स और मायापुरी के लाखों पाठकों को फिल्म 'आरआरआर' जरूर देखने की गुजारिश की।

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