Advertisment

जब विश्वप्रसिद्ध गायिका Gioconda ने लीजेंड Asha Bhosle के साथ अद्भुत समय बिताया

author-image
By Sulena Majumdar Arora
When world-renowned singer Gioconda had an amazing time with legend Asha Bhosle
New Update

पिछले दिनों विश्वप्रसिद्ध ऑपेरा क्वीन जिओकोंडा वेसीचेली ने भारत की हनी वॉयस, लीजेंड, आशा भोंसले Asha Bhosle के साथ हुई अपनी एक खास मुलाकात और लंच के बारे में मेरे साथ एक तसवीर साझा की. तस्वीर में इन दो दिग्गज गायिकाओं के अद्भुत मिलन की कहानी थी. मैंने तुरंत जिओकोंडा  Gioconda को कॉन्टेक्ट किया और उनसे आशा जी से मुलाकात के बारे में पूछा. जिओकोंडा ने मुझसे कहा कि इस वक़्त वो दिल्ली में बैक टू बैक शोज़ और 2 नए गाने को लॉन्च करने में इतनी व्यस्त हैं कि रात को सिर्फ तीन घन्टे ही सो पाती हैं, लेकिन बात जब मायापुरी जैसी पत्रिका और आशा भोंसले जैसी उनकी फेवरेट गायिका की आती है तो वो रात तीन बजे भी इंटरव्यू देने को तैयार है. और वाकई मेरी बातचीत गहरी, आधी रात को शुरू हुई तो उन्होंने अपने तीन दिन पहले रिलीज हुए गीत के बारे में जानकारी देते हुए कहा किस तरह वो गीत, रिलीज होने के तीन दिनों में ही इंस्टाग्राम पर ट्रेंड कर रहा है और किस तरह लोग उनके गाने पर ढेर सारे रील बना रहे हैं. क्योंकि  Gioconda जिओकोंडा अपने हर एक प्रशंसक को प्यार करती है, इसलिए उसने अपनी इंस्टाग्राम story में, अपने सभी प्रशंसकों की रीलों को पोस्ट करने की कोशिश की और उनके सभी संदेशों का जवाब भी दिया.  

Gioconda जिओकोंडा सोचती है कि प्यार ही प्यार को खींच कर लाता है और वो कहती हैं, हमें इस दुनिया को सुंदर बनाना चाहिए… क्योंकि पानी की हर एक बूंद मिलकर सागर बनती है. प्रस्तुत है उनसे बातचीत के मुख्य अंश जो उन्होंने लिखित रूप से मुझे दिए:

आशा जी से आपका, उनके घर पर मिलना कैसा लगा?

वो एक अद्भुत अनुभव था. दुनिया के सभी वास्तविक महान लोगों के रूप में मैं अपने जीवन में अब तक जिन जिन लीजेंड्स से मिली और उनके साथ काम किया, जैसे एननियो मोरिकोन ग्रैमी अवार्ड हॉलीवुड फिल्मों के संगीतकार, लुसियानो पवारोटी जो दुनिया के सबसे बड़े ओपेरा गायक और आशा भोंसले जी, तो मैंने महसूस किया कि वे जितने बड़े कलाकार है, उतने ही अधिक धरती से जुड़े हुए हैं. इन महान हस्तियों से मिलने पर हमेशा एक गुड एनर्जी वाला संबंध स्थापित होता है जो, हमें हर हाल में, एक-दूसरे को पहचानने और एक ही टेबल पर खाना खाने के लिए एक दूसरे तक खींच कर ले ही आती है.

प्रभु कुंज बिल्डिंग में आशा भोंसले Asha Bhosle जी का घर है लेकिन सम्भवत: वे अपनी पोती के साथ रहती है. तो दोपहर के भोजन की व्यवस्था कहाँ की गई थी?

प्रभु कुंज में यह आयोजन हुआ था, उनके सभी वंडरफुल परिवार के साथ. बेटा, बहू सभी वहां थे और संयोग से उनकी पोती का जन्मदिन भी 16 जनवरी को मेरे जन्मदिन की तरह ही था . इसलिए हमने एक बार, एक साथ बर्थडे पार्टी भी मनाया था. 16 जनवरी की तारीख का यह योगनुयोग मिलान, एक संकेत है कि शायद हम पिछले जन्म में एक ही परिवार के थे.

आपको आशा भोंसले जी कैसी नज़र आ रही थी?

हमेशा की तरह ब्राइट एंड ब्यूटीफुल, चमकदार और भव्य. तन और मन से वे बेहद सुंदर है. वह सुंदरता जो केवल एक मजबूत आंतरिक प्रकाश वाले लोग ही प्रकट कर सकते हैं!

उन्होंने आपकी, बतौर विश्व ऑपेरा क्वीन, लोकप्रियता और पॉपुलर गीतों के बारे में क्या कहा?

वे मेरे बारे में सब जानती है. उन्होंने मुझे गले लगाया और कहा कि उन्हें मुझ पर गर्व है. उनका, हमेशा से, वो गर्मजोशी से भरकर गले लगाने की मिठास, मेरी आत्मा में हमेशा के लिए घर कर जाती है. ये आत्मिक एहसास केवल वही लोग समझ पाएंगे, जो इस क्लासिकल संगीत पथ पर चले है, जो निरपेक्ष के सबसे करीब हैं, सचमुच वे ही इस दिव्य भावना को समझ सकते हैं और गहराई से महसूस कर सकते हैं.

आशा जी के साथ, लंच के मेन्यू में क्या क्या खास था?

सभी अद्भुत, बेहद टेस्टी भारतीय भोजन, जिनके नाम मुझे याद नहीं हैं, लेकिन मुझे वास्तव में उसके अद्भुत स्वाद याद है… और निश्चित रूप से सब शाकाहारी था. मैं पूरी तरह में शाकाहारी हूँ. लंच के बाद वे मेरे लिए एक खूबसूरत सरप्राइज लेकर आई. कुछ अद्भुत टॉप क्वालिटी के खजूर, जो वे मेरे लिए दुबई से लाई थीं. आशा जी, खजूर की पारखी है. उनके पास एक संग्रह की तरह बक्से के बक्से भर भर कर, एक से बढ़कर एक, अलग अलग टाइप के खजूर है. लेकिन सबसे अच्छी लगी मुझे, उनका वो मीठी चीज़ देने का तरीका. किसी बच्ची की तरह उन्होने मेरा हाथ थामा और कहा, “आँखे बंद करो.” मैंने आँखे बंद की तो उन्होंने मेरी मुठ्ठी में खजूर डालकर मेरी मुट्ठी बन्द कर दी और फिर बोली, “अब आँखे खोलो.” फिर मैंने आँखे खोल दी और मुझे यह अद्भुत खजूर अपने हाथ में मिली. इस प्यारी मस्ती भरी अदा ने मुझे नॉस्टेलजिया से भर दिया और मुझे वो जादू के खेल याद दिला दिए जो मैं बचपन में अपने दोस्तों के साथ खेला करती थी. इस बात ने मुझे, उन दिनों और उस तरह के वातावरण में बहुत पीछे, बचपन के सुनहरे काल में फिर से एक बार घूम कर आने के लिए प्रेरित किया.

आशा जी की खूबी यह है कि मैं उसके साथ बहुत स्वतंत्र महसूस कर सकती हूं, बिना किसी बाधा, झिझक के, हम एक-दूसरे को बेहतर स्तर पर समझ सकते हैं कि हमें औपचारिकताओं में खोने की जरूरत नहीं है. मुझे याद है, हम सोफ़े पर बैठे-बैठे मजे से झूमते हुए बातें कर रहे थे, गाना गा रहे थे कि फिर, अचानक मुझे ऐसा लगा कि जैसे मुझे जमीन पर बिछी कार्पेट में बैठने में ज्यादा आनन्द आएगा. सच पूछो तो मैं ऐसी ही हूँ, अंतरात्मा से मैं एक वाइल्ड, जमीन से जुड़ी प्रकृति की आत्मा हूं. मुझे लगा कि मैं गाते हुए कालीन पर बैठ कर पैरों के कुछ व्यायाम करने में ज्यादा सहज महसूस करूंगी, इसका कारण यह है कि मेरे हिसाब से संगीत में जब हम डूबकर कुछ निर्माण प्रक्रिया करते हैं तो वो हमेशा मज़ेदार और कंफर्टेबल होनी चाहिए. जमीन पर बैठकर मैं आशा जी के और करीब हो सकती हूँ, इतनी करीब कि मैं उन्हें गाते हुए, उनके हिलते होंठो को (लिप्सिंक) ठीक से देख सकूं और गाने के हिंदी बोल समझ सकूं और उन्हें अपने अंग्रेजी लिरिक्स दे सकूं. उस दिन हम दोनों एक जादुई रचनात्मक प्रक्रिया में थे. लेकिन तभी एक पॉइंट पर, उनकी बहू ने लिविंग रूम में प्रवेश किया और वह हमें इस तरह जमीन में बैठे, लोटपोट होते देख चौंक गई (जिओकोंडा यह कहते हुए खिलखिला पड़ती है) क्योंकि वह हमें अभी थोड़ी देर पहले ही, सोफ़े के ऊपर, बहुत फॉर्मल और रॉयल तरीके से बातचीत शुरू करते हुए देख कर गई थी. उन्होंने हमें थोड़ी देर पहले ही लंच के दौरान राजसी तरीके से, सोने के कटलरी और रेशम के तौलिये का उपयोग करते हुए देखा था और कुछ ही घंटों के बाद जब उन्होंने वापस कमरे में प्रवेश किया तो पाया कि हम कलाकारों की कला, सहजता और मुक्त विचारों की धारा के चरमोत्कर्ष पर पहुँच गया था, जिसके आगे सभी औपचारिकताएँ हार गईं थी. आशा जी की बहु अवाक्, विस्मित होकर हम दोनों को देखने लगी तब आशा जी ने एक सुंदर मुस्कान के साथ उनसे कहा “हमें ऐसे ही रहने दो” हम ऐसे ही सहज हैं.”

आपने आशा भोंसले जी से क्या सीखा और उन्होंने आपसे क्या सीखा? 

मैं इस मुद्दे पर एक पूरी किताब लिख सकती हूँ कि मैंने उनसे क्या क्या सीखा, ये बातें चार लाइन में नहीं बताई जा सकती. जहां तक बात, आशा जी ने मुझसे क्या सीखा वाली आती है, तो बता दूँ, उन्होंने मेरे बारे में बहुत सी ऐसी चीजें बताईं जो उन्होंने मुझसे सीखी हैं, जिसके बारे में मैंने कभी नहीं सोचा था कि वह मेरे अंदर है. उन्होंने मुझे एहसास दिलाया कि मेरे पास क्या क्या खूबियां है जो मैं अनजाने में दुनिया को सिखा रही हूँ.

क्या आप दोनों ने किसी निजी मुद्दे पर बात की?

हाँ, बात की, लेकिन वो बातें बहुत निजी है जिसके बारे में मीडिया से चर्चा करना मुझे पसंद नहीं. लेकिन हाँ एक बात जरूर शेयर करना चाहूँगी कि आशा जी एक बहुत अच्छी पाम रीडर है, यानी हथेली की रेखाएँ पढ़ सकती हैं.

जिओकोंडा ने मुझे मेरे प्रश्नों का जवाब इतने सुन्दर ढंग से लिख कर दिए कि मुझे उनसे पूछना पड़ा कि क्या वे एक ऑपेरा क्वीन होने के साथ साथ एक लेखिका भी हैं?

इस पर हँसते हुए उन्होंने कहा, “जी हाँ, कभी मैं एक लेखिका हुआ करती थी, जब बच्ची थी, तब मैंने कई कविता प्रतियोगिता जीती थी. यही कारण है कि आज भी, मैं जिन फ़िल्मों में काम कर रही हूँ, उन फ़िल्मों के निर्देशक चाहते हैं कि मैं डायलॉग लिखने में भी उनकी मदद करूँ.” जाहिर है, जिओकोंडा की रचनात्मकता और तेज़ गति से संवादों को लिखने की हुनर के चलते, यह ऑफर्स उन्हें मिल रहे हैं. जिओकोंडा कहती हैं कि वह एक तरह से लियोनार्डो दा विंची की बेटी हैं क्योंकि जिओकोंडा, उस पेंटिंग का ही दूसरा नाम है, जिसे मोनालिसा के नाम से इटली में जाना जाता है. जिओकोंडा आज भी वही इंटेलिजेंस रखती है जो बचपन में, चाइल्ड प्रोडीजी के रूप में वो विलक्षण प्रतिभा और बुद्धि रखती थीं.

#Gioconda #Gioconda Vessichelli #Gioconda Vessichelli interview #italian singer gioconda vessichelli
Here are a few more articles:
Read the Next Article
Subscribe