‘फिल्म को दोबारा लिखने के लिए हमें ढाई साल लग गए’- निर्देशक अली अब्बास ज़फर By Mayapuri Desk 19 May 2019 | एडिट 19 May 2019 22:00 IST in इंटरव्यूज New Update Follow Us शेयर लिपिका वर्मा निर्देशक अली अब्बास ज़फर की तीसरी फिल्म ’भारत’ दोबारा सलामन खान के फैंस को मंत्रमुग्ध करने सिनेमा घरों में ईद को रिलीज़ के लिए तैयार है। फिल्म की शूटिंग सारी पूर्ण हो चुकी है। निर्देशक अली अब्बास ज़फर अपनी फिल्म ’भारत’ को लेकर ख़ासे खुश भी है। और उन्होंने अब ’टाइगर ज़िंदा है’ का अगला पार्ट भी जल्द सलमान खान के साथ शुरू करने का मन बना लिया है। पेश यही अली अब्बास ज़फ़र के साथ लिपिका वर्मा की बातचीत के कुछ अंश : आप आज बहुत ही व्यस्त चल रहे हैं? - लास्ट का काम चल रहा है फिल्म,“ भारत “ पर -साथ में -साउंड का, पिक्चर और मिक्सिंग इत्यादि का काम चल रहा है। सब कुछ एक साथ कर रहा हूँ , तो आज में अत्यंत ही व्यस्त था। कोरियन फिल्म ‘ओड टू दी फादर’ की “सी डी’ आपको किसने पकड़ाई ? - हंस कर बोले ’सलमान ने मुझे फिल्म ’ओड टू दी फादर’ की ‘सी डी’ दी थी। “सुल्तान“ के समय। और फिर फिल्म खत्म होने के बाद उन्होंने मुझ से कहा- देखो तुम यह फिल्म बना सकते हो क्या? दरअसल, मैं बर्लिन फिल्म फेस्टिवल के दौरान अतुल अग्निहोत्री ने यह फिल्म देखी थी। और उन्होंने सलमान को इस फिल्म की “सी डी’ दी थी। मैं वैसे तो खुद ही लिखता हूँ अपनी स्क्रिप्ट्स। लेकिन मेरे पास उस समय कुछ नहीं था। तो मैंने वो फिल्म देखी। मुझे दो सप्ताह बाद जब सलमान ने मुझे बुलाया तो मैंने कहा फिल्म तो अच्छी है किन्तु इसे दोबारा लिखना होगा। और इस फिल्म को दोबारा लिखने के लिए हमें ढाई साल लग गए। क्या बदलाव किया है, इस कहानी में? - जब यह आदमी अपनी जिंदगी जी रहा है उस वक़्त देश में क्या कुछ चल रहा है। जिस दशक में हो तो उस दशक को लाना आवश्यक होगा अतः बहुत रिसर्च करना पड़ा। 60 के दशक में जब सलमान को देखते हैं तो सर्कस हिंदुस्तान में बहुत महत्वपूर्ण हुआ करता। इंटरनेशनल सर्कस भी चला करता था बहुत हिंदुस्तान में। और नेहरू जी के देहान्त (1964) के बाद एक बहुत बड़ी वेव थी बेरोजगारी की। क्या आप कांग्रेस को टारगेट कर रहे हो? - उस समय नया नया देश बना था आज और यह प्रॉब्लम्स चल रही थी हालांकि आज भी यह प्रॉब्लम्स चल रही है। किन्तु हमने कहने को आगे बढ़ाने हेतु उस दशक की समस्याओं को ध्यान में रख कर कहानी बुनी है। नेहरू स्पीच को इस्तेमाल किया कोई ख़ास वजह है ? - पार्टीशन के समय की कहानी है सो देश में पार्टीशन का क्या असर पड़ा क्योंकि यह सलमान की विस्थापित परिवार की कहानी है। यह परिवार लाहौर से दिल्ली आ रहा होता है ,सो यह स्पीच बहुत मायने रखती है इसीलिए इसका इस्तेमाल किया है। कितना मुश्किल रहा स्क्रिप्ट को दोबारा लिखने में? - बहुत मुश्किल था पूरा एक चैप्टर है जब माइग्रेशन (प्रवास का दौर चल रहा था) हो रहा है लाखों करोड़ लोग रेलगाड़ी से बसों में लद के आ रहे थे। सलमान और फिल्म में उनके पिता की कहानी है। पूरी कहानी मिसिंग पर ही आधारित है। हंस कर बोले सलमान मेले में नहीं गुमा ! पिता -पुत्र का एक पूरा चैप्टर है प्लेटफॉर्म पर कैसे और क्या होता है ? इसके लिए फिल्म देखनी होगी। प्रियंका या फिर कैटरीना को ध्यान में रख कर कहानी लिखी थी क्या? - जब मैंने पिक्चर लिखी थी तो सबसे पहले प्रियंका को ऑफर की थी। उनको स्क्रिप्ट बहुत अच्छी लगी तो वह फिल्म करने को राज़ी हुई थी। लेकिन इस बीच उनको प्यार हो गया और शादी लंबी चलने वाली थी। सलमान की फिल्म हम रिलीज़ डेट प्लान कर के ही चलते हैं। सो प्रियंका की डेट एडजस्ट करते तो हम रिलीज़ डेट पर नहीं आ पाते। इसीलिए हम सबने मीटिंग की और फिर उसी दौरान कैटरीना के पास डेट्स थी सो वो इस फिल्म से जुड़ गयी। मिड 60 से लेकर 2010 तक वह दोनों एक साथ जुड़े होते हैं। दिशा की कास्टिंग कैसे हुई? - दिशा की कास्टिंग बहुत ट्रिकी थी। सलमान का किरदार उस वक़्त उनकी जवानी का है। जहाँ आदमी बहुत केयर फ्री होता है तो मुझे 25 की उम्र की लड़की लेनी थी। तो हमने यह तय किया कि एक यंग लड़की ही लेंगे। और इस तरह दिशा को लिया गया। #Salman Khan #bollywood #interview #Bharat #Ali Abbas Zafar हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article