अप्रवासी भारतीय और अमरीका के मशहूर कैंसर रोग विशेष डाक्टर शंकर नायडू का वतन/ भारत प्रेम ने उनसे देशभक्ति प्रधान फिल्म "भारतीयंस" बनाने के लिए उकसाया और उन्होने दक्षिण के मशहूर लेखक दीना राज को बतौर लेखक व निर्देशक लेकर इस फिल्म का निर्माण किया.14 जुलाई को सिनेमाघरों में हिंदी के अलावा तेलुगु, मलयालम, कन्नड़ में प्रदर्शित हो रही फिल्म "भारतीयंस" में पंजाबी का अहम किरदार निभाने वाली अदाकारा समायरा संधू से लंबी बातचीत हुई. समायरा संधू की यह पहली फिल्म नही है. वह इससे पहले धयम, उमरान छ की राखीयां फिल्में कर चुकी हैं. 2023 में समायरा संधू को 'नशा मुक्त भारत अभियान',चंडीगढ़ का ब्रांड एंबेसडर नामित किया गया.
प्रस्तुत है समायरा संधू संग हुई बातचीत के अंष...
अपनी अभिनय यात्रा को लेकर क्या कहेंगी?
मेरी यात्रा शुरू साउथ से हुई है. मैं चंडीगढ़ की रहने रहने वाली हॅूं. लेकिन मुझे 2017 में तमिल फिल्म "धयम" में अभिनय करने का अवसर मिला. इस फिल्म से ही मेरी अभिनय यात्रा शुरू हुई. उसके बाद ही मैं मुंबई शिफ्ट हूं और जाहिर सी बात है कि मुंबई शिफ्ट होने के बाद ही मैंने अपनी स्केल और हर चीज पर ज्यादा काम किया ताकि मैं अपने अभिनय को और ज्यादा निखार सकूं. ज्यादा अच्छे तरीके से आप लोगों के सामने ला सकॅूं. उसके बाद मैने 'दमयंती', 'उमरान चा की राखियां' के अलावा नील भट्टाचार्य के साथ "आलिया" की. और अब 14 जुलाई को प्रदर्शित हो रही फिल्म "भारतीयंस" में लोग मुझे पंजाबी के किरदार में देख सकेंगे. इसके अलावा मैने एक अन्य फिल्म की शूटिंग पूरी कर ली है. मैने कुछ शॉट फिल्में भी की हैं.
अभिनय को कैरियर बनाने का कोई प्रेरणा स्रोत था?
मैं शुरू से इस काम को करना चाहती थी. अभिनेत्री बनना मेरा सपना था. लेकिन कोई मार्गदर्शन करने वाला नहीं था. तो ऐसे ही मुझे लगता है कि भगवान बहुत ज्यादा दयालु है,जिसने मेरा सपना पूरा किया. मुझे पहली फिल्म का मिलना परियों की कहानी जैसा था. मुझे कोई ऑडिशन भी नहीं देना पड़ा. मेरी कुछ मॉडलिंग की तस्वीरें देखकर निर्देशक ने मुझे बुलाया और फिल्म 'धयम' में हीरोईन बना दिया. उसके बाद मैने पीछे मुड़कर नहीं देखा.
पहली फिल्म "धयम" के बारे में कुछ बताना चाहेंगी?
यह तमिल है,जिसमें मैने एक सीईओ का किरदार निभाया था. यह फिल्म उस लड़की की कहानी है, जो अमरीका से पढ़ाई पूरी कर भारत आकर सीईओ बनना चाहती है. यह रोमांचक फिल्म है.
फिल्म "भारतीयंस" में आपको क्या खास बात लगी,जिसके चलते आपने इस फिल्म का हिस्सा बनना तय किया?
फिल्म 'भारतीयंस' एक बहुत अलग तरह की कहानी है. यह देशभक्ति वाली फिल्म है. फिल्म के निर्देशक दीना राज सर बहुत ही कमाल की कहानियां लिखते हैं. उनके बारे में मैंने पढ़ा था कि उन्होने आज तक जितनी भी बहुत बड़े बड़े सुपरस्टार की फिल्में लिखी हैं, वह सभी फिल्में बड़े पर्दे पर बड़े कमाल करती रही हैं. दक्षिण में उनकी हर फिल्म 365 दिन चली है. तो इस फिल्म को करने के पीछे पहली वजह तो निर्देशक दीना राज ही रहे. इसके अलावा मुझे उनकी कहानी पर बहुत विश्वास था. फिर जैसा कि मैने बताया कि यह देशभक्ति वाली कहानी है. इसके अलावा इसमें मेरा किरदार भी बहुत पावरफुल है. तो यह भी एक बड़ा कारण था. आप भी जानते हैं कि हर कलाकार की भूख रहती है कि अलग-अलग किरदार निभाने का अवसर मिले. पहले होता था कि आपने बतौर हीरोइन बहुत सारा काम कर लिया, तब अब आप एक आउट स्टैंडिंग किरदार की तलाश शुरू करते थे. लेकिन आज कल सभी अभिनय की ट्रेनिंग लेकर आते हैं, इसलिए पहले दिन से ही उन्हे चुनौतीपूर्ण व विविधतापूर्ण किरदार की तलाश रहती है. ऐसा ही मेरे साथ भी है. मैं खुशनसीब हॅूं कि मुझे पहली ही फिल्म में चुनौतीपूर्ण किरदार निभाने का अवसर मिला.
फिल्म "भारतीयंस" के अपने पंजाबी किरदार के बारे में क्या कहना चाहेंगी?
मैं निजी जीवन में पंजाबी लड़की हूं और फिल्म में मेरे किरदार का नाम भी पंजाबी है. मेरे किरदार में बहुत स्ट्रोंग इमोशन है. निजी जीवन में ही नही मेरे किरदार को भी खून खराबा,लड़ाई झगड़ा बर्दाश्त नहीं है. लेकिन इस फिल्म में आप पंजाबी को देखकर चैंक जाएंगे.
देशभक्ति वाली फिल्म "भारतीयंस" में चीन के युद्ध को किस तरह से दिखाया गया है?
हमने हमारी फिल्म में कोई युद्ध पेश नहीं किया है. चीन के साथ हम युद्ध लड़ाना नहीं चाहते हैं और ना ही हमारा ऐसा कोई इरादा है. लेकिन हमारी जो सैनिकों की गूंज है, उसका दर्द हम सभी के अंदर है. फिल्म कल्पना पर नही बल्कि बहुत सारी सत्य घटनाओं से प्रेरित है. फिल्म में जो कुछ दिखाया गया है,वह सब चीजें चाइना से आई हैं. तो उनको हम नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं. जिस तरह से कुछ चीजें खत्म करने की कोशिश की गई है, वह भारत के लिए भी तकलीफ देह रही. हमारे लिए भी एक बहुत बड़ा धब्बा है, जिसे हम नहीं भूल सकते हैं. क्योंकि हम अपनी मिट्टी के साथ जुड़े हुए हैं. हमारे सैनिक सीमा पर खून बहा रहे हैं. क्या इससे हमारे अंदर दर्द नही पैदा होगा.
इस किरदार को निभाने के लिए क्या आपको किसी तरह के होमवर्क की जरूरत पड़ी?
ऐसा कोई होमवर्क नहीं था. लेकिन हम लोग टफ लोकेशन पर शूट कर रहे थे. तो जाहिर सी बात है कि एक्शन की ट्रेनिंग लेने की जरुरत पड़ी. हमें तेज गर्मी,टॉप लोकेशन, पुल के उपर कुछ टफ सीन करने पड़े,उस वक्त हमें किस तरह की सावधानी बरतनी पड़ी, वह सब सीखा.
इस फिल्म के निर्माता अमरीका में रहते हैं और कैंसर रोग विशेषज्ञ हैं. उनसे आपकी मुलाकात कब व कैसे हुई?
फिल्म के निर्माता शंकर नायडू से मेरी मुलाकात बहुत बाद में हुई. मेरा पहला परिचय तो निर्देशक से ही हुआ. जब फिल्म ऑलमोस्ट शूटिंग पर जाने वाली थी, उससे पहले ही मेरा इस फिल्म के लिए चयन हुआ था. मैं सेट पर पहुंची और शूटिंग मुकम्मल हो गयी. जब फिल्म का ट्रेलर लॉन्च हुआ,तब उस अवसर पर निर्माता शंकर नायडू सर भारत आए थे,उसी वक्त उनसे मुलाकात हुई. लेकिन निर्देशक से मैंने उनके बारे में काफी कुछ सुना था. निर्देशक ने ही शंकर सर के जज्बे के बारे में बताया था. उन्होने ही बताया था कि प्रोडक्शन हाउस शुरू करने के पीछे शंकर सर की सोच क्या है. हमने सिक्किम और चाइना बॉर्डर पर सर्दी में भी शूटिंग की.
जब आपने सिक्किम और चाइना बॉर्डर पर शूटिंग की,उस वक्त क्या अनुभव रहे?
उस वक्त देश में करोना की लहर भी चल रही थी. मगर हम ऐसी जगह पर शूटिंग कर रहे थे, जहां पर कोरोना वायरस पहुंचा नहीं था. यह हम सभी के लिए राहत की बात थी. मैं मानती हूं कि हम पर बहुत ज्यादा भगवान का आशीर्वाद रहा. मैंने उन दिनों भी काम किया और काफी दिन काम किया. परेशानियां तो ज्यादा नहीं आई. पर लोकेशन बहुत टफ थी. लेकिन हमारा प्रोडक्शन टीम ने बहुत कमाल का काम कर सारा इंतजाम किया था. उन्होंने हमें कोई भी परेशानी आने नहीं दी. बाकी बतौर कलाकार कई बार हम अपने आपको टफ सिचुएशन में डाल लेते हैं कि हमारा परफॉर्म है अच्छे से उभर कर आए.
फिल्म के निर्देशक दीना राज के बारे में क्या कहेंगी?
उनके लिए मैंने आपको पहले ही बताया कि वह बहुत बड़े स्क्रीनप्ले राइटर हैं. उन्होंने तेलुगू इंडस्ट्री में बड़ा नाम कमाया है. उन्होने बहुत बड़े बड़े सुपरस्टार के साथ बहुत कमाल की फिल्मी दी हैं.
इसके बाद कौन सी फिल्म कर रही हैं?
मर्डर मिस्ट्री वाली फिल्म 'ब्रह्मरथ' के लिए शूटिंग कर रही हूं. इसमें मैं एक लीड किरदार निभा रही हूं. बहुत जल्द एक दूसरी फिल्म की भी घोषणा हो जाएगी.