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परम देवी दुर्गा को समर्पित नौ रातों का त्यौहार नवरात्रि, एक बार फिर अपनी पूरी शान के साथ हमारे सामने हाजिर है. जोश से भरा यह उत्सव बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, जो पूरे भारत में लोगों के दिलों पर छा गया है और ज़ी टीवी के कलाकार भी इससे अछूते नहीं हैं. नवरात्रि के दौरान रंग-बिरंगे परिधान, शानदार गरबा और स्वादिष्ट दावतों का दौर चल पड़ता है और ऐसे में कुंडली भाग्य की श्रद्धा आर्य, कुमकुम भाग्य की मुग्धा चाफेकर, मीत की आशी सिंह, प्यार का पहला अध्याय शिवशक्ति की निमिषा वखारिया, भाग्य लक्ष्मी की ऐश्वर्या खरे, प्यार का पहला नाम राधा मोहन की निहारिका रॉय, रब से है दुआ की अदिति शर्मा और क्योंकि... सास मां, बहू बेटी होती है की नविका कोटिया जैसे ज़ी टीवी के कलाकार इस शुभ अवसर के उत्साह के लिए तैयार हैं. बचपन की यादों से लेकर दिल से निभाई जाने वाली परंपराओं तक, उन्होंने नवरात्रि 2023 के लिए अपनी योजनाओं और अनुभवों के बारे में बताया.
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ज़ी टीवी के कुंडली भाग्य में प्रीता के रोल में नजर आ रहीं श्रद्धा आर्य ने कहा,
"मेरे लिए नवरात्रि, जीवन, परंपरा और अपनों के साथ रहने का जश्न है. यह एक ऐसा त्यौहार है जो बहुत सारी खुशियां लाता है और उत्सव से भरा होता है. इस मौके पर मुंबई और दिल्ली जैसी जगहों पर माहौल जोशीला हो जाता है, हर कोई डांडिया, गरबा और दुर्गा पूजा के लिए इकट्ठा होता है. मैं उत्सव के उल्लास का पूरा आनंद लेती हूं. मैं निजी तौर पर नवरात्रि के दौरान उपवास रखती हूं और मेरा परिवार भी व्रत रखता है. मेरे लिए नवरात्रि अपनी जड़ों से फिर से जुड़ने, अपने परिवार के साथ मंदिर जाने और ज़िंदगी और प्रेम का जश्न मनाने का समय है."
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ज़ी टीवी के कुमकुम भाग्य में प्राची का रोल निभा रहीं मुग्धा चाफेकर ने कहा,
"नवरात्रि के इस शुभ त्यौहार की मेरी कई यादें हैं. चूंकि मुंबई में नवरात्रि मनाने का अंदाज़ निराला है, इसलिए एक सच्ची मुंबईकर होने के नाते, मुझे हमेशा गरबा खेलना पसंद है. मुझे याद है जब मैं छोटी थी, तो मैं अपने दोस्तों के साथ गरबा खेलने के लिए सुंदर घाघरा चोली पहनती थी और डांडिया लेकर जाती थी. मुझे नवरात्रि बहुत पसंद है. ये 9 दिन सबसे दिव्य होते हैं, और मुझे लगता है कि नवरात्रि सबसे रंग-बिरंगे और सुंदर त्यौहारों में से एक है. मैं सभी को नवरात्रि की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देती हूं. एक जोशीला उत्सव मनाएं."
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ज़ी टीवी के मीत में सुमीत का रोल निभा रहीं आशी सिंह ने कहा,
"मुझे यकीन है कि इस त्यौहार के दौरान हर शहर का अपना आकर्षण होता है और मुंबई इससे अलग नहीं है. जो शहर कभी नहीं सोता है वो इन दिनों अचानक और ज्यादा जगमग और रंग-बिरंगा हो जाता है. जब मैं पहली बार मुंबई आई, तब मैं स्कूल में थी. मैं गरबा खेलने जाती थी, लेकिन सच कहूं तो मुझे इसकी आदत नहीं थी और मैं अब भी उसी स्थिति में हूं. मेरी मां आम तौर पर पूरे नौ दिन व्रत रखती हैं और आठवें दिन 'कंजक पूजा' भी करती हैं. मेरा मानना है कि त्यौहार सबसे मिलने और प्यार बांटने के सिवाय और कुछ नहीं हैं. मैं सभी को सुखमय और सुरक्षित नवरात्रि की शुभकामनाएं देती हूं."
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ज़ी टीवी के शो 'क्योंकि... सास मां, बहू बेटी होती है' में केसर के किरदार में नजर आ रहीं नविका कोटिया ने कहा,
"मुंबई में बड़ी होने के कारण, मैं हमेशा नवरात्रि के जबर्दस्त उत्साह से सराबोर रही हूं. हालांकि मैं कोई डांडिया एक्सपर्ट नहीं हूं, फिर भी मुझे अपने दोस्तों के साथ गरबा खेलने में मजा आता है. चनिया चोली में एक गुजराती लड़की के रूप में तैयार होने और ऑक्सीडाइज़्ड ज्वेलरी एवं बाकी असेसरीज़ पहनने की मेरी कई यादें हैं. मैं और मेरा भाई अक्सर आपस में मेल खाते रंगों के परिधान पहनते थे. हमने अपने नृत्य कौशल के लिए कई पुरस्कार भी जीते थे. ये नौ दिन उत्साह से भरे होते हैं ... गरबा के बाद अलग-अलग जगह पर खाना और अक्सर देर से घर लौटना. यह एक कार्निवल की तरह है जो नौ दिनों तक चलता है और हर कोई इसका हिस्सा बनना चाहता है. दरअसल, हम अपने शो 'क्योंकि...सास मां, बहू बेटी होती है' में भी यही जश्न मना रहे हैं.
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ज़ी टीवी के शो प्यार का पहला अध्याय शिवशक्ति में मनोरमा का रोल निभा रहीं निमिषा वखारिया ने कहा,
"एक गुजराती होने के नाते नवरात्रि मेरे दिल के काफी करीब है. यह सिर्फ नाचने और जश्न मनाने के बारे में नहीं है, यह हमारी संस्कृति, परंपराओं और एकता की भावना के बारे में है. नवरात्रि के दौरान, पूरा समुदाय उत्सव का आनंद लेने के लिए एक साथ आता है. मुझे अपना बचपन अच्छी तरह से याद है... मैं पूरे 9 दिन गरबा खेलने जाती थी, और अपनी मां के साथ सबसे सुंदर चनिया चोली और रंग-बिरंगे आभूषणों की खरीदारी करने जाती थी. वे पोशाकें नवरात्रि की उमंग का प्रतीक थीं. अब हम घर पर पूरे साज-सज्जा के साथ नौ दिनों तक पूजा करते हैं और फिर कंजक पूजा करते हैं. हालांकि मैं पूरे नौ दिनों तक हर रात गरबा कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो सकती, लेकिन मैं हर साल कम से कम तीन दिन जाने की कोशिश जरूर करती हूं. यह सिर्फ डांस के बारे में नहीं है. यह हमारी विरासत को संजोकर रखने और इसे अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के बारे में है."
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ज़ी टीवी के भाग्य लक्ष्मी में लक्ष्मी का रोल निभा रहीं ऐश्वर्या खरे ने कहा,
"जिस तरह से हमने नवरात्रि मनाई है, वह भोपाल में मनाए जाने वाले तरीके से बहुत अलग है. वहां पहले दिन मेरी मां कलश स्थापना करती हैं और पूरे 9 दिनों तक व्रत रखती हैं. हालांकि जब से मैं मुंबई आई हूं, मैंने देखा है कि लोगों में सजने-संवरने और गरबा खेलने का कितना उत्साह है, जो वाकई आश्चर्यजनक है. बचपन में, मुझे हमेशा नवरात्रि के अपने पसंदीदा दिन अष्टमी का इंतजार रहता था, जब मैं अपने पसंदीदा प्रसाद - हलवा, काला चना और पुरी का मजा ले सकती थी. इस साल, मैं अपने भाग्य लक्ष्मी के को-एक्टर्स के साथ शहर में कुछ गरबा कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए उत्साहित हूं. आप सभी को नवरात्रि की शुभकामनाएं."
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ज़ी टीवी के शो प्यार का पहला नाम राधा मोहन में राधा के रोल में नजर आ रहीं निहारिका रॉय ने कहा,
"नवरात्रि, एक रंग-बिरंगा और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध त्यौहार है, यह नौ रात तक चलने वाला उत्सव है जो अपने सभी रूपों में दिव्य स्त्री ऊर्जा का सम्मान करता है. मेरे अनुसार, नवरात्रि दिव्य स्त्री ऊर्जा की पूजा करने के लिए समर्पित है, जिसे अक्सर भारत के विभिन्न क्षेत्रों में देवी दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती के विभिन्न रूपों द्वारा दर्शाया जाता है. मुझे याद है, जब मैं छोटी थी तब हम कोलकाता में रहते थे और आशीर्वाद लेने के लिए अपने परिवार के साथ अलग-अलग दुर्गा पंडालों में जाते थे. साल के इस समय, पूरे शहर को रोशनी से सजाया जाता है और मुझे वो 9 दिन बहुत अच्छे लगते हैं क्योंकि नवरात्रि का हर दिन देवी के एक अलग रूप से जुड़ा होता है और इसीलिए इसे सामूहिक रूप से नवदुर्गा के रूप में जाना जाता है. मुझे यह देखकर बहुत अच्छा लगता है कि कैसे हर शहर का इस त्यौहार के साथ अपना एक खास रिश्ता है. जहां कोलकाता में दुर्गा पूजा बड़े पैमाने पर होती है, वहीं मुंबई, अहमदाबाद जैसे शहरों में गरबा की धूम रहती है. हर किसी का नवरात्रि मनाने का अपना-अपना तरीका होता है."
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ज़ी टीवी के रब से है दुआ में दुआ का रोल निभा रहीं अदिति शर्मा ने कहा,
"नवरात्रि देवी दुर्गा की स्तुति में बहुत उत्साह और भक्ति के साथ मनाई जाती है, जो शक्ति, साहस और दिव्य स्त्री शक्ति के अवतार का प्रतीक हैं. माना जाता है कि इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान, देवी दुर्गा राक्षस महिषासुर से युद्ध करती हैं, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. दरअसल, यह मेरा पसंदीदा त्यौहार है और मुझे याद है, मेरा परिवार घर पर कंजक पूजा करता था और मैं भी व्रत करती थी. शाम को मैं अपने कॉलेज के दोस्तों के साथ गरबा करने जाती थी... बहुत मजा आता था. इसके अलावा, मेरी नवरात्रि की सबसे अच्छी याद तब की है जब मैं और मेरा भाई बहुत छोटे थे और हम स्वादिष्ट हलवा, पुरी और चना खाने के लिए अलग-अलग जगहों पर जाते थे. अब, हम दुर्गा मां से आशीर्वाद लेने और गरबा करने के लिए अलग-अलग पंडालों में जाते हैं. जैसे-जैसे ये उत्साह से भरा उत्सव करीब आ रहा है, नवरात्रि देश भर में लाखों लोगों में खुशी, प्रेरणा और आध्यात्म का एहसास जगा रहा है."
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