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एक्टर पैसे से नहीं, दिमाग से बनता है- सुमन राणा

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By Mayapuri Desk
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एक्टर पैसे से नहीं, दिमाग से बनता है- सुमन राणा

बॉलीवुड में इन दिनों फीमेल लीड फिल्मों को दर्शक बहुत पसन्द कर रहे हैं। फिल्मों में पॉवरफुल वुमेन किरदार किसी भी अभिनेत्री को कई फिल्मो में अभिनय करने के बाद मिलता है। कंगना राणावत या तापसी पन्नू जैसी अभिनेत्रियों ने फीमेल लीड की फिल्मे पिछले कुछ सालो में की है लेकिन हम बात कर रहे है अभिनेत्री सुमन राना की जो दो फिल्मों के साथ बॉलीवुड में धमाकेदार डेब्यू के लिए तैयार है। सुमन की फिल्म मिराकल 12 जून को रिलीज होगी और ए बॉयोपिक फ्रॉम द फिल्म इण्डस्ट्री की रिलीज़ डेट 12  जुलाई है। ए बॉयोपिक फ्रॉम द फिल्म इण्डस्ट्री में सुमन राणा फिल्म इण्डस्ट्री की एक बेहद ही बड़ी स्टार की भूमिका निभा रही है। उनसे हुई खास बातचीतः

-सबसे पहले अपनी पृष्ठभूमि बताएं?

मैं मिडिल क्लास फैमिली से हू। फादर चंडीगढ़ में हैं। मेरा कोई फिल्मी बैकग्राउंड नहीं है। जन्म और पालन-पोषण कश्मीर में हुआ। दिल्ली में डॉक्टर रही। इसी दौरान कुछ टीवी कॉमर्शियल के ऑफर आने लगे। मैं एलजी, फेयर एंड लवली, संतूर आदि कॉमर्शियल्स की ब्रांड मैनेजर रह चुकी हूं।

-डॉक्टरी के दौरान ही टीवी कॉमर्शियल कैसे मिलने लगे?

दरअसल, मेरे पास आने वाले कुछ पेशेंट्स विज्ञापनों की दुनिया से जुड़े थे। उन्हीं ने मुझे टीवी काॅमर्शिल्स से जुड़ने की सलाह दी।

-डॉक्टरी पेशा क्यों छोड़ा?

डॉक्टरी करते करते मुझे लगने लगा था कि मैं सौ प्रतिशत नहीं दे पाउंगी इसलिए दिल्ली को छोड़ना ही बेस्ट ऑप्शन लगा और मुंबई आ गई।

-कितनी फिल्मों में काम कर रही हैं?

मेरी बैक टू बैक दो फिल्में आ रही हैं। वीरप्पन-2 और बायोपिक। एक और फिल्म है जिसके बारे में अभी ज्यादा बता नहीं सकती। मिराकल दरअसल हिंदी फिल्म वीरप्पन का सीक्वेल है जिसे वीरप्पन-2 भी कह सकते हैं। फिल्म मिराकल की कहानी तब शुरू होती है जब वीरप्पन की दहशत खत्म हो गयी है।

-वीरप्पन-2 में आपका क्या किरदार है?

वीरप्पन-2 में मैं आईपीएस अधिकारी हूं और मेरे हाथों ही वीरप्पन की मौत होती है। इस फिल्म के जरिए हम बताना चाहते हैं कि पहले पार्ट में वीरप्पन मरा नहीं है। वीरप्पन दूसरे पार्ट में ही मरेगा।

-बायोपिक के बारे में बताएं। इसमें आपका क्या किरदार है?

यह फिल्म इंडस्ट्री की बायोपिक है, जो कई कलाकारों के जीवन से जुड़े पहलू दिखाती है। यानी हर कैरेक्टर की अलग-अलग जर्नी दिखाएगी जिसमें एक अभिनत्री की जर्नी भी शामिल है। इसमें दिखाया गया है कि एक साधारण लड़की किस तरह सुपरस्टार बनती है। मेरा किरदार जयवीर कौर का है, जो फिल्म इंडस्ट्री की सच्चाईयां फेस करती है। फिल्म दिखाना चाहती है कि एक्टर पैसे और कम्प्रोमाइज़ से नहीं बनता बल्कि दिमाग से बनता है।

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