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‘हमने बहुत मेहनत, सच्चाई और ईमानदारी के साथ इस फिल्म को बनाया है’- दीपिका पादुकोण

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By Lipika Varma
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‘हमने बहुत मेहनत, सच्चाई और ईमानदारी के साथ इस फिल्म को बनाया है’-  दीपिका पादुकोण

दीपिका पादुकोण बॉलीवुड की नम्बर वन हीरोइन है। लेकिन उन्हें अपनी अभिमय क्षमता पर विश्वास है। सफलता को वह अपने हार्ड वर्क से ऊपर नहीं मानती है। इन दिनों उनकीं फिल्म ‘पद्मावत’ की चर्चा दीपिका को और भी ऊंचाईयों पर लिए चल रही है। केवल इसलिए -क्योंकि वह जैसे ही स्क्रीन पर दिखाई देती है, खासकर उनके घूमर वाले ट्रैलर को लेकर, उनके फंस और ऑडियन्स मैं बेचैनी देखी जा रही है। हर एक फैंस उनका इस फिल्म ‘पद्मावत’ का बेचैनी से इंतजार कर रहा है। दीपिका का मानना है,‘‘इस फिल्म को देख कर सब बहुत खुश ही होंगे  उन्हें गर्व भी महसूस होगा।’’

आप को बता दें ‘‘फिल्म के प्रमोशनल इंटरव्यू जो कुछ दो महीने पहले हुए थे उसी के दौरान दीपिका ने बताया कि उन्होंने कभी सीखना बंद नहीं किया। वह अपनी गलतियों और लोगों की सलाह से लगातार सीखती रहती हैं। जबकि  सेंसर बोर्ड ने फिल्म का नाम बदल कर 'पद्मावत' रखने को कहा और सुप्रीम कोर्ट ने भी फिल्म को रिलीज करने की अनुमति दे दी है। अब देखना यह होगा कि जो फिल्म की रिलीज पर एतराज जता रहे थे क्या वह इस फिल्म की रिलीज से खुश है ? कोई बवाल तो नहीं मचाने वाले है। आज जब हम यह इंटरव्यू फाइल कर रहे है तो खबरों में यह हैडलाइन चल रही है -यदि फिल्म ‘पद्मावत’ रिलीज हुई तो करीब कुछ हजार महिलाएं जौहर करने के लिए तैयार रहेंगी। ...यह देखना होगा क्या ‘पद्मावत’ फिल्म अड़चन के अब रिलीज हो पाती है या नहीं ?

दीपिका के साथ हुए बातचीत के कुछ अंश -

पद्मावती का किरदार करने के बाद इस किरदार में सबसे खास बात क्या लगी आपको ?

पद्मावती एक बुद्धिजीवी महिला के रूप में न केवल साहसी और तीव्रता से पूर्ण एक समझदार एवं  बुद्धिमान, महिला थी। अपने लोगों के लिए भी पद्मावती ने बहुत कुछ किया था। अपने काम की वजह से पद्मावती ने जो जगह लोगों के दिल में बनाई थी उसी कारण वह आज भी पूजी जाती है। हम सबके जीवन में जिस तरह उतार चढ़ाव आते हैं ठीक उसी तरह इनके जीवन में भी उतार चढ़ाव आये। किन्तु यह साहसी थी अतः हर एक उतार चढ़ाव का सामना साहस एवं समझदारी से किया। यह किरदार इमोशनल भी है और कठिन भी। ऐसे इमोशनल किरदार करने में आनन्द तो मिलता ही है किन्तु हम थक भी जाते हैं। पद्मावती इतनी गुणी थी और जीवन के मूल्य को भी बखूबी समझती थी, यही सब से मैं अपने आप को इन सब चीजों से सम्बंधित भी कर पाई हूँ।

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जब हम फिल्म की पहली झलक देखने आये थे तो मंदत्रमुग्ध से हो गए थे आपके लुक को देख कर। क्या कहना चाहेगी आप ?

इस फिल्म में मैंने संजय सर के दृष्टिकोण को जीवंत करने की भरसक कोशिश कि है। जो कुछ उन्होंने मुझे दिया उसको रिसर्च,उसके तहत ही अपने आप को बांध कर रखने की कोशिश की है मैंने.. बतौर अभिनेता हम कप्तान  ऑफ द शिप को ही फॉलो करते हैं। लुक टेस्ट के दौरान -संजय सर ने कहा कि यूनिब्रो ट्राय करते हैं। और जब हमने जुड़ी हुई भौहो को तय किया तो बहुत अच्छा लगा। सो यही यूनिब्रो  हमने तय किया। एक अभिनेता और निर्देशक में जब ताल मेल सही बैठता है तो पर्दे पर भी अच्छा ही लगता है। मैं हमेशा कप्तान ऑफ द शिप को ही फॉलो करना चाहती हूँ। इस फिल्म में मेरी आँखें अच्छी भी लग रहे हैं हँस कर बोली दीपिका।

'पद्मावत' में शाहिद कपूर और रणवीर सिंह है किन्तु आप का जिक्र ज्यादा होता है क्यों ?

हंस कर बोली-ऐसा मुझे भी एहसास हो रहा है। अच्छा है न, हम अभिनेत्रियों के जीवन में ऐसा बहुत कम होता है न ? ऐसे मौके जब मिलते हैं तो हमारी जिम्मेदारी भी बहुत बढ़ जाती है। खैर इस अनुभव को मैंने न केवल निभाया है अपितु एन्जॉय भी किया है। अच्छा भी लग रहा है कि भंसाली ने मुझे चुना। इस फिल्म के अनुभव का आनन्द भी उठाया है मैंने।  यह भारतीय सिनेमा की सबसे महंगी फिल्म है। मैंने इस फिल्म में काम किया है इसलिए यह बात जरूर कहूंगी जब फिल्म रिलीज होगी लोगों को इस फिल्म पर बहुत गर्व होगा।

आपकी जर्नी कैसी रही? दस साल पूरे हो गए है ?

मैंने हर पल अपनी जर्नी का एहसास किया है उसे पूर्णतः जीया है। लेकिन मैं आज भी वही दीपिका हूँ। मैं आज भी बहुत कुछ सीख रही हूँ। वह कहते हैं न सीखने का कोई अंत नहीं होता है। जब मैंने फिल्म दुनिया में पदार्पण किया था उस वक्त भी मुझे सीखने का शौक था और यह हमेशा से रहेंगे। यह भी सही है कि मुझे भी कुछ नया और विशेष करने की भूख रहती है। बतौर कलाकर अपनी खामियों को सुधारने की भी भरसक कोशिश रहती है मेरी। मुझे बखूबी यह एहसास रहता है कि मैं किस और को जा रही हूँ।

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रिलीज से पहले राजपूत संगठनों द्वारा फिल्म को देखने की मांग आ रही है ?

मुझे इस इंडस्ट्री का हिस्सा बनें दस साल हो चुके हैं। मैं जहां तक समझती हूं कि हम अपनी फिल्म सिर्फ सेंसर बोर्ड को ही दिखाते हैं और फिर वह फैसला करते हैं।

धमकियों से क्या आप और आपका परिवार इंफ्ल्युएनसेड़  हुआ है ?

जी नहीं -न तो मैं और न ही मेरा परिवार इन धमकियों से प्रभावित  हुआ है। एक कलाकार और एक  औरत होने के नाते दुख महसूस कर रही हूं। साथ ही थोड़ी एम्यूजड भी हूं। इतनी मेहनत के बाद हमारी ये हालात है ? सही मायनों में यह सब पर अच्छा नहीं लगता है। बस आशा यही है कि सब ठीक हो जाएगा।

प्रशासन से क्या उम्मीद है आपको ?

प्रशासन से मुझे उम्मीदें हैं कि सब कुछ जल्द ही ठीक हो जाएगा। हमने बहुत मेहनत, सच्चाई और ईमानदारी के साथ  इस फिल्म को बनाया है।

दो पुरुष पात्र हैं लेकिन फिर भी यह फिल्म आपकी ज्यादा लग रही है ?

हां मुझे भी लग रहा है कहीं न कहीं। हीरोइन की जिंदगी में बहुत कम ऐसे मौके मिलते हैं। जहां फिल्म का दारोमदार अभिनेता से ज्यादा उसके कंधों पर होता है। इस अनुभव को मैंने पूरी तरह से इन्जॉय किया है और उससे जुड़ी जिम्मेदारी को भी मैं अच्छे तरह से जानती हूं।

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शाहिद कपूर के साथ पहली बारी काम कर रहे हैं क्या कहना चाहेंगी ?

उन्होंने राजा रतन रावल सिंह का किरदार निभाया। बहुत सालों से हम चाहते थे कि हम साथ पर्दे पर  काम करें। लेकिन अब मुझे लगता है कि ये सही फिल्म है हम दोनों के लिए। इस फिल्म की शूटिंग के दौरान उन्होंने मुझे बहुत सपोर्ट भी किया। शाहिद पहली बार संजय लीला भंसाली की फिल्म का हिस्सा बने हैं। मैं और रणवीर पहले भी काम कर चुके हैं इसलिए मैं समझ सकती हूं कि सैट पर वह शुरुआत में थोड़े नर्वस जरुर होते होंगे क्योंकि मैं भी रामलीला के वक्त कुछ जल्दी समझ नहीं पाया करती थी।  शाहिद ने बेहतरीन काम किया और इस फिल्म का हिंसा बनकर इस फिल्म को वैल्यू ऐड कर दी।

रणवीर के बारे में इस फिल्म को लेकर क्या कहना चाहेंगी आप ?

मेरा एवं रणवीर का एक भी सीन साथ में है। इस बारे में इसलिए मै कुछ नहीं बोल पाऊँगी। फिल्म में उनका अलग ही ट्रैक  चल रहा है और मेरा बिल्कुल अलग है। अलग ट्रैक होने की वजह से हमारी शूटिंग भी साथ में नहीं होती थी। हमने फिल्म को अलग अलग ही शूट किया इसलिए मिलने का मौका नहीं मिला।

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