‘झूठा कहीं का’ जैसी फिल्में दर्शको को तनाव मुक्त करती हैं- दीपक मुकुट

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By Mayapuri Desk
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‘झूठा कहीं का’ जैसी फिल्में दर्शको को तनाव मुक्त करती हैं- दीपक मुकुट

‘मुल्क’ ‘शादी में जरुर आना’ जैसी पिछले वर्षा की हिट फिल्मों के निर्माता दीपक मुकुट की नई प्रदर्शन के लिये तैयार फिल्म है ‘झूठा कहीं का’। ऋषि कपूर की इसी नाम की एक फिल्म 1979 में आयी थी,

जो दर्शको को खूब पसंद आयी थी। वर्षो बाद फिर उसी नाम की फिल्म में ऋषि कपूर दोबारा पर्दे पर दर्शको को हंसाने आ रहे है। ‘झूठा कहीं का’ का नया गुदगुदी करने वाला खजाना को पूरे देश के सनेमाघर्रा मे खुल गया है।

फिल्म को लेकर निर्माता दीपक क्या कहते है।

यहा एक पूरी तरह से इंटरटेंमेंट फिल्म है। फिल्म दर्शको को हंसाकर ही थिएटर से घर भेजेगी, इसका हम भरोसा दिलातें है। मेरी फिल्म को बनाने के पीछे यह रही है। कि इनदिनों हर आदमी तनाव में रहता है। कुछ समय जब तक वह स्क्रीन पर ‘झूठा कहीं का’ देखता है, फिल्म गुदगुदाती रहती है, हास्य तनाव से मुक्ति देता है और हमारी यह फिल्म दर्शको को तनाव मुक्त करने में कामयाब है।

‘झूठा कहीं का’ जैसी फिल्में दर्शको को तनाव मुक्त करती हैं- दीपक मुकुट

 ‘झूठा कहीं का’ नाम से वर्षो पहले एक फिल्म आयी थी, अब उसी नाम से एक फिल्म लेकर आप आ रहे हो, दोनों फिल्मों में हीरो ऋषि कपूर है। कितनी समानता है, एक दूसरे में ?

सिर्फ टाइटल एक ही है, और ऋषि कपूर दोनों फिल्मों में है, इतनी ही समानता है। वह फिल्म ऋषि के युवा होने के समय की कहानी के साथ बनी थी, इस फिल्म में वह आज की उम्र के हिसाब से बाप की भूमिका में है। कहानी में मनोरंजन के अवसर और भी बढ़चढ कर हैं। इस फिल्म का महत्व इसलिए भी है। कि फिल्म को ऋषि ने अपनी पसंद के अनुसार करेक्टर करने के लिए तैयारी कि थी वह खुद बोले, कि यह रोल उस तरह करुंगा, जैसा पहले कभी नहीं किया। यह हमारे लिए झटका था, कि फिल्म का आखिरी शेड्यूल शूट करने के समय पता चला, कि उनको कैंसर की बिमारी है। जब फिल्म रिलीज पर है। अब हम सब खुश है, कि वह पूरी तरह ठीक हो गये हैं। बिमारी से ठीक होने के बाद यह उनकी पहली रिलीज हो रही फिल्म है, ‘झूठा कहीं का’ दर्शको और उनके चाहने वालों को हंसाते हुए ऋषि जी बहुत पसंद आएगें।

‘मुल्क’ जैसी गंभीर विषय वाली फिल्म बनाई थी, अब उनके साथ हास्य-मनोरंजन फिल्म बनाने का ख्याल कैसे आ गया?’

‘हम लोग हर विषय पर काम करना चाहते हैं। इसीलिए अपने देखा होगा कि जो फिल्में मैंने निर्माता के रूप में की हैं- ‘मुल्क’, ‘जीनियस’, ‘सनम तेरी कस्म’, ‘शादी में जरूर आना’ या यह फिल्म ‘झूठा कहीं का’ सबका विषय अलग-अलग है। ‘झूठा कहीं का’ का टाइटल हमारे पास था और ऋषि जी के काम से हम सब प्रभावित थे, इसलिए सोचा की एक मनोरंजक फिल्म बनाई जाए, जो स्ट्रेस के दौर में लोगों को स्ट्रेस से दूर करे।’

‘झूठा कहीं का’ जैसी फिल्में दर्शको को तनाव मुक्त करती हैं- दीपक मुकुट

दीपक मुकुट सिर्फ निर्माता ही नहीं, डिस्ट्रीव्यूटर, एक्जिबिटर, टीवी प्रोग्राम  प्रोडयूसर, एलबम-प्रोडयूसर, झूमझूम मीडिया प्रा.लि. के डायरेक्टर, सोहम रॉक स्टार एंटरटेनमेंट कंपनी के मैनेजिंग पार्टनर हैं। उनके पास 500 फिल्मों के नेगेटिव राईट हैं और वह मशहूर फिल्मकार कमल मुकुट के सुपुत्र हैं। निर्माण के अलावा वह फिल्मों में कुछ और करने की सोचते हैं? के जवाब में वह बताते हैं कि कई बड़े निर्देशकों के वह निर्देशन-असिस्टेंट भी रहे हैं, जिनमें एक नाम दिलीप कुमार का भी है।

‘मैं पूरे मन से एक काम में जुड़कर रहता हूं। मेरा मानना है कि सारा काम एक साथ करने से परिपक्वता नहीं आती। अभी मैं सिर्फ फिल्म-मेकिंग पर ध्यान देना चाहता हूं। ‘झूठा कहीं का’ के बाद हम दो तीन नये सबजेक्ट पर काम कर रहे हैं। ये सब फिल्में अपने आप में बेजोड़ होंगी।’

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