आमिर खान एवं करीना कपूर खान स्टारर फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ एक कॉमेडी ड्रामा फिल्म है जिसे अद्वैत चन्दन ने निर्देशित की है. आमिर खान प्रोडक्शंस द्वारा निर्मित यह फिल्म-अमेरिकन फिल्म, ‘फारेस्ट गंप 1994 की रीमेक फिल्म है. फिल्म थिएटर्स में 11 अगस्त 2022 को रिलीज के लिए तैयार है.
12 वर्षों के बाद लाल सिंह चड्ढा में आमिर खान के साथ काम कर रही है कैसा अनुभव रहा?
जी हाँ फिल्म, ‘तलाश’ और थ्री इडियट्स में उनके साथ काम करने का मौका मिला. जब भी उनके साथ काम करती हूँ कुछ सीखने ही मिलता है. राख से लेकर ‘लाल सिंह चड्ढा’ में भी आप रियल आमिर खान नहीं देखेंगे. वह हर किरदार को इस तरह निभाते है की उसमें ढल जाते है. यह फिल्म बहुत ही अलग है. फारेस्ट गंप को भी उन्होंने अपनी फिल्म बना ली और लाल सिंह चड्ढा को बेहद भारतीय रूप दिया है. मुझे खुशी है और यह मेरा सौभाग्य है की उन्होंने मुझे रूपा के किरदार के लिए चुना. रूपा इस फिल्म की आत्मा है. यह एक लव स्टोरी है.
लाल सिंह चड्ढा की कहानी में आपको क्या अच्छा लगा है?
फिल्म में दो दशकों तक अपने प्यार जेनी को ढूंढते हुए नजर आए हैं तो लाल सिंह मंें भी आपको कहानी में लाल रूपा को तलाशते नजर आते हैं. फारेस्ट गम्प की कहानी है. लाल सिंह चड्ढा बहुत खूबसूरती के साथ एडाप्ट की गयी है. इस फिल्म की कहानी अतुल कुलकर्णी ने लिखी है स्क्रीनप्ले लिखा है, वह ढंग से लिखा है. कमाल का है... फिल्म में मेरा किरदार बेहद इम्पोर्टेन्ट एवं बहुत लेयर्ड रोल है. वाला है.
फारेस्ट गंप फिल्म आपने पहली बार कब देखी थी?
मैंने गंप 90 के दशक में ही देखी थी. उस फिल्म को आप जब भी देखेंगे तो आप को आधुनिक एवं इंटरेस्टिंग लगेगी. 20 साल बाद फिर इस पर कोई फिल्म बना सकता है. हमारी फिल्म, लाल सिंह चड्ढा भी इसी तरह सिनेमा घरों. यह फिल्म केवल शुक्रवार देख भूलने वाली टाइप फिल्म. एक लव स्टोरी है जो रोमांच भी है.
हिंदी सिनेमा आजकल ज्यादा बॉक्स ऑफिस पर चल नहीं रहा है, क्या लाल सिंह चड्ढा कुछ बदलाव ले कर आएगी?
मुझे लगता है कि हम अच्छा कंटेंट नहीं बना रहे है. कहानी मिस कर रहे हैं. लाल सिंह जरूर बदलाव लेकर आएगी. यह फार्मूला वाली फिल्म नहीं है गाने हो और एक आइटम नंबर सीन्स हो. यह अलग तरह की फिल्म है.
आमिर खान में बतौर एक्टर किस तरह ग्रोथ देखती है आप?
आमिर खान अधिकतर ऐसी ही फिल्मों का हिस्सा बनना पसंद करते हैं जो आप कभी भी देख सकते हैं, उनकी फिल्मों में लोंगेविटी रहती है. वो हमेशा ही समय से पूर्व तय फिल्में बनते है. वो आपको पुरानी नहीं लगती है. आप रंग दे बसंती को अभी भी देखे तो आप को वो आज की फिल्म ही लगेगी. ये ऐसी मेरी फिल्में हैं, जो आप कभी भी देख सकते हैं. आप किस तरह की फिल्म चुनते हैं एक एक्टर के तौर पर जो बहुत महत्वपूर्ण होता है.
जाने-माने सितारों की फिल्में थिएटर्स में देखना लोग पसंद करते है क्या?
आजकल फिल्म में स्टार्स हो या न हो कोई फर्क नहीं पड़ता है. कोविड के समय से यह नया दौर चल पड़ा है जिस में लोग एक बटन क्लिक पर ढेरो फिल्मेंध्शोज घर बैठे देख सकते है. बस कहानी अच्छी चाहिए. घरों में बैठे लोग सब कुछ बेहद नजदीक से देख पाते है. अभिनेता प्लेटफाॅर्म पर अच्छा परफॉरमेंस भी दे रहे है. स्टार्स को अब और हार्ड वर्क करना होगा. लेखकों को भी अच्छी होगी ताकि लोग घरों से निकल कर सिनेमा घरों में आना पसंद करें. आजकल प्लेटफार्म पर फिल्में तुरंत रिलीज भी हो जाती है. इससे थिएटर्स में जाने की अपेक्षा सभी घर पर बैठ अच्छा कंटेंट देखना पसंद करते है. प्लेटफार्म से यह मालूम चल गया है कि या स्टार जब तक वह अच्छा काम नहीं दिखलायेगी तो कोई भी नहीं करेगा. स्टार्स को भी अपनी औकात पता चल गयी है अब.
आप ओटीटी के लिए भी कोई प्रोजेक्ट कर रही हैं
मैं नेटफ्लिक्स की एक फिल्म कर रही हूँ. जिसके निर्देशक सुजॉय घोष हैं. फिल्म में मेरे साथ जयदीप अहलावत और विजय वर्मा है. यह फिल्म डिवोशन ऑफ सस्पेक्ट पर आधारित है. बहुत ही कमाल की कहानी है. यही वजह है कि मैं इस प्रोजेक्ट से जुडी. अलग अलग और फ्रेश एक्ट्रेस के साथ काम करने का एक अलग ही अनुभव होता है.