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मैं किसी को नही कहता कि मुझे फंला रोल दो- अरबाज़ खान

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By Shyam Sharma
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मैं किसी को नही कहता कि मुझे फंला रोल दो- अरबाज़ खान

एवरेज स्टार के तौर पर अरबाज खान पिछले बाइस साल से लगातार फिल्मों में काम कर रहे हैं। उनकी इमेज को लेकर आज भी कन्फयूजन हैं क्योंकि पिछले बाइस सालों के दौरान ऐसी कोई भूमिका नहीं जिसके लिये अरबाज जाने जाते हों। उन्हें जो रोल दिया जाते हैं वे बिना किसी रिजल्ट की परवाह किये उसे निभाते आये हैं। इस सप्ताह उनकी रिलीज फिल्म का नाम है ‘जैक इन दिल’। फिल्म को लेकर हुई उनसे एक मुलाकात।

इन दिनों आपको किस प्रकार के रोल मिल रहे हैं ?

ये मैं कैसे बता सकता हूं। मैं तो एक एक्टर हूं मुझे जो रोल ऑफर होते हैं मुझे जो अच्छा लगता है, उसके लिये मैं हां कर देता हूं। रही उम्र की बात तो जब मैं जवान था तो मुझे कॉलेज ब्वाय के रोल मिलते थे। इसके बाद मैने विलन वाले रोल किये, कॅरेक्टर रोल किये। कहने का मतलब मैं एक एक्टर हूं मुझे जो रोल ऑफर होते है उनमें से मुझे जो अच्छे लगते हैं मैं करता हूं।

यहां आपकी की किस प्रकार की भूमिका है ?

पहले किसी शख्स का अपनी गर्लफ्रेंड को लेकर एक गोल होता है कि मेरी इसके साथ शादी होनी चाहिये। शादी  हो जाती है,बच्चे हो जाते हैं तो कहीं न कहीं उसका रोमांस खत्म होने लगता है। इस टॉपिक को फिल्म में बड़ी संजीदगी से बताने की कोशिश की गई है कि इसके इफेक्ट क्या हो सकते हैं। मेरा किरदार ऐसा ही है । publive-image

फिल्म में ऐसा क्या अच्छा लगा जिसके बाद आप फिल्म करने के लिये तैयार हो गये ?

मुझे कहानी बहुत ही सैटल, सिंपल और ब्यूटीफुल लगी। दूसरे आजकल इस तरह की सिंपलीसिटी और संजदगी भरी फिल्में काफी पंसद कर जा रही है। यही सब कारण थे इस फिल्म को करने के।

फिल्म में कॉमेडी और रोमांस का तड़का कितना है ?

दोनों मिक्स हैं। आपको बता दूं कि ये इसमें कॉमेडी दिखाने की लिये कॉमेडी नहीं है यहां सिचवेशनल कॉमेडी है क्यांकि इसे कॉमेडी फिल्म नहीं बल्कि एक सेंसेटिव इमोशनल स्टोरी कहा जा सकता है जो तीन किरदारों के बीच में है। फिल्म का म्युजिक भी बहुत अच्छा है। publive-image

अभी तक फिल्म मेकर आपकी इमेज तय नहीं कर पाये, लेकिन आप खुद किस जॉनर में अपने आपको कंफर्ट महसूस करते हैं ?

देखिये मैने अगर कॅरेक्टर्स किये हैं तो विलेनिश रोल भी किये हैं साथ ही कॉमेडी भी की है। प्रियदर्शन की फिल्मों में या अपने होम प्रोडक्शन में कॉमेडी की है जैसे दबंग में मक्खी का करदार कहीं न कही हल्का सा कॉमेडी था जबकि नगेटिव से तो मैने अपना कॅरियर शुरू किया था, उसके बाद करीब दस बारह फिल्मों में मैने नगेटिव रोल्स किये। उसके बाद कुछ हीरो टाइप और पॉजिटिव रोल्स मिले। अब देखिये मैं खुद तो किसी को कह नहीं सकता कि आप मुझे ये रोल दो या वो रोल दो। वो मुझे देखते हैं और फिर रोल ऑफर करते हैं, जबकि कभी कभी तो मुझे भी हैरानी होती है कि यार इस रोल के लिये ये मेरे पास क्यों आये हैं, तो उनका कहना हैं कि हम चाहते हैं कि आपकी इमेज चेंज करें या इस रोल में आप अलग दिखाई दे सकते हैं। आप देखिये न कितने एक्टर हैं जिन्होंने बाद में अपने आपको दूसरे रोल्स में सैट किया। परेश रावल को ले लो शत्रुघ्न सिन्हा  को ले लो जिन्होंने अपना करियर बतौर विलन शुरू किया लेकिन बाद में वे हीरो बने।

इस बार आप कुछ देर बाद मिले। इस बीच क्या कुछ करते रहे ?

एक तो दबंग थ्री पर वर्क चल रहा था मैं उसमें बिजी रहा। वो अगले साल शुरू होगी। बतौर क्रियेटिव प्रोड्यूसर मुझे उस फिल्म पर ध्यान देना था इसलिये एक्टिंग से थोड़े समय के लिये मैं दूर हो गया था। इसके अलावा छोटे मोटे काम तो चलते रहते हैं। होता है कभी कभी। पिछले साल मेरी छह फिल्में रिलीज हुई। इस साल ये फिल्म और एक अडंर प्रोडक्शन है।

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