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लोकसभा चुनाव 2019 के सिने प्रत्याशियों में एक है भोजपुरी इंडस्ट्री के सुपर स्टार दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’! दिनेश भारतीय जनता पार्टी के कंडिडेट हैं और उनको पार्टी ने उत्तरप्रदेश के आजमगढ़ संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवारी दी है। निरहुआ प्रचार प्रारंभ करने के समय तक वाराणसी में फिल्म ‘ठीक है’ की शूटिंग में व्यस्त थे। जहां वह अपने नये करियर और राजनीतिक उठापटक की चर्चा बड़े आत्म विश्वास के साथ करते हैं-
आपको इस चुनाव में गठबंधन वाले विपक्ष का मुकाबला करना है। सपा और बसपा यानी- अखिलेश और मायावती का संयुक्त दबाव आप पर रहेगा। इस पर भी आपके सामने प्रत्याशी स्वयं सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव हैं...कैसा महसूस हुआ जब आपको यह उम्मीदवारी मिली है?
- कुछ भी नहीं, कुछ महसूस नहीं हुआ। जब लड़ने के लिए मैदान में आ गया तो लड़ना है। मैं बहुत ढेर सी बातें नहीं सोचता।
आपके मन में चुनाव लड़ने का ख्याल कैसे आया?
- ‘बाबा-योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मैं लोगों के लिए राजनीति में उतरकर काम करूं तो मैंने उनकी बात मान ली।’ निरहुआ कहते हैं। ‘दरअसल अपनी फिल्मों के प्रचार के लिए हम लोग गांव-गांव, शहरों में जाते हैं। वहां लोग हमको बताते हैं कि उनकी समस्याएं क्या हैं। वह समझते हैं मैं करा सकता हूं और मैं स्थानीय निकायों को फोन करके कराने की कोशिश भी बहुत बार करता रहा हूं। जब एक सम्मान समारोह में योगी जी (उ.प्र. के मुख्यमंत्री) ने मुझे प्रस्ताव दिया कि मैं राजनीति ज्वाईन करूं, मैंने सोचा लोगों की मदद कराने के लिए यही बेहतर तरीका है। मैं लोगों के दिलों में रहता हूं। उनकी सेवा करना अपना कर्तव्य मानता हूं। इसलिए राजनीति में आ गया।’
फिर बीजेपी ही क्यों ? आपको तो समाजवादी पार्टी (सपा) में होना चाहिए था?
- हां, यहीं लोग गलत सोचते हैं। पहले बता दूं कि मैं मोदी जी का बड़ा फैन हूं। उनकी नीतियां, कार्य और विकास की योजनाओं से मैं प्रभावित रहा हूं। पूरे देश में उनके कार्यों की धूम है। जो लोग गठजोड़ करके चाहते हैं कि श्री मोदी जी नहीं आने पाएं, मैं उनके खिलाफ मोदी जी आएं- इसके लिए लड़ाई करने आया हूं इसलिए भाजपा में हूं।
‘और, जो लोग मानते हैं कि मुझे समाजवादी में जाना चाहिए था, वे गलत सोचते हैं।’ निरहुआ कहते हैं। ‘समाजवादी यानी- ‘अखिलेश यादव’ की पार्टी और मैं ‘दिनेशलाल यादव’ यानी यादवों की पार्टी है ‘सपा’, कितना बड़ा भ्रम बना रखा है लोगों ने ? पूर्वाचल उत्तरप्रदेश में कितने यादवों को वोट दिया है उनकी पार्टी ने ? और उनका गढ़जोड़ है बहन जी की पार्टी से। मायावती की ‘बसपा’ ने कितने दलितों को टिकट दिया है? बसपा की शुरूआत हुई थी- पिछड़े वर्ग को अधिकार दिलाने के लिए सवर्णों के खिलाफ बातें करने वाले आज पिछड़ों को कितना टिकट दिए हैं! दरअसल-ये सभी विपक्षवाले लोगों को जाति-धर्म के नाम पर लड़ा रहे हैं। खैर,अब जनता समझ चुकी है। अब 2019 के चुनाव में लोग जागरुक हो चुके हैं और बहकावे की राजनीति को समझते हैं। इस बार का चुनाव बदलते भारत का चुनाव है।
निरहुआ भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के बड़े स्टार हैं। अतिव्यस्त रहते हैं। उनकी हिट फिल्मों की लम्बी फेहरिस्त है। उनके नाम पर फिल्में बनती हैं- ‘निरहुआ रिक्शावाला’, निरहुआ हिन्दुस्तानी-1,2,3 और वह ‘जुबली स्टार’ कहे जाते हैं। ऐसे में, राजनीति और फिल्मों का- दोनों काम एक साथ कैसे निबटा सकते हैं?
- ‘मैं जो करता हूं पूरे मन से करता हूं। अब लोग मुझे आजमगढ़ में ही पाएंगे।’ वह हंसते हैं। ‘इस क्षेत्र के लोगों की यही शिकायत है कि यहां से जीतकर जाने के बाद सांसद महोदय फिर पांच साल नहीं आते। मैं इस सोच को तोड़ूंगा। जहां तक मेरी फिल्मों की बात हैं, मैंने सोच लिया है। फिल्म इंडस्ट्री को ही आजमगढ़ ला दूंगा। जिनको मेरे साथ काम करना है, आओ यहां शूटिंग करो। दोनों काम एक साथ चलेंगे। फिल्में भी यहीं से बनेंगी और सेवा का काम भी यहीं से किया जाएगा। लोग रहेंगे, सब काम यहीं से होंगे। लोग देखेंगे कि काम कैसे होता है। जनता का काम होता रहेगा। हम कोशिश करेंगे कि यू.पी. के दूसरे शहरों से ज्यादा काम यहां हो और आजमगढ़ चमकता दिखाई पड़े।’
दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ आत्मबल से लवरेज हैं। वह अभिनेता, गायक, वितरक, मेकर हर रूप में सफल रहे हैं। लोग उनकी प्लानिंग की दाद देते हैं। इस बार उनकी प्लानिंग चुनाव को लेकर है और उनके सामने दिग्गज खड़े हैं। मुकाबला दिलचस्प हो गया है। आगे आगे देखिए।