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प्रोड्यूसर, डायरेक्टर तथा अभिनेता अरबाज खान अभी तक तकरीबन साठ सत्तर फिल्में कर चुके हैं बावजूद इसके उन्हें वह मुकाम नहीं मिल पाया जिसके सपने हर एक्टर देखता है। क्या इसके जिम्मेदार उसके भाई सुपर स्टार सलमान खान हैं। बतौर प्रोड्यूसर और डायरेक्टर उन्हें जरूर अच्छी सफलता मिली। पिछले दिनों उनकी इसी सप्ताह रिलीज फिल्म ‘तेरा इंतज़ार’ के अलावा कुछ अन्य मुद्दों को लेकर हुई कुछ बातें।
कहा जाता है कि सलमान खान जैसे बिग स्टार की वजह से उनके भाईयों को करियर परवान नहीं चढ़ पाया ?
कुछ तो लोग कहेगें, लोगों का काम है कहना। लेकिन इस बात में कोई दम नहीं। अगर सलमान नहीं होते तो क्या मैं या सोहेल उनकी जगह ले पाते ? बिलकुल नहीं। मुझे लगता है जो लोग ऐसा कहते हैं कि मैं इसलिये आगे नहीं बढ़ पाया क्योंकि मेरे पिता या भाई पहले से बड़े स्टार्स रहे हैं, इससे उनकी फ्रस्टेशन सामने आती है। बॉलीवुड में ऐसे भी परिवार हैं जहां सभी भाई समान रूप से सफल स्टार बने। बाद में उनकी औलादें भी सुपर स्टार कहलाई। जैसे राज कपर, शम्मी कपूर, शशि कपूर आदि। इसके बाद ऋषि कपूर, रणधीर कपूर।
यही नहीं उनकी चौथी पीढ़ी में करिश्मा कपूर, करीना कपूर और रणबीर कपूर भी स्टार हैं। मैं अगर अपनी बात करूं तो मुझे लगता है कि अगर मैं एक मुकाम हासिल नहीं कर पाया तो कहीं न कहीं मुझमें कोई कमी होगी, मैंने ईमानदारी से अपने करियर के लिये मेहनत नहीं की होगी या और कुछ ऐसा होगा जिसकी वजह से मुझे मुनासिफ सफलता नहीं हासिल नहीं हो पाई। बावूजद इसके आज तक मुझे लगातार काम मिल रहा है ये क्या कम बड़ी बात है।
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आप बतौर ऐक्टर सफल नहीं हो पाये, लेकिन प्रोड्यूसर और डायरेक्टर बनते ही आपको सफलता मिल गई ?
ये सब जानबूझ कर नहीं किया गया, इत्तेफाकन ऐसा हो गया। दरअसल मेरे पास उस दौरान फिल्म दबंग में काम करने के लिये ऑफर आया था। मैने जब प्रोड्यूसर के बारे में पूछा तो पता लगा कि उस वक्त तक फिल्म के लिये प्रोड्यूसर तलाशा जा रहा था। मुझे कहानी और किरदार बहुत पंसद आये लिहाजा मैने खुद उसे प्रोड्यूस करने का मन बना लिया।
बाद में मैनें फिल्म के मुख्य पात्र चुलबुल पांडे को लेकर सलमान से बात की तो वे भी किरदार सुनते ही उसे करने के लिये एक्साइटिड हो उठे। इस प्रकार में इत्तेफाकन प्रोड्यूसर बन गया। इसी तरह जब दबंग टू की शुरूआत हुई तो अचानक डायरेक्टर ने फिल्म करने से मना कर दिया लिहाजा सलमान के कहने पर मैं फिल्म का डायरेक्टर बन गया। दोनों फिल्में हिट साबित हुई, लिहाजा इस सफलता का जिम्मेदार मुझे मान लिया गया।
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लेकिन कहीं न कहीं एक कसक तो बनी हुई होगी कि मैं बतौर एक्टर सफल नहीं हो पाया ?
क्या खुशी सिर्फ एक्टर बनने में ही है। जो एक्टर नहीं बन पाये क्या वे खुश नहीं हैं। खुश रहने के लिये तो बहुत सारी चीजें हैं। जैसे कंपलैंड करने के लिये दस बहाने होते हैं उसी तरह खुश रहने के लिये भी बहुत सारी बातें हैं। पर्सनली मैं खुश हूं क्योंकि अपने करियर के बीस साल बाद भी मैं इंडस्ट्री में बना हुआ हूं आज भी मेरे पास फिल्मों के ऑफर्स हैं और ये सब मुझे मेरे अपने बलबूते पर मिल रहा है।
अगर आप देखें तो भाई के साथ भी मैने कुछ फिल्में की है जैसे प्यार किया तो डरना क्या, हैलो ब्रदर, दबंग तथा गर्व आदि उन फिल्मों में मुझे भी मेरी भूमिकाओं के लिये याद किया जाता है। बेशक मैं अब प्रोड्यूसर या डायरेक्टर भी हूं, लेकिन आज भी बतौर ऐक्टर मेरा सफर अवनरत जारी है।
‘तेरा इंतजार’ जैसी रोमांटिक फिल्म करने की कोई खास वजह ?
सबसे बड़ी वजह रही सनी लियोन। मेरे पास जब इस फिल्म का ऑफर आया, तब मैं अपने रोमांटिक रोल को लेकर थोड़ा कन्फयूज था। हालांकि अच्छा भी लग रहा था कि मेरी इमेज को नजर अंदाज कर मुझे फिल्म ऑफर की जा रही थी,मैने नायिका के बारे में जानना चाहा तो सनी लियोन का नाम सामने आया। सनी का नाम सुनते ही मैने कुछ न सोचते हुये फौरन फिल्म करने का मन बना लिया। दरअसल मैं खुद सनी के साथ काम करना चाहता था।
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बतौर एक्टर,डायरेक्टर और प्रोड्यूसर आप पद्मावती के विरोध को लेकर क्या सोचते हैं ?
जो हो रहा है, नहीं होना चाहिये। किसी भी फिल्म के लिये जब सेंसर बोर्ड जैसा विभाग बनाया हुआ है, जो सुनिश्चित करता है कि कौन सी फिल्म ठीक है या कौन सी नहीं। अगर आप सेंसर से संतुष्ट नहीं हो तो उसके ऊपर जाते हो, कोर्ट जाते हो। लेकिन कुछ अरसे पता नहीं इस देश में क्या हो रहा है क्योंकि लगातार बॉलीवुड के लोगों को और फिल्मों को टारगेट करते हुये फिल्म का विरोध करने के अलावा उसमें काम करने वाले कलाकारों को जान से मारने या उनके नाक कान काटने का फतवा दिया जा रहा है।
कमाल है कि इसके खिलाफ न तो कोई बड़ा नेता और न ही कोई स्टार कुछ बोल रहा है। आप फिल्में पैसा देकर देखते हो। आपको कोई जबरदस्ती तो देखने के लिये मजबूर नहीं कर रहा। आपको जो पंसद है वो फिल्म देखो, नकार दो। सिंपल। लेकिन इस तरह के विरोध का मैं समर्थन नहीं करता।
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