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महेश पांडे प्रोडक्शंस द्वारा निर्मित, लवपंती हर सोमवार से शनिवार रात 8 बजे प्रसारित किया जा रहा है, 15 नवंबर से सिर्फ आज़ाद पर इस शो के प्रोमो अपने अनोखेपन और दिलचस्प चरित्र चित्रण के लिए खूब चर्चा बटोर रहे हैं और इसका नाम तो और भी मनमोहक है - लवपंती। यह शो इस दौर के सबसे नए चैनल आज़ाद पर प्रसारित हो रहा है, जो भारत में गांव प्रेमियों का पहला मनोरंजन चैनल है।
15 नवंबर 2021 को रात 8 बजे लॉन्च हुआ लवपंती, युवाओं पर केंद्रित भारतीय टेलीविजन पर सबसे मनोरंजक ड्रामा बनने जा रहा है।
इस शो के मुख्य किरदार अर्जुन को अपने पिता द्वारा तय किए गए दायरों के भीतर रहना सिखाया गया है। यहां तक कि उसके सपने भी उसके माता-पिता ने तय किए हैं और उसने उसी के अनुसार अपने जीवन को स्वीकार किया है। लवपंती की कहानी इस बारे में है कि कैसे यह आम लड़का उस स्थिति में पहुंच जाता है, जब उसे पता चलता है कि वो प्यार में है। एक पारंपरिक ब्राह्मण परिवार में पले-बढ़े अर्जुन को रंजना से प्यार हो जाता है, जो एक ठाकुर परिवार की प्रगतिशील सोच वाली लड़की है। अर्जुन से उसके पिता की तरह एक मंदिर का पुजारी यानी 'पंडित' बनने की उम्मीद की जाती है। अर्जुन ने अपने परिवार द्वारा निर्धारित सभी नियमों का लगन से पालन किया है।
लेकिन वो उनके सबसे बड़े नियम को ही तोड़ देता है। उसे प्यार हो जाता है और वो अपनी पसंद की लड़की से शादी करता है, वो भी ठाकुर परिवार की लड़की से। घटनाओं के एक नाटकीय मोड़ पर उनका 'तथाकथित' प्रेम प्रसंग खुलकर सामने आता है।
पेश हैं शो के कलाकार, जो निश्चित रूप से दर्शकों को कहानी से बांधे रखेंगे।
अर्जुन पांडे (गौरव सरीन द्वारा अभिनीत)
गौरव असल में अमृतसर, पंजाब के रहने वाले हैं। उनके बेहतरीन काम में 'कृष्णा चली लंदन' में राधे का किरदार शामिल है। अर्जुन पांडे एक साधारण लड़का है, जो अपने परिवार को खुद से ज्यादा प्यार करता है। उसके लिए उसके परिवार की खुशी से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं है। वो हमेशा अपने परिवार द्वारा तय मापदंडों पर खरा उतरने की
कोशिश करता है, लेकिन ऐसा करते समय हमेशा कुछ गलतियां कर बैठता है। वो एक समर्पित इंसान है और वो जो भी काम हाथ में लेता है, उसे पूरा करता है। अर्जुन को जीवन में हमेशा बहुत संघर्ष के बाद कुछ भी मिलता है। लेकिन वो जिंदगी में हार नहीं मानना चाहता। वो एक ऐसा इंसान है, जो जड़ से जुड़ा है और अपने धर्म में गहरा विश्वास रखता है।
रंजना सिंह (तृप्ति शर्मा द्वारा अभिनीत)
तृप्ति दिल्ली से हैं और उनके बेहतरीन काम में डायन, फियर फाइल्स, दिल ही तो है, नज़र, गुड़िया हमारी सब पे भारी, मेरे डैड की दुल्हन, वागले की दुनिया और वेब सीरीज़ बरिश शामिल हैं।
रंजना आज की मॉडर्न लड़की है। वो एक मजबूत पारिवारिक पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखती हैं और यही बात उनके आत्मविश्वास से साफ झलकती है। रंजना एक निडर लड़की है और अपने सिद्धांतों पर अपना जीवन जीना चाहती है। वो कभी किसी को दुख नहीं पहुंचाती। रंजना एक बड़ी ज़िंदगी जीती है। वो हमेशा खुश रहती है, फिल्में देखती है और हीरो की एंट्री पर सीटी बजाती है। उसे दुनिया की परवाह नहीं है। रंजना के लिए जिंदगी में उनकी खुशियां बेहद जरूरी हैं। वो स्वार्थी नहीं है, लेकिन वो खुशी चाहती है और उसे नहीं लगता कि इसमें कुछ भी गलत है। आज की आधुनिक लड़की होने के बावजूद, वो जड़ से जुड़ी है। वो मानती है कि उसके ताऊजी - ठाकुर केदारनाथ सिंह उनके लिए सबसे अच्छी जोड़ी बनाएंगे और उन्हें एक योग्य पति मिलेगा।
केदारनाथ सिंह (मनीष खन्ना द्वारा अभिनीत)
मनीष खन्ना असल में वाराणसी, यूपी के रहने वाले हैं। उन्होंने ज़मीन, माई वाइफ्स मर्डर, डी डे, मुंबई मिरर, जय हो, सिलसिला है प्यार का जैसी 22 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है। उन्होंने जय हनुमान, जय महाभारत, महादेव, कहीं किसी रोज़, प्यार का दर्द है, परदेस में है मेरा दिल, नागिन, मोल्की, ब्रह्मराक्षस, सिद्धि विनायक जैसे धारावाहिक और जिंदाबाद, ए माउस इन ए ट्रैप जैसी वेब सीरीज की है।
उनके परिवार के मुखिया केदारनाथ सिंह हैं। वो रंजना के चाचा यानी 'ताऊजी' हैं और वो उसे बेहद चाहते हैं। वह अच्छी तरह से शिक्षित हैं और अपने शहर में बहुत सम्मानित हैं। वो अपने शहर के पहले इंजीनियर थे, और अंत में क्षेत्र के प्रशासन विभाग के प्रमुख बन गए। उसके पास पैसा है, और अपनी स्थिति के कारण बहुत सम्मान है। वो पुलिस, राजनेताओं और शहर के अन्य अमीर लोगों से बहुत अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं। हर कोई जानता है कि ठाकुर केदारनाथ सिंह एक ईमानदार आदमी का हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि वो भ्रष्ट हैं और वो न केवल हर चीज के लिए पैसे लेते हैं, बल्कि लोगों पर एहसान भी करते हैं। वो अहंकारी हैं और सिर्फ अपने परिवार और खुद की परवाह करते हैं। वो अपने परिवार के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। वो प्रगतिशील मानसिकता वाले व्यक्ति हैं। उन्होंने अपने परिवार में महिलाओं को शिक्षित किया है और उन्हें अपना जीवन जीने की आजादी दी है, सिर्फ इस शर्त पर कि वे उनके प्रति ईमानदार रहें।
देवी सिंह (स्मिता डोंगरे द्वारा अभिनीत)
स्मिता डोंगरे असल में औरंगाबाद, महाराष्ट्र की रहने वाली हैं। वो एक थिएटर बैकग्राउंड से हैं और फिल्म इंडस्ट्री में 15 साल से काम कर रही हैं। टीवी पर उनके बेहतरीन काम में साईं बाबा, बालिका वधू, महाराणा प्रताप, अस्तित्व एक प्रेम कहानी, बनू मैं तेरी दुल्हन, सोनपरी, मेरी मां, मेरे साईं, सीआईडी, आहट, सावधान इंडिया, क्राइम पेट्रोल, प्यार तूने क्या किया, कोड रेड, लाल इश्क, क्राइम अलर्ट, मौका ए वारदात जैसे धारावाहिक शामिल हैं। इसके अलावा उन्होंने अग्निपंख, आओ भाग चले, मेरे साईंराम जैसी फिल्में और बेली मिनरल वॉटर, स्वच्छ भारत, मुथुट फाइनेंस, मान्यवर, मास्टरकार्ड, अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, जैसी कई विज्ञापन फिल्में की हैं।
देवी घर की सबसे बड़ी महिला हैं, और घर में अधिकार का भाव रखती हैं। देवी पूरे घर को संभालती है। वह बहुत पढ़ी-लिखी नहीं है, और एक निम्न आर्थिक परिवार से हैं और इसलिए अब वो धन का आनंद लेती हैं। वो केदारनाथ को भी अपनी ज़िंदगी जीने देती हैं। वो किसी के भी खिलाफ खड़ी हो सकती हैं, लेकिन केदारनाथ के खिलाफ कभी नहीं। वो उनसे प्यार करती है और अपना जीवन बदलने के लिए उनका सम्मान करती है, और इसलिए वो पूरी तरह से समर्पित मां बन गई है। यहां तक कि जब केदारनाथ ने अपने छोटे भाई की बेटी रंजना को अपनी बेटी की तरह पालने का फैसला किया, तो वो उन्हें मना नहीं कर सकी। देवी को बस अपनी बेटी की चिंता है। उन्हें लगता है कि रंजना के बहिर्मुखी व्यवहार का असर उसकी बेटी सुमन पर नहीं पड़ना चाहिए, इसलिए वो चाहती थी कि सुमन की जल्द से जल्द शादी हो जाए। वह रंजना से भी प्यार करती है, लेकिन अंदर ही अंदर, रंजना हमेशा उसके लिए प्रकाश और सुमित्रा की बेटी ही होती है।
दीनानाथ पांडे (प्रमोद शर्मा द्वारा अभिनीत)
प्रमोद लखनऊ, यूपी के रहने वाले हैं। उन्हें लखनऊ इप्टा के साथ थिएटर में काम करने का 15 साल का अनुभव है और उनके बेहतरीन काम में ब्लैक टॉरनेडो 26/11, बिहार डायरीज़, जामतारा 2 जैसी वेब सीरीज़ शामिल हैं। इसके अलावा उन्होंने कागज़, टिकली, लक्ष्मी बॉम्ब जैसी फिल्में और मेरे साईं, तेरे शहर में, ये रिश्ता क्या कहलाता है, महाराणा प्रताप, अजब गजब घर जमाई, सीआईडी, क्राइम पेट्रोल, लाल इश्क, जोधा अकबर, आदि जैसे टीवी शोज़ भी किए हैं।
इस शो में वो अर्जुन के पिता दीनानाथ पांडे की भूमिका निभा रहे हैं। वो एक मेहनती आदमी हैं और उन्होंने अपने परिवार को लेकर पूरे जीवन की योजना बनाई है। दीनानाथ पांडे जन्म से ब्राह्मण हैं, और अपने जीवन में बहुत पहले ही समझ गए थे कि यदि वो जीवन में अपनी छोटी इच्छाएं रखते हैं, तो उन्हें मुश्किल नहीं झेलनी पड़ेगी। वो हर उस चीज के लिए तैयार थे, जिसका सामना उन्हें अपनी ज़िंदगी में करना पड़ा था। उन्होंने दो नौकरी की, एक टीसी के रूप में भारतीय रेलवे में और दूसरी अपने शहर में एक पार्ट टाइम पंडित के रूप में। वो एक बहुत मजबूत, संयमित व्यक्ति हैं, जो अपने साथियों और अपने परिवार के सदस्यों के दिल में अपने लिए सम्मान रखते हैं। वो अपने घर के रोजमर्रा के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करते हैं। वो अपनी पत्नी पर घर की जिम्मेदारी सौंप देते हैं और इसमें तभी शामिल होते हैं, जब इसकी आवश्यकता होती है। वो जड़ से जुड़े व्यक्ति हैं और न केवल परंपराओं का पालन करते हैं बल्कि उसे लागू भी करते हैं। अपने शहर में ब्राह्मण समाज के मुखिया के रूप में, वो जानते हैं कि यदि वो उनके रीति-रिवाजों का पालन नहीं करेंगे, तो उनके आसपास के लोग भी ऐसा करना बंद कर देंगे, क्योंकि वे उन्हें एक मिसाल मानते हैं और वो ऐसा नहीं होने दे सकते।
सुधा पांडे (अमनदीप सोही द्वारा अभिनीत)
सुधा पांडे अमृतसर, पंजाब की रहने वाली हैं। उनकी बेहतरीन कृतियों में जननी, हमारी देवरानी, अफसर बिटिया, रामायण, बदतमीज़ दिल, नागिन, दिव्य दृष्टि आदि शामिल हैं।
सुधा पांडे, एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार की गृहिणी हैं। वो एक प्यारी मां है, जो अपने बच्चों की परवाह करती है, लेकिन यूपी के 3 लड़कों की मां के रूप में उनका प्यार दिखाने का तरीका अलग है। वो अपने बच्चों को ज्यादा लाड़ में नहीं रखती, बल्कि उन्हें डांटती है और सही रास्ते पर रखने के लिए पीटती भी हैं; लेकिन वो ये बड़े प्यार से करती है। सुधा पढ़ी लिखी नहीं हैं, लेकिन उन्होंने जीवन में कुछ ऐसे सबक सीखे हैं, जिसने उसे कई शिक्षित लोगों की तुलना में अधिक स्मार्ट बना दिया है। वो जानती हैं कि उनके बच्चे कब उन्हें बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे हैं और वो ऐसा नहीं होने देती। वो पूरी तरह से घर पर नियंत्रण रखती हैं और जानती हैं कि घर के अंदर उनका निर्णय अंतिम है; यहां तक कि उनके पति भी उनके फैसलों के खिलाफ नहीं जाएंगे। वो कभी भी अपने पति से बहस नहीं करतीं। उन्होंने अपना जीवन अपने पति और अपने बच्चों के लिए समर्पित कर दिया है और वो चाहती हैं कि वे खुश रहें। वो बहुत धार्मिक और भगवान से डरने वाली महिला हैं। उनके लिए उनके रीति-रिवाज और परंपराएं सबसे ऊपर हैं। वो उनसे कोई समझौता नहीं करेंगी, चाहे परिस्थिति कैसी भी हों।
इन कमाल के किरदारों को देखिए लवपंती में, हर सोमवार से शनिवार, रात 8 बजे आज़ाद पर। आज़ाद चैनल टाटा स्काई पर 183, डीडी फ्रीडिश पर चैनल नंबर 36 पर उपलब्ध है और एमएक्स प्लेयर पर मुफ्त देखा जा सकता है।