एक पत्नी होने के नाते उनका निर्णय सही था: रोहित राज गोयल

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By Mayapuri Desk
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एक पत्नी होने के नाते उनका निर्णय सही था: रोहित राज गोयल

-लिपिका वर्मा

फिल्म, ‘टीटू अंबानी’ में तुषार पांडे एवं दीपिका सिंह नजर आएंगे। रोहित राज गोयल के निर्देशन में बनी यह फिल्म 8 जुलाई को रिलीज हो गई है।

आप टीटू अंबानी से बतौर निर्देशक डेब्यू कर रहे है क्या कहना चाहेंगे?

टीटू अंबानी मेरी डेब्यू फिल्म बतौर निर्देशक रिलीज हो रही है यह मेरे लिए एक बेहद खुशी की बात है। इस खुशी को मैं बयान नहीं कर पाउँगा। बस यही आशा करता हूँ की यह फिल्म सभी जनता तक पहुंचे और सभी को पसंद भी आये। यह मैसेज लोगों तक पहुंचे  यह हमारे लिए बहुत आवश्यक है। बस लोगों के रिएक्शन का इंतजार  है हमें।

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टीटू अंबानी एक बहुत ही रोचक टाइटल है यह कैसे आपके जेहन में आया?

जब मैं दिया और बाती टी वी सीरियल की शूटिंग कर रहा था तब एक बन्दे ने मुझे अपने पिताजी से सुनी कहानी बताई कि किस तरह से धीरूभाई अम्बानी साइकिल पर कपडे लेकर निकलते थे। यह बात मेरे जेहन में रह गई और क्योंकि हमारी फिल्म की कहानी भी किस तरह बिजनेस करना होता है, इसके बारे में है तो यह नाम जेहन में आया। मैं और सारे लोगों को यह शीर्षक बेहद पसंद आया, सो हमने यही शीर्षक रख लिया।

आपकी पत्नी दीपिका इस फिल्म में बतौर हीरोइन प्ले, किन्तु शुरुआती दौर में आपकी फिल्म नहीं करना चाहती थी। क्यों?

जी एक पत्नी होने के नाते उनका निर्णय सही था। पर क्योंकि वो इस किरदार से बहुत मेल खाती है अतः मैं उन्हें कास्ट करना चाहता था। और वैसे भी क्योंकि यह मेरी डेब्यू फिल्म है सो किसी अन्य को कास्ट करना थोड़ा कठिन होता। सो दीपिका को फीमेल हीरोइन  में कास्ट कर मेरा आधा काम आसान हो गया।

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तुषार पांडेय आपकी पहली पसंद था?

जी वैसे तो मैंने ओ टी टी के आज के जाने  माने आर्टिस्ट्स को स्क्रिप्ट भी भेजी थी किन्तु किसी ने मुझे समय नहीं दिया। तुषार ने तुरंत मुझ से सुनने के लिए हामी भर दी सो हमने नरेशन दिया और वह इस किरदार के लिए सही भी थे सो उन्हें कास्ट कर लिया। तुषार ने यह किरदार बहुत अच्छी तरह निभाया भी है।

फिल्म और टेलीविजन में फर्क महसूस हुआ आपको?

कुछ ज्यादा फर्क महसूस नहीं हुआ टी वी पर भी शूट के समय मैंने कभी शॉट टेकिंग में किसी तरह का कोम्प्रोमाईज नहीं किया। हमेशा अपने हिसाब से अच्छी तरह से ही टेक लिया है। बस यहाँ पर एक चैलेंज था कि कोई किसी तरह से मेरे डायरेक्शन की तुलना टी वी से न करे।

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आप ने निर्देशन में किसी तरह की ट्रेनिंग की है क्या?

जी शुरूआती दौर में,मैंने दिल्ली में एक इंस्टिट्यूट ज्वाइन किया था लेकिन और पैसे उन्हें देने के थे जो मैं जुटा  नहीं पाया। मेरे पास केवल 1500 रुपये बचे थे सो मैं मुंबई चला आया। एक दो टी वी शो किये और फिर दिया और बाती से मुझे एक पहचान मिल गयी।

टीटू अंबानी थिएटर में रिलीज हो रही है फ्राइडे जिटर है क्योंकि हालिया समय में थिएटर पर हिंदी फिल्में अच्छा नहीं कर पा रही है?

फ्राइडे जिटर्स तो है ही। पर बस फिल्म थिएटर पर रिलीज हो रही है यह एक अच्छी बात है। हमारी यह पहली फिल्म है और फिल्म का रिलीज होना हमारे लिए बहुत मायने रखता है बाकी जनता को देखने के बाद ही सब कुछ साफ होगा कि उन्हें पसंद आती है या नहीं।

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