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मैं रात में ही राणा जी को मना लिया करती हूं- रेणुका शहाणे

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By Lipika Varma
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मैं रात में ही राणा जी को मना लिया करती हूं- रेणुका शहाणे

रेणुका शाहने  बतौर भारतीय ऐक्ट्रेस अपने फैंस  को समय समय पर  फिल्मों में, थिएटर  एवं  टेलीविजन शोज  द्वारा उन्हें लुभान्वित करने में सफल रही है। किन्तु अपनी सबसे बेहतरीन फिल्म, 'हम आपके है कौन' सलमान खान एवं माधुरी दीक्षित  स्टारर फिल्म  में भाभी के किरदार में और अपनी बेहतरीन, 'स्माइल' के लिए जानी जाती है। अब बहुत समय बाद वह फिल्मों में वापस एक्सेल एंटरटेनमेंट प्रोडक्शन से फिल्म  '3 स्टोरीस' में हल्के सफ़ेद बालो वाले किरदार में नजर आने वाली है। यह फिल्म एक चॉल के लोगों के जीवन को दर्शाती हुई एक अलग फिल्म है। हर किरदार की इसमें अलग अलग कहानी भी है।

आपकी पेशेवर यात्रा कैसी रही ?

मुझे जो कोई किरदार मिला उसे मैंने दिलों जान से निभाया। सच कहूँ तो मुझे बहुत ही संतुष्टि मिली है जीवन में। मेरे हर जीवन के हिस्से को यदि में पूरक भागों में बांटो तो यह सही ही होगा। जब मैंने काम करना शुरु किया तो मेरे लिए बस -काम -काम और काम ही मत्वपूर्ण रहा। और जैसे ही मैंने कॉलेज में पढ़ाई करनी शुरू की तो बस -पढ़ाई- पढ़ाई और  पढ़ाई ही मेरे जेहन में रही। उसके पश्चात शादी, परिवार और बच्चो में मेरा जीवन बंट गया। मुझे ख़ुशी है की मैंने पारिवारिक जिम्मेदारियों को लेकर किसी भी तरह से समझौता नहीं किया।

अपनी संक्रामक मुस्कराहट को लेकर क्या कहना चाहेंगी आप ?

मैं आप को यह बता दूँ , '3 स्टोरीस' के सेट पर जब में अपने सफ़ेद बालों के साथ गयी और मेरा पहनावा भी कुछ अलग ही है सो किसी  ने शुरू शुरुर में मुझे पहचाना ही नहीं। पर जैसे ही मैंने उनसे बातचीत शुरू की और मेरी एक मुस्कुराहट  ने मेरी पोल खोल दी। सबने जाकर तब मुझे पहचाना और भौंचक्के रह गए। यह देख मुझे अत्यंत प्रसन्नता मिली। समझो मेरी आधी लड़ाई  चरित्र को लेकर  सफल हुई। इस सबका श्रेय मेरे मेकउप आर्टिस्ट एवं ड्रेस डिज़ाइनर को देना चाहूंगी।

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फिल्म '3 स्टोरीस 'में आपका किरदार क्या है ?

मैं एक चाल वासी हूँ। और मुझे सब बहुत प्रेम करते है। चाल के रहवासी सब मिलजुल कर  रहते है। हर किसी की एक  अपनी सीक्रेट कहानी है। वैसे तो हर कोई सोचता है कि हम एक दूसरे के बारे में सबकुछ जानते है किन्तु कुछ एक ऐसी कहानी भी है जो मेरे इलावा किसी को नहीं मालूम।  में एक बहुत ही साधारण  अधेड़ उम्र की महिला हूँ जो अपने खाने घर इत्यादि का काम समेत कर जीवन निर्वाह आराम से करती हूं। लेकिन उसे किसी का इंतज़ार भी है। वह कौन है ? इसके लिए आपको फिल्म देखनी होगी। बस  इसी इंतजार में यह किरदार अपनी जिंदगी बिता रहा होता है।

अपने बच्चों के बारे में कुछ बतलाना चाहूंगी आप ?

मै दो बच्चों की एक स्वाभिमानी माँ हूँ शौर्यमन (15 वर्ष) सत्येन्दर (8 वर्ष) और  जैसे ही मेरी शादी हुई मैंने बच्चे की देखरेख हेतु फिल्मों में काम करना छोड़ दिया। यह मेरा स्वयं का निर्णय था। मेरा बड़ा बेटा जोकि 15 वर्ष का है दसवीं की परीक्षा की तैयारी में वयस्त है। और छोटे वाला तो अभी केवल 8 वर्ष का ही है। मेरे दोनों बेटो को अभिनय में कोई रूचि नहीं है। उन्हें फुटबॉल खेलने का बहुत शौक है।  यह दोनों अपनी पढ़ाई लिखाई करने के बाद रोजाना फुटबॉल प्रैक्टिस करने जाते है।

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तो क्या उन्हें अभिनय का शौक बिल्कुल भी नहीं है ?

देखिये, सच कहूँ तो मुझे भी पढ़ाई में बहुत रूचि थी। मैंने कभी नहीं सोचा था कि में कभी भी बॉलीवुड फिल्मों में प्रवेश करुँगी। वो तो कॉलेज मैंने जब मैंने थिएटर करना शुरू किया तब जाकर मुझे अभिनय करने का शौक हुआ। और फिर राजश्री की फिल्म 'हम आपके है कौन' मिल गयी। वहां से मेरा फिल्मी सफर शुरू हुआ। मैंने मराठी फ़िल्में और मराठी  नाटक भी ढेर सारे किये है। पर मुझे माँ बनने का और ढेर सारे बच्चे पैदा करने का चाव था। हो सकता है ठीक इसी तरह मेरे बच्चों को भी आगे चल कर अभिनय करने में रूचि पैदा हो जाये। जो कुछ ही वो करना चाहेंगे  हम उन्हें जो कुछ वो करना चाहे हम उन्हें वो करने के लिए सपोर्ट करेंगे।

शादी अच्छी चलें इस का क्या मंत्र रहा आपका ?

सच कहूँ तो हमारी शादी के चलने के कुछ मूल कारण बहुत साधारण से है - जब मेरी शादी हुई थी तब मेरे ससुरजी करीब 97 वर्ष के थे। राणा जी सबसे छोटे बेटे है और उन्हें राणा जी  से अत्यंत प्रेम था।  सो उन्होंने मुझे एक बहुत ही साधारण मूल मंत्र दिया-जब भी दो वयक्ति विशेष में  कुछ बहस हो तो उस समय इस बहस को आगे नहीं बढ़ाना चाहिए। समय बहुत बलवान होता है। उस वक़्त सामने वाले का तर्क मान लेना चाहिए। पर हाँ, अपने विचारों को प्रकट करने में कभी भी संकोच नहीं करना चाहिए। लेकिन, अपने विचारों को कुछ समय बाद प्रकट किजिये  और उस समय जो  भी आपका तर्क होगा क्योंकि समय गुजर चुका  होगा सो आपका सुर भी बहुत अलग होगा। बस दूसरे व्यक्ति का पारा भी सातवें आसमान पर नहीं होगा।

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सीधी   सी बात है वो व्यक्ति आपके तर्क को समझेगा। बस मैंने उनकी इस बात को गाँठ बांध ली। जब कभी मेरी और राणा जी के बीच गरमा गर्मी वाले तर्क-वितर्क चल रहे होते है तो मैं अक्सर चुप्पी साध लेती हूँ।  यही नहीं मेरा ऐसा विचार भी है - जो कुछ भी हुआ हो उसे अगले दिन आगे नहीं बढ़ाना है। सो सब कुछ रात में ही बातचीत करके   ही  राणा जी को मना लिया करती हूँ। सो हमारी शादी मंत्र बहुत ही सिंपल सा है। और हमारा एक सुखी परिवार है।

कुछ याद करके रेणुका ने कुछ और जोड़ा ,' दरअसल में जब हमारी शादी हुई थी तब राणा जी ने भी मुझे कहा था कि देखो प्यार में उतार जड़ाव होगा क्योंकि  हम साथ साथ रहने वाले है। लेकिन यदि हमारे बीच एक दूसरे के लिए आदर रहेगा तो यह रिश्ता  सुगमता से आगे तक चल पायेगा। सच कहूं तो हम दोनों एक दूसरे की बहुत रिस्पेक्ट  करते है। रिश्ते में यदि रिस्पेक्ट  हो तो प्रेम भी बरकरार रहता है और हमारे रिश्ते में आज, 'लव' भी है। और राणा जी एक बहुत ही सच्चे व्यक्ति है उससे भी ज्यादा एक बात विशेष जो उनकी है वो अपने परिवार से बेहद प्यार करते है।

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