भारत में एक पुरानी कहावत है कि “बरगद के पेड़ के नीचे दूसरे पौधे नही पनप सकते।” आज जब हम बॉलीवुड के मषहूर पटकथा लेखक जोड़ी सलीम जावेद के सलीम खान के परिवार को देखते हैं, तो यह कहावत बरबस याद आ जाती है। सलीम खान के तीन बेटे सलमान खान, अरबाज खान और सोहेल खान हैं। यह तीनों भाई अब तक कई फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं। मगर अभिनय जगत में जिस मुकाम पर सलमान खान हैं, उससे कोसों दूर हैं अरबाज खान और सोहेल खान।
सलमान खानः
बॉलीवुड में सलमान खान की गिनती स्टार कलाकार के तौर पर होती है। वैसे सलमान खान उत्कृष्ट अभिनेता होने के साथ साथ गायक,पेंटर व निर्माता भी हैं। पर उन्हे लोग अभिनेता के रूप में ही होती है। सलमान खान ने 1988 में फिल्म “बीबी हो तो ऐसी” में सपोर्टिंग रोल करके कैरियर की शुरुआत की थी। उसके बाद 1989 में सलमान खान ‘राजश्री प्रोडक्षन’की फिल्म “मैने प्यार किया”में भाग्यश्री के साथ हीरो बनकर आए। इस फिल्म की सफलता ने सलमान खान को रातों रात स्टार बना दिया। उसके बाद उन्होने “हम आपके हैं कौन’, ‘अंदाज अपना अपना’, ‘करन अर्जुन’, ‘बीवी नंबर वन’, ‘हम साथ साथ हैं’, ‘दबंग’, ‘रेडी’, ‘एक था टाइगर’, ‘किक’, ‘सुल्तान’, ‘टाइगर जिंदा है’, ‘बजरंगी भाई जान’, ‘जय हो’, ‘राधे’ जैसी लगातार कई सफलतम फिल्मों में अभिनय करते आए हैं। बीच में उनकी कुछ फिल्मों ने बाक्स आफिस पर सफलता दर्ज नही कराई, मगर उनके स्टारडम पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। सलमान खान का स्टारडम दिन ब दिन बढ़ता ही रहा है और अभी भी स्टारडम उंचाईयों पर है। इन दिनों वह ‘अिंतमःद फाइनल ट्रुथ’ और ‘लाल सिंह चड्ढा’ जैसी फिल्में कर रहे हैं।
पिछले 33 वर्षो के कैरियर के दौरान सलमान खान को अभिनय के लिए दो फिल्मफेअर पुरस्कार और फिल्म निर्माण के लिए दो राष्ट्रयी पुरस्कार सहित सैकड़ों पुरस्कार मिल चुके हैं। 2015 में ‘फोर्ब्स’ पत्रिका ने उन्हें मनोरंजन करने के लिए सर्वाधिक रकम पाने वाले सौ कलाकारों की सूची में 71वें पायदान पर षामिल किया था। जबकि 2018 की फोर्ब्स सूची में वह 82 वें स्थान पर थे। इतना ही नही सलमान खान 2010 से लगातार टीवी के रियालिटी षो “बिग बॉस” को होस्ट कर रहे हैं और ‘बिग बॉस’ के निर्माताओं को अब तक सलमान खान से बेहतर व लोकप्रिय होस्ट नही मिल पाया। तो वहीं सलमान खान जरुरत मंदो की मदद के लिए “बीइंग ह्यूमन” नामक एनजीओ भी चला रहे हैं।
2011 में सलमान खान ने अपना प्रोडक्षन हाउस “सलमान खान फिल्मस’ ’शुरू किया और बच्चों के लिए पहली फिल्म”चिल्लर पार्टी”का निर्माण किया, जिसे तीन राष्ट्रिय पुरस्कार मिले। फिर‘हीरो’, ‘बजरंगी भाई जान’, ‘ट्यूबलाइट’, ‘रेस 3’, ‘लव यात्री’, ‘नोटबुक’, ‘कागज’ और राधे जैसी फिल्मों का निर्माण किया। अभी वह फिल्म अिंतमः द फाइनल ट्रुथ”का सह निर्माण कर रहे हैं।
अरबाज खानः
सलमान खान से दो वर्ष छोटे अरबाज खान ने भी अपने बड़े भाई सलमान खान के पदचिन्हों पर चलते हुए 1996 में फिल्म “दरार” से अभिनय कैरियर की शुरूआत की। इस फिल्म को जबरदस्त सफलता और अरबाज खान को जबरदस्त षोहरत मिली। उन्हे इस फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ विलेन का फिल्मफेअर पुरस्कार भी मिला। उसके बाद अरबाज खान ने ‘प्यार किया तो डरना क्या’, ‘गर्व :प्राइड एंड आनर’जैसी फिल्में की। लेकिन फिर वह ‘हलचल’, ‘मालामाल वीकली’, ‘भागम भाग’, ‘शूटआउट एट लोखंडवाला’ सहित कई फिल्मों में सहायक कलाकार की भूमिकांए निभाते रहे। अरबाज खान ने कई सीरियल व वेब सीरीज की और शोहरत बटोरी। उन्होने तमिल, तेलगू भाषा की फिल्मों में भी अभिनय किया। मगर अरबाज खान को सलमान खान जैसी सफलता नही मिल पायी। यहां यही कहा सकता है कि ‘बरगद के नीचे दूसरा पौधा नही पनपा।
लेकिन अरबाज खान ने 2010 में अपनी प्रोडक्षन कंपनी ‘अरबाज खान प्रोडक्षन’ की शरुआत करते हुए फिल्म “दबंग’का निर्माण किया। इस फिल्म ने सफलता के सारे रिकार्ड तोड़ते हुए अरबाज खान को सफलतम फिल्म निर्माता बना दिया। फिर 2012 में अरबाज खान ने बतौर निर्माता व निर्देशक “दबंग 2”बनायी,जिसने बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमायी की। इसके बाद ‘डॉकी की डोली’ और ‘दबंग 3’का भी निर्माण किया।
सोहेल खानः
सलमान खान से पांच वर्ष और अरबाज खान से तीन वर्ष छोटे सोहेल खान ने भी अपने भाईयों के पदचिन्हों पर चलते हुए बॉलीवुड से जुड़ने का फैसला किया। मगर सोहेल खान ने 1997 में बतौर निर्माता व निर्देषक फिल्म ‘औजार’ से कैरियर की शुरुआत की, जिसमें सलमान खान व संजय कपूर ने अभिनय किया था। फिर‘प्यार किया तो डरना क्या’में सोहेल खान ने अपने दोनों भाईयों सलमान खान व अरबाज खान को निर्देशित किया। फिर ‘हेलो ब्रदर’ बनायी। लेकिन 2002 में सोहेल खान ने बतौर लेखक, निर्माता व निर्देषक फिल्म ‘मैने दिल तुझको दिया’ बनायी, जिसने एवरेज बिजनेस किया। ‘मैने दिल तुझको दिया’ में सोहेल खान ने अभिनय भी किया। इसके बाद वह ‘डरना मना है’, ‘आई प्राउड टू बी इंडियन’, ‘हेलो’, ‘आर्यन’, ‘किसान’, ‘ट्यूबलाइट’, ‘लव यात्री’ और ‘दबंग 3’ सहित लगभग तीस फिल्मों में अभिनय किया। जबकि निर्माता की हैसियत से लगभग सेलह सत्रह फिल्में बनायीं। चार फिल्मों का लेखन किया। ‘औजार’, ‘प्यार तूने क्या किया’, ‘हेलो ब्रदर’, ‘मैने दिल तुझको दिया’, ‘जय हो’ और ‘फ्रीकी अली’ जैसी फिल्मों का निर्देशन किया। तो वहीं वह अपनी एक ईवेंट कंपनी भी चलाते हैं। मगर सोहेल खान को बतौर अभिनेता वह सफलता न मिल पायी,जो कि सलमान खान को नसीब हुई है। इस तरह देखा जाए तो सोहेल खान के साथ भी ‘बरगद के पेड़ के नीचे दूसरा पौधा नही पनपता” लागू होती है।
फिल्म “ट्यूबलाइट” के प्रदर्षन से पहले एक्सक्लूसिब बातचीत के दौरान जब हमने सलमान खान से पूछा था कि “आप अपने दोनो छोटे भाईयां सोहेल व अरबाज के करियर को लेकर क्या कहना चाहेंगे? तब सलमान खान ने बड़ी ईमानदारी के साथ कहा था-” सोहेल और अरबाज का दुर्भाग्य कहें या कुछ और वह है मेरा सफल होना। ‘दरार’ में अरबाज को बहुत प्रशंसा मिली थी। सोहेल निर्माता निर्देषक के साथ साथ एक ईवेंट कंपनी चलाता है, तो लोगों को लगा कि सोहेल को किस तरह का किरदार आफर किया जाए? मैं अपने दो भाईयों के लिए बहुत बड़ा बैक बन गया। यदि यह मेरे भाई न होते तो बहुत अच्छी सफलता पाते। पर दोनों अपनी अपनी जगह पर बेहतरीन काम कर रहे हैं।”
फिल्म “ट्यूब लाइट” के प्रदर्षन से पहले जब हमने एक्सक्लूसिब बातचीत के दौरान सोहेल खान से कहा था कि ‘कहावत है कि बरगद के पेड़ के नीचे दूसरा पौध नही पनपता। और जहां तक अभिनय का सवाल है तो आपके भाई सलमान खान के समक्ष आप दो भाईयों का कैरियर दब कर रह गया। इस पर सोहेल खान ने कहा- “बरगद के पेड़ के पीचे दूसरे पौधे नही पनप सकते,यह तो महज कहावत ही है। यह भी सच है कि हम अपने परिवार में तीन हैं, मगर सलमान भाई पूरी दुनिया में एक हैं। अभिनय जगत में जो कमाल किया है, वह सलमान भाई ने ही किया है। अभिनय में हम उन्हे छू भी नही सकते। मगर अभिनय से इतर फिल्म निर्माण व निर्देशन के क्षेत्र में हमने कुछ अलग कमाल किया है। लेकिन पूरी दुनिया महत्व तो कलाकार को ही दिया जाता है। पर हमें खुशी है कि सलमान भाई को अभिनय जगत व पूरी दुनिया में प्यार मिलता है। लेकिन हम व अरबाज भाई अपने अपने क्षेत्र में खुष हैं। सलमान भाई अपने क्षेत्र में खुष हैं। सलमान भाई जो कर सकते हैं,वह हम नही कर सकते।जो हम कर सकते हैं,वह सलमान भाई नही कर सकते।”
इतना ही नहीं सलमान के साथ अपने रिश्ते पर सोहेल खान ने कहा था-”हम लोग खुली किताब की तरह हैं। लोगों से हमारी कोई बाती छिपी नही है। पूरी दुनिया को हमारे खानदान के बारे में पता है। हमारे वालिद साहब ने हमें बहुत अच्छे मूल्यों की शिक्षा दी है। उनके पांच बच्चे हैं। सभी को आत्मनिर्भर होने के साथ साथ यह आजादी दी गयी है कि हम अपने हिसाब से सोच सकते हैं, सारे निर्णय खुद ले सकते हैं। जरूरत के वक्त वह सलाह देते हैं।हम सभी की अलग अलग सोच है, पर हम सभी एक दूसरे की इज्जत करते हैं। हमारे वालिद साहब ने एक बात सिखायी है कि आपका भाई या बहन जो आप से प्यार करते हैं, हो सकता है कि उनका निर्णय गलत हो, पर उनकी नियत गलत नहीं हो सकती। ऐसे में जब कही कोई गलती हो जाए, तो काफी मांग लेनी चाहिए।”