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‘‘वागले की दुनिया’ में हमेशा मूल्‍यों की बात कही गयी, यह कभी नहीं बदलेगा’’ भारती

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By Mayapuri Desk
‘‘वागले की दुनिया’ में हमेशा मूल्‍यों की बात कही गयी, यह कभी नहीं बदलेगा’’ भारती
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‘‘वागले की दुनिया’ में हमेशा मूल्‍यों की बात कही गयी हैऔर यह कभी नहीं बदलेगा’’ यह बात कही सोनी सब के ‘वागले की दुनिया- नई पीढ़ी नये किस्‍से‘ की भारती आचरेकर उर्फ राधिका वागले ने

इस बार सोनी सब पर वागले की  दुनियाके साथ वापसी करते हुए कैसा महसूस हो रहा है

‘‘वागले की दुनिया’ में हमेशा मूल्‍यों की बात कही गयी, यह कभी नहीं बदलेगा’’ भारतीमैं बहुत खुश हूं कि 1988 में जब यह शो पहली बार प्रसारित हुआ था, तब से लेकर अब तक 33 साल हो चुके हैं। हमें इस बात की बहुत खुशी थी कि वह शो इतना अच्‍छा चला था और कोई भी आरके लक्ष्‍मण के लेखन के साथ किसी तरह का खतरा नहीं मोल लेना चाहता था। लेकिन जब जेडी मजीठिया ने अपने आइडिया और नये वागले की दुनिया-नई पीढ़ी नये किस्‍सेके साथ मुझसे संपर्क किया तो मुझे सुखद आश्‍चर्य हुआ। मैं बहुत खुश थी क्‍योंकि मैंने पहले भी उनका काम देखा है और अब तक उन्‍होंने जितने भी शोज़ बनाये हैं उसकी क्‍वालिटी से मैं काफी प्रभावित हुई थी। मैं जानती थी कि वे वागले की दुनियाके साथ कुछ बहुत ही अच्‍छा करेंगे।

इस शो को स्‍वीकार करने की क्‍या वजह रही? क्‍या आपके मन में किसी प्रकार का कोई संकोच था?

मुझे इस शो को लेकर किसी प्रकार का कोई संकोच नहीं था। मैं अलीबाग में छुट्टियां मना रही थी और तब सु‍मीत ने मुझसे कहा था कि मैं जेडी से बात करूं। मैं कभी भी उनसे या आतिश (कपाड़िया) से नहीं मिली थी, लेकिन मुझे उनका बेहद बारीकी से गढ़ा काम पसंद है और मैं उनकी तारीफ करना चाहूंगी। वह जिस तरह से सोचते हैं और दर्शकों के सामने कहानियां प्रस्‍तुत करते हैं मुझे वह अच्‍छा लगता है। इसलिये, इस शो का हिस्‍सा बनने के मौके को ना कहने का तो कोई सवाल ही नहीं उठता था, क्‍योंकि मैं उनके काम की बहुत बड़ी प्रशंसक हूं। यही वजह थी कि मेरे लिये उसे स्‍वीकार करना बहुत आसान था।

इस वागले की दुनिया- नई पीढ़ी नये किस्‍सेसे दर्शकों को क्‍या उम्‍मीद रखनी चाहिये?

‘‘वागले की दुनिया’ में हमेशा मूल्‍यों की बात कही गयी, यह कभी नहीं बदलेगा’’ भारतीकुछ रिश्‍ते और बंधन कभी नहीं बदलते। इसलिये, अंजन और मेरे बीच की केमेस्‍ट्री भी वैसी ही होगी, जिसे लोगों ने पसंद किया था। इस शो में बस अब एक चीज पहले से अलग होगी कि हम बुजुर्ग हो गये हैं और हमारी शादी को 40 साल बीत चुके हैं, जिससे निश्चित तौर पर बदलाव आयेगा। मुझे लगता है कि लोग बुजुर्ग हो चुके वागले को भी पसंद करेंगे, क्‍योंकि इस जमाने में उनकी समस्‍यायें बदल गयी हैं। मुझे लगता है कि इतने सालों बाद भी हमारी केमेस्‍ट्री पहले जैसी ही होगी, लोग उसे पसंद करेंगे, उसका आनंद लेंगे और हां उससे खुद को जोड़ भी पायेंगे।

 अपने किरदार राधिका वागले के बारे में कुछ बतायें। इस किरदार में क्‍या चीजें होंगी?

वह केमेस्‍ट्री और विचार पहले जैसे ही होंगे, लेकिन पति-पत्‍नी के बीच पहले से थोड़ी ज्‍यादा नोंकझोंक होगी। इसलिये, किरदार में बहुत बड़ा बदलाव नहीं आया है, लेकिन दर्शकों को सीनियर वागले के अंदाज और तौर-तरीकों में थोड़ा फर्क महसूस होगा। मैं यह भरोसा दिला सकती हूं कि ना तो सीनियर वागले के और ना ही जूनियर वागले और उसके परिवार के मूल्‍यों में कोई बदलाव नज़र आयेगा। इस नये वर्ज़न में एक महत्‍वपूर्ण पहलू है कि तीन पीढ़ियां आ चुकी हैं। दर्शकों के लिये कोई बहुत बड़ा बदलाव नहीं होने वाला, क्‍योंकि उन्‍हें अपनेबच्‍चों के साथ भी उसी तरह की समस्‍याओं का सामना करना पड़ रहा है और वे खुद को इससे जोड़ कर देख पायेंगे।

इस कहानी में आज के दौर के आम आदमी के मुद्दों को दर्शाया गया है, आपके हिसाब से जब वागले की दुनियापहली बार प्रसारित हुआ था, तब से लेकर अब तक कितना बदलाव आया है?

‘‘वागले की दुनिया’ में हमेशा मूल्‍यों की बात कही गयी, यह कभी नहीं बदलेगा’’ भारतीसाल बीतने के साथ अब सारी चीजें बदल गयी हैं। सबसे मूल बात जो बदली है वह यह कि एक चैनल से हमने अपना सफर शुरू किया था और अब 100 चैनल हो गये हैं, इंटरनेट क्रांति आ गयी है, पश्चिमी देशों से प्रभावित शोज़ प्रसारित हो रहे हैं। इसलिये, मैं यह कहना चाहूंगी कि आज के दौर में आम आदमी की हरेक एक्टिविटी बदल गयी है। वे परिवार के साथ वक्‍त बिताना पसंद करते हैं, एक साथ सफर करना और ज्‍यादा से ज्‍यादा बचत करने पर विश्‍वास करते हैं, अब इन स्थितियों और मुद्दों में साफतौर पर बदलाव नज़र आता है।

वागले की दुनियामें अब परिवार की तीन पीढ़ियों को दिखाया जायेगा। आपके विचार से मौजूदा समय में संयुक्‍त परिवार का कितना महत्‍व है?

आज के दौर में मैं इसका सामान्‍यीकरण नहीं करना चाहूंगी, क्‍योंकि इस महामारी की वजह से लोग काफी करीब आये और एक-दूसरे से कम्‍युनिकेशन के महत्‍व को उन्‍होंने समझा। पिछली पीढ़ी में इसमें काफी अंतर था। एकल परिवारों की संख्‍या ज्‍यादा हो गयी है लेकिन लोगों को यह अहसास होने लगा है कि परिवार और दोस्‍त भी एक अहम हिस्‍सा होते हैं। इसलिये,मुझे ऐसा लगता है कि लोग धीरे-धीरे संयुक्‍त परिवार को दोबारा अपनाने लगेंगे।

 सारे कलाकारों और तकनीशियन दल के लोगों के साथ शूटिंग करने का अनुभव कैसा रहा है?

हमने हाल ही में सभी कलाकारों के साथ शूटिंग शुरू की है लेकिन मेरे और अंजन के बीच तालमेल पहले जैसा ही है। मैं, सुमीत को भी पहले से जानती हूं, इस शो में मेरी बहू का किरदार निभा रहीं, परिवा भी काफी अच्‍छी और प्‍यारी लड़की है। मुझे सेट पर काफी मजा आ रहा है। पूरी यूनिट ही एक परिवार की तरह है और मुझे उनके साथ काम करने में अच्‍छा लग रहा है।

 अपने दर्शकों या प्रशंसकों को कोई मैसेज देना चाहेंगी?

मैं दर्शकों से कहना चाहूंगी कि उसी वागले की दुनियाकी उम्‍मीद ना करें, क्‍योंकि यह आज की पीढ़ी की कहानी है। वह दौर बेहतरी के लिये बीत गया और सच में भी वह वापस लौटकर नहीं आयेगा,इसलिये मैं प्रार्थना करती हूं कि हम आज के समय में इसे जिस तरह से प्रस्‍तुत कर रहे हैं, दर्शकों को देखने में मजा आये। अब नई समस्‍यायें होंगी और दिखाया जाएगा कि हम किस तरह से उन परिस्थितियों से लड़कर बाहर आते हैं, साथ ही आज के दौर के आम आदमी और उसके परिवार की चुनौतियां को दिखाया गया हैं।

 देखिये, ‘वागले की दुनिया- नई पीढ़ी नये किस्‍से‘ 8 फरवरी से, रात 9 बजे, हर सोमवार से शुक्रवार,

केवल सोनी सब पर 

‘‘वागले की दुनिया’ में हमेशा मूल्‍यों की बात कही गयी, यह कभी नहीं बदलेगा’’ भारती

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