सलमान से किसी को भी प्यार हो जाता हैं- अली अब्बास ज़फर By Lipika Varma 18 Dec 2017 | एडिट 18 Dec 2017 23:00 IST in इंटरव्यूज New Update Follow Us शेयर डायरेक्टर अली अब्बास जफ्फर ने सलमान के साथ ,'मेरीगोल्ड' फिल्म से लेकर फिल्म, 'सुल्तान' और अब 'टाइगर ज़िंदा है' में भी काम किया है। सो जाहिर सी बात है सलमान और अली के बीच एक बहुत अच्छा सा रिश्ता होगा, तभी न कोरियन फिल्म,' ओड तो माय फादर' की ऑफिसियल अडॉप्टेशन फिल्म हिंदी में बना रहे है अली। अली ने अबतक जितनी भी फ़िल्में बनायीं है वह सब की सब बहुत ही अलग किस्म की फ़िल्में है।,'गुंडे' एक्शन थ्रिलर थाई तो वही ,'मेरे ब्रदर की दुल्हनिया' रोमांटिक जॉनर की फिल्म रही। वही ,'सुल्तान' स्पोर्ट्स से भरपूर एक बेहतरीन कहानी थी।,'टाइगर ज़िंदा है' एक जासूसी फिल्म है। वही उनकी अगली सलमान स्टारर फिल्म पिता पुत्र की दृष्टि से एक इमोशनल कहानी होगी। वैसे भी सलमान के लिए उनके पिता ही उनके हीरो है। 'मेरीगोल्ड' जैसी फ्लॉप फिल्म कैसे सलमान को लेकर आपने बना ली? अब जब 'मेरीगोल्ड' फिल्म की बात निकली तो निर्देशक अली अब्बास ने शर्मा कर कहा ,' अब क्या करूँ इस फिल्म में -मै बतौर अस्सिटेंट डायरेक्टर कार्यरत था। और उस समय मुझे 40 हजार रुपये मिल रहे थे। सो मैं बहुत खुश था और यही सोचता था कि यह हॉलीवुड के लोग यहाँ पर ही फ़िल्में बनाया करें। लेकिन जब फिल्म रिलीज़ हुई और फ्लॉप भी हो गयी, तो मैं यह सोचने लगा - यह हॉलीवुड वाले यहाँ आकर फिल्म कभी न बनाये।' कैटरीना कैफ और सलमान खान की केमेस्ट्री इसलिए अच्छी है क्योंकि वह दोनों रिश्ते में थे। क्या आपको ऐसा लगता है? हंस कर अली ने कहा,' भाई आंख उठा कर ही देखते है तो किसी को भी उनसे प्यार हो जाता है। 'मैं तो चाहता हूँ कि उनका दोबारा से हो जाये ! 'हमने तुरंत पूछा -क्या हो जाये ? शर्मा गए और बोले। ...मैं तो कुछ भी उटपटांग बोलता रहता हूँ। दरअसल में सलमान की केमेस्ट्री अनुष्का के साथ फिल्म 'सुल्तान' में भी अच्छी दिखाई दे रही है। मेरे हिसाब से सलमान एक बेहद रोमांटिक हीरो है। उनके अंदर एक सच्चे भारतीय मर्द की गुणवत्ता है। जो भी इमोशंस और रोमांस पर्दे पर दिखलाते है वो बहुत ही सच्चाई से पेश करते है अतः पर्दे पर सब बहुत अच्छा लगता है। सलमान सेट पर लेट पहुँचते है। इसकी आप उन्हें इजाजत दते है, क्या कहना चाहेंगे उनकी लेट लतीफी पर? देखिये अभी तक मेरे साथ जितनी भी फ़िल्में भाई ने की है उसमें उनकी बॉडी का भी बहुत महत्व है। सो भाई 9 बजे सवेरे उठ कर वर्जिश करते है। और सेट पर लग़भग 9 बजे सवेरे आते है। मेरे लिए यह वर्क करता है। क्योंकि सुबह जो वर्क आउट कर रहे होते है भाई, वह भी मेरे लिए ही काम कर रहे होते है। एक बारी जब वह सेट पर आ जाते है तो जबतक काम न खत्म हो जाये सेट् पर ही रहते है। एक और गुण है उनमें जब तक शॉट से संतुष्ट न हो जाये एक और शॉट ले लो कह कर फिर अपने सीन को बेस्ट देने की कोशिश करते है। किन्तु जैसे ही उन्हें यह एहसास हो जाये कि अब बस - तो सीधे तौर पर कह देते है इस से बेहतर और नहीं हो पायेगा। मेरे कहने का मतलब है कि वह बहुत ही सिंपल एक्टर है सो उनके साथ काम करने में मजा ही आता है कोई प्रॉब्लम नहीं होती है कभी। अमूमन राइटर सलीम खान भी सालमान की फिल्मों की स्क्रिप्ट को पढ़ते है और सलाह मशवरा भी देते है। सो स्क्रिप्ट सलीम साहब ने पढ़ी थी क्या ? जी हाँ, यह सही है की 'सुल्तान' की स्क्रिप्ट भी मैंने सलीम साहब को पढ़ने दी थी। उन्होंने ढेर सारी एक्शन थ्रिलर फ़िल्में लिखी है। फिल्म 'शोले' लिखने के दौरान कुछ अनुभव भी हमसे शेयर किये उन्होंने हमे यही बतलाया -भले ही फिल्म, 'शोले' एक एक्शन फिल्म रही किन्तु जबतक फिल्म में इमोशंस नहीं जुड़ेगा तो लोगों को मजा नहीं आएगा। बस यही सब कुछ उनसे सीखने के बाद मैंने जब भी स्क्रिप्ट लिखी है उसमें इमोशंस जरूर जोड़ने की कोशिश की है। फिल्म,'सुल्तान' भी एक लव स्टोरी ही है। एक पति पत्नी की कहानी है। सुल्तान के समय से सलमान को जानने की कोशिश कर रहा हूँ। अब फिल्म, 'टाइगर ज़िंदा है' से तो हम एक दूसरे को बहुत जान चुके है। क्रिएटिव मतभेद जरूर होते है। लेकिन फिल्म से बढ़ कर कुछ नहीं है न सलामन के लिए न मेरे लिए। सलमान के लिए उनके पिता सलीम साहब सुना है अगली फिल्म, 'भारत' भी सलीम साहब कहते थे सलमान करे -कुछ बतलायें? यह फिल्म,'भारत' एक साउथ कोरियाई फिल्म, 'ओड तो माय फादर' की ऑफिशियल रीमेक है। जिसे अतुल अग्निहोत्री प्रोड्यूस कर रहे है। स्क्रिप्ट तैयार है। सलमान को भी कहानी पसंद आयी है। यह एक पिता-पुत्र की कहानी है। अमूमन हम पिता-पुत्री पर आधारित फ़िल्में देख चुके है। पिता-पुत्र पर बहुत ही कम फ़िल्में बनी है। सलीम साहब ने यह कोरियाई फिल्म देखी है और उन्हें भी यह फिल्म बहुत पसन्द आयी है। यह कुछ अलग फिल्म है। मैंने हमेशा से अलग जॉनर की फ़िल्में ही की है।, 'मेरे ब्रदर की दुल्हनिया' 'एक रोमांटिक कॉमेडी थी तो, फिल्म, 'गुंडे' पीरियड ड्रामा तो फिल्म, 'सुल्तान' स्पोर्ट्स पर आधारित थी। अब मेरी फिल्म, 'टाइगर ज़िंदा है' एक जासूसी फिल्म है। कुछ न कुछ समानता तो जरूर होती है हमारी फिल्मों में लेकिन जब में कहूं अलग है तो जॉनर तो अलग होता ही है, और पेशकश भी अलग करने की कोशिश होती है। इस फिल्म में बेफिजूल सलमान गाड़ियों को हवा में नहीं उड़ाएगा। 'आई एस आई' की सही मायने में ट्रैनड लोगों से ट्रैनिंग ली गयी है। ऐंवई कुछ भी नहीं दिखला सकते है न। फिल्म 'भारत' में सलीम (पिता) और सलमान (पुत्र) के निजी जीवन से भी कुछ संवांद लिए जायेगे ? नहीं ऐसा कुछ नहीं है। किन्तु हाँ सलमान भाई अभिनय द्वारा पिता-पुत्र के निजी जीवन से कुछ इशारों में पेश कर जाये तो ऐसा देखने को मिल सकता है। फिल्म 'भारत' में मनोज कुमार से संबधित कुछ देखने को मिल सकता है क्या ? जी हाँ। जब भी भारत नाम जुबान पर आता है तो मनोज कुमार जी, जिन्होंने अपने देश से जुड़ी कई कहानियां स्क्रीन पर पेश की थी, उनका नाम तो जेहन में आता ही है। अभी तक कुछ निर्णय नहीं लिया है इस बारे में। देखते है कुछ न कुछ जुड़वाकर दिखलाने की कोशिश की जा सकती है। #interview #Ali Abbas Zafar #Tiger Zinda Hai हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article