मुझे राजकुमार राव बहुत पसंद हैं- स्वाती सेमवाल

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By Mayapuri Desk
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मुझे राजकुमार राव बहुत पसंद हैं- स्वाती सेमवाल

आपने अपने करियर की शुरुआत कैसे की और कब ये निर्णय लिया की आप इस क्षेत्र में अपना नाम कमाना चाहती हैं?

मैं माइक्रो बायोलॉजी की क्षात्रा हूँ तो मैं मुंबई के जसलोक हॉस्पिटल में अपनी इंटर्नशिप कर रही थी, मेरी एक दोस्त मॉडल थी तो उसकी मदद से मुझे मेरा पहले शूट 'पैराशूट तेल' के लिए मिला, एड इंडस्ट्री लक्ज़री है, अचानक मेरा बैंक बैलेंस कुछ हज़ार से लाखों में हो गया मेने करीबन 300 विज्ञापन किये, फिर मैंने फिल्म मेकिंग का कोर्स ज्वाइन किया, वहाँ से आने के बाद कुछ टी वी सीरियल भी किये लेकिन मुझे एहसास हुआ की मैं एक अच्छी निर्देशक बन सकती हूँ, मैंने 3 लधु कथाएं लिखीं और उनका निर्देशन भी किया, लेकिन मैं साथ - साथ  फिल्म्स भी कर रही थी खुद को एक निर्देशक के तौर पर गंभीरता से नहीं लिया, जब बरेली की बर्फी के शूट के दौरान अश्विनी को मैंने काम करते हुए देखा तब लगा ये तो मैं भी कर सकती हूँ , उस दिन से अब तक मैं 15 फिल्मों का निर्देशन कर चुकी हूँ

आप एक पटकथा लेखक भी हैं, एक निर्देशक भी हैं और एक अदाकारा भी, इन सब में से आपको क्या करना सबसे ज़्यादा पसंद है और क्यों

मैं एक कहानीकार हूँ, मैं बस लोगों को अच्छी कहानियाँ सुनना चाहती हूँ तो अगर मुझे अभिनय करने मौका मिलता है, तो मैं वो करती हूँ और अगर कोई कहानी मेरे मन में है तो उन्हें लिखकर उनका निर्देशन करती हूँ, बस मैं खाली नहीं बैठ सकती।

आपकी तीन शॉर्ट फिल्म्स में से सबसे अच्छा रिस्पॉन्स किसे मिला और आपकी पर्सनल फेवरेट कौनसी है

मेरी पहली लघु कथा 'एब्नार्मल' जो की LGBT कम्युनिटी की एक लड़की पर आधारित थी को काफी अच्छा रिस्पांस मिला और उसने कई अवॉर्ड भी जीते, इसी तरह से मेरी दूसरी फिल्म 'समीरा' जिसमें एक लड़की को भगवान शिव से प्यार है उसे भी लोगों ने काफी पसंद किया हालाँकि मैं इस फिल्म के लिए थोड़ी डरी हुई थी की कही किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस ना पहुंचे पर ऐसा कुछ नहीं हुआ, फिर मेरी तीसरी फिल्म 'दिल डोला रे' भी सफल रही. पर मेरी पर्सनल पसंदीदा फिल्म मेरी तीसरी फिल्म है क्योंकि इंडिया में सेक्स कॉमेडी को वल्गर तरीके परोसा जाता है पर इस कहानी में ऐसा सब्जेक्ट होने के बावजूद भी आपको मासूमियत नज़र आएंगी।

इंडस्ट्री में आपके सबसे पसंदीदा निर्देशक कौन है? और क्यों

पहले हैं माजिद मजीदी जो की ईरानी फिल्मकार हैं, दूसरे हैं इम्तिआज़ अली, मुझे ऐसा लगता है की मैं उनसे खुद को बहुत हद तक जोड़ पाती हूँ वो ब्लैक एंड वाइट में बात नहीं करते उनकी कहानी काफी लेयर्ड होती है जो मुझे बहुत पसंद है।

आयुष्मान खुराना या राजकुमार राव किसके साथ काम करने में ज़्यादा मज़ा आया

राजकुमार के साथ मेरा बहुत क्यूट सा रिश्ता है हम दोनों एक दूसरे  के काम की बहुत इज़्ज़त करते हैं। आयुष्मान को मैं उनके एक्टर बनने से पहले से जानती हूँ तो मुझे कभी ऐसा लगा नहीं की मैं बहुत नयी हूँ। लेकिन निजी तौर पर मुझे राजकुमार बहुत पसंद हैं वो बहुत ही प्रतिभावान हैं और बहुत सरल तरीके से अपने हर रोल को निभाते हैं। मुझे राजकुमार राव बहुत पसंद हैं- स्वाती सेमवाल

दिल डोला रे शॉर्ट फिल्म बहुत ही अलग कांसेप्ट पर बनी है उसका आईडिया आपको कहाँ से आया?

मेरी सबसे अच्छी दोस्त मुसलमान है, मैं उसे कुछ भी अलग तरह का बताती थी तो वो हमेशा आश्चर्य से मुझे देखती थी की 'अरे ऐसा भी होता है!' जब मुझे पहली बार डिलडो के बारे में पता चला और मैंने उसे बताया उसने मेरी बात पर विश्वास ही नहीं किया बस वहीं से मुझे इस कहानी की प्रेरणा मिली की अगर मेरी सहेली को सच में डिलडो खरीदना होता तो वो किस तरह से प्रतिक्रिया देती।

क्या आगे कोई फीचर फिल्म भी लिखने और निर्देशित करने का प्लान है

जी हाँ आने वाले साल में मेरी 2 फीचर फिल्म्स लिखने का प्लान है, एक फरवरी में और एक अक्टूबर में इस बीच मैं विज्ञापनों को निर्देशित करती रहूंगी।

मणिकर्णिका -  द क्वीन ऑफ़ झाँसी में अपने रोल के बारे में बताइये

मैने अब वो फिल्म कुछ कारणों की वजह से छोड़ दी है, मेरा रोल सोनू सूद के अपोजिट था, लेकिन एक अच्छे मोड़ पर ही उसे ख़त्म किया है और मैं उस फिल्म को मेरी बहुत सारी शुभकामनाएँ देना चाहती हूँ

जिस तरह से बड़े से बड़ा निर्देशक और अभिनेता/अभिनेत्री वेब सीरीज और यूट्यूब वीडियोस के क्षेत्र में उतर रहे हैं तो यह बदलाव क्या हमारी बॉलीवुड इंडस्ट्री को प्रभावित कर सकता है?

इस बदलाव से एक चीज़ तो ज़रूर हो रही है की इंडस्ट्री काफी बड़ी हो जाएगी, निर्देशक और अभिनेताओं को ज़्यादा अवसर मिलेंगे, लोग परफॉरमेंस और कंटेंट पर ज़्यादा ध्यान देंगे क्योंकि दर्शकों के पास विकल्प है तुरंत कुछ और देखने का।

अगर आप खुद को 3 शब्दों में बयां करना चाहें तो वो क्या होंगे?

ईमानदार, अचीवर और अपफ्रंट

कौन सा ऐसा पल है जो आप दोबारा जीना चाहती हैं

जब मेरी पहली फीचर फिल्म रिलीज़ होगी तब उस लम्हे को मैं बार बार जीना चाहूंगी

अदिति अग्रवाल

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