टीवी हस्तियों के लिए आजादी के मायने

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By Mayapuri Desk
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टीवी हस्तियों के लिए आजादी के मायने

इस बार 15 अगस्त को भारत देश अपनी स्वतंत्रता की 75वां वर्ष मनाएगा। इससे हर आम भारतीय की ही तरह टीवी कलाकार भी उत्साहित हैं। देश को आजादी दिलानें में सैकड़ो स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने अपने प्राणों की आहुति दी। जब हमने कुछ टीवी कलाकारों से सवाल किया कि उनके लिए देश की आजादी के क्या मायने हैं? उनका पंसदीदा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और उनका पसंदीदा देशभक्ति वाला गाना कौन सा है?तो हर किसी ने खुल कर अपने मन की बात की।

आइए देखे कि किसने क्या कहाः

मेरे पसंदीदा स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडे हैं

पारुल चैधरी

तेरे मेरे सपने’, ‘एक था राजा एक थी रानी’, ‘पिया अलबेला’ और ‘दिव्य दृष्टि’ जैसे कई सीरियलों और कुछ फिल्मों में अभिनय कर शोहरत बटोर चुकी अभिनेत्री पारूल चैधरी कहती हैं- “मेरे लिए आजादी का मतलब सब कुछ होगा। आजादी हमारी आजादी है। आजादी से जीने की, आजादी से बोलने की, वह जिंदगी जीने की,जो हम चाहते हैं। स्वतंत्रता वास्तव में सब कुछ है। आजादी नहीं तो कुछ भी नहीं। मुझे लगता है कि यह मानव अस्तित्व के लिए सबसे महत्वपूर्ण है।हम जानवर नहीं हैं, जो कैद में रह सकते हैं।”

पारूल चैधरी आगे कहती हैं- “मेरे सबसे पसंदीदा स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडे हैं। यह नाम विशेष रूप से दिमाग में आता है। चूंकि हम उनके षौर्य की कहानी जानते हैं।हमने उनकी कहानी फिल्म ‘मंगल पांडेः द राइजिंग’में भी देखी है।उनकी कहानी व उनका चरित्र  मेरे दिलों दिमाग में बसा हुआ है।कई अन्य हुए हैं।मंगल पांडे के अलावा भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हुए हैं। भगत सिंह, लाला लाजपत राय, चंद्रशेखर आजाद सहित बहुतों ने इस देश को आजादी दिलाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है।उन्होने निःस्वार्थ भाव से सिर्फ देश के लिए संघर्ष किया।आज हम उनकी वजह से एक स्वतंत्र भारत में रह रहे हैं।”

टीवी हस्तियों के लिए आजादी के मायने

पसंदीदा देशभक्ति के गीत की चर्चा करते हुए पारूल ने कहा- “मेरा पसंदीदा देशभक्ति गीत निश्चित रूप से ‘वंदे मातरम’ हैं। हम इसे बचपन से गा रहे हैं। बहुत पहले स्कूल में हम सुबह ‘जन गण मन’ किया करते थे और स्कूल खत्म होने पर हम ‘वंदे मातरम’ गाते थे। वर्षों से हमने इस अनुष्ठान का अभ्यास किया है।इसलिए यह निश्चित रूप से वंदे मातरम है।”

मैं महात्मा गांधी का प्रशंसक हॅूं

हसन जैदी

घर एक सपना’, ‘पावडर’, ‘सबकी लाड़ली बेबो’, ‘बेहद 2’, ‘तुम साथ हो जब अपने’ जैसे कई सफल सीरियलों और ‘‘हाॅरर स्टोरी’, ‘ढिषकियां’व ‘सरगोषियां’जैसी फिल्मों में अभिनय कर बतौर अभिनेता एक अलग पहचान बना चुके अभिनेता हसन जैदी कहते हैं- “राष्ट्र के संदर्भ में नहीं,लेकिन स्वतंत्रता का अर्थ आदर्श रूप से स्वतंत्र अभिव्यक्ति, स्वतंत्र भाषण, अपने धर्म का स्वतंत्र रूप से अभ्यास करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए। एक-दूसरे से मिलने,अपने विचार व्यक्त करने और सभी को शामिल करने में सक्षम होने की स्वतंत्रता।वह मेरे लिए स्वतंत्रता है। मैंने हमेशा अहिंसा में विश्वास किया है।क्योंकि मुझे लगता है कि हिंसा एक बहुत ही नकारात्मक और बेकार भावना है। या अभ्यास से कुछ भी अच्छा नहीं निकलता है।इसलिए महात्मा गांधी मेरे पसंदीदा स्वतंत्रता सेनानी हैं।”

“सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान” हमारा मेरा पसंदीदा देशभक्ति गीत है।

“मेरे पसंदीदा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भगत सिंह हैं”

निवेदिता बसु

निर्माता व निर्देषक निवेदिता बसु कहती हैं- “मेरे लिए स्वतंत्रता वह स्वतंत्र परवरिश रही है,जो मेरे माता-पिता ने मेरे लिए की थी। अगर मैं अपने बच्चे के लिए ऐसा कर सकती हूं,तो मुझे लगता है कि मैं एक बच्चे को एक स्वतंत्र दुनिया में लाऊंगी।”

वह आगे कहती हैं-‘‘मेरे पसंदीदा स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह हैं।शायद इसलिए क्योंकि उत्तर भारत में पढ़ाई करते हुए मैने उनके बारे में काफी कुछ जाना।मुझे लगता है कि मुझे यह विचारधारा पसंद है कि ऐसे युवा में यह सुनिश्चित करने की भावना थी कि उसकी आने वाली पीढ़ियां एक स्वतंत्र मीडिया में रहेंगी। मेरा मतलब है कि भले ही उसने अंग्रेजों को गोली मारी हो,लेकिन उसने उस दिन लाला लाजपत राय के सम्मान में ऐसा किया था,जो एक बड़ी बात थी।महज 23 साल की उम्र में इस बात की परवाह किए बगैर कि उनके इस कृत्य के क्या परिणाम होंगे,उन्होने देश की आजादी के लिए कदम उठाया और षहीद हो गए। इसलिए भी मेरे पसंदीदा स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह रहेंगे।

देशभक्ति के गीत की चर्चा करते हुए निवेदिता ने कहा-‘‘मैं वंदे मातरम को व्यक्तिगत रूप से इसलिए पसंद करती हूं,क्योंकि मैंने वंदे मातरम की इतनी सारी प्रस्तुतियां सुनी हैं। मेरा पसंदीदा एआर रहमान का संस्करण है।’’

टीवी हस्तियों के लिए आजादी के मायने

देश को स्वतंत्र कराने में योगदान करने वाले सभी का मैं सम्मान करता हूँ”

जोहेब फारूकी

अभिनेता जोहेब फारूकी कहते हैं- “हर भारतीय की तरह यह दिन मेरे लिए बहुत मायने रखता है।यह हमारे लिए भावनात्मक और गर्व का दिन है। आज हम जिस भी आजादी का आनंद ले रहे हैं, इस खास दिन की वजह से ही आनंद उठा रहे हैं। क्योंकि यही वह दिन था,जब भारत ने अपनी स्वतंत्रता प्राप्त की थी और एक स्वतंत्र और स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में स्थापित हुआ था।”

वह आगे कहते हैं-  “इतिहास हमें यह समझाता है कि ऐसे बहुत से लोग हैं,जिन्होंने इस दिन के लिए योगदान दिया है। किसी एक को उठाना उचित नहीं होगा। इसलिए अपने दिल के नीचे से मैं उन सभी को महत्व देता हूं और सलाम करता हूं,जिन्होंने इस दिन को हमारे लिए संभव बनाया।”

मैं वीर सावरकर जी और सुभाष चंद्र बोस का नाम उनके नेतृत्व गुणों के लिए रखना चाहूंगी।

स्मिता डोंगरे

धारावाहिक “मेरे साई:श्रृद्धा और सबूरी” में अभिनय कर रही अभिनेत्री स्मिता डोंगरे ने कहा- “मेरे लिए आजादी का मतलब अपने विचारों या अपने आंतरिक सुख से कोई समझौता न करना है। जहां तक देश का प्रष्न है,तो जब हमारा देश जातिवाद और पुरुष व महिला की तुलना मानसिकता से छुटकारा पाएगा, तो वह गर्व से कहेगा कि हम स्वतंत्र हैं।हम 21 वीं सदी में पहुंचे गए, फिर भी हम जाति के मुद्दे पर, बलात्कार के मामलों के लिए उत्पीड़न, मानसिक उत्पीड़न व भ्रष्टाचार से हर दिन लड़ रहे है। देश को आजादी दिलाने में ढेर सारे स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान रहा है। सभी का जीवन अनमोल है। और सभी ने हमारे लिए बलिदान दिया। इसलिए हम उनके बलिदानों की उपेक्षा नहीं कर सकते हैं। इसलिए किसी एक स्वतंत्रता सेनानी का नाम लेना उचित नहीं है। रानी लक्ष्मी बाई, सरोजिनी नायडू, राजगुरु, भगत सिंह सभी ने आजादी के लिए लड़ाई लड़ी है। मैं वीर सावरकर जी और सुभाष चंद्र बोस का नाम उनके नेतृत्व गुणों के लिए रखना चाहूंगी।मेरा पसंदीदा देशभक्ति वाला गाना है- “संदेश आते हैं, यह वतन वतन मेरे आबाद रहे तू।”

मेरी पसंदीदा स्वतंत्रता सेनानी रानी लक्ष्मी बाई हैं।

डेलनाज ईरानी

पिछले तीन दषक से अभिनय जगत में कार्यरत अभिनेत्री डेलनाज ईरानी कहती हैं-‘‘स्वतंत्रता का अर्थ है जिम्मेदार होना और एक ही समय में अपने दिल का पालन करना।हम प्रगतिशील राष्ट्र का हिस्सा हैं और हमें अपने स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान करना चाहिए,जिन्होंने हमें 1947 में आजादी दिलाई। मेरी पसंदीदा स्वतंत्रता सेनानी रानी लक्ष्मी बाई हैं। वह एक योद्धा थी।”

“मेरे पसंदीदा स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह हैं।

अविनाश मुखर्जी

किषोर वय में धारावाहिक ‘‘बालिका वधु” से अभिनय की षुरूआत करने वाले अभिनेता अविनाष मुखर्जी आज भी अभिनय कर रहे हैं,तो वहीं उन्होने एक फिल्म “एक दुआ” की कहानी भी लिखी है।स्वतंत्रता दिवस की बात चलने पर अविनाष मुखर्जी कहते हैं- “मुझे लगता है कि यह हमारे देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है। हमारे देश में एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं है,जो इस दिन हमारे सामने भारतीय ध्वज फहराते वक्त या राष्ट्रगान के वक्त भावुक नहीं होता है।यही वजह है कि आज तक अक्षय कुमार की एक भी देशभक्ति वाली फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप नहीं हुई है। मेरे पसंदीदा स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह हैं।20 साल की उम्र में उन्होंने वास्तव में देश के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया और 20 साल की उम्र में हम उदास हो जाते हैं,जब कोई लड़की हमें हां नहीं कहती है। हमें मजबूत दिमाग वाला और मोटी त्वचा वाला होना चाहिए।मेरा पसंदीदा देशभक्ति का गाना ‘ऐ मेरे वतन के लोगों..हैं।”

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सबसे पहला नाम विनायक दामोदर सावरकर उर्फ ‘स्वातंत्र्य वीर सावरकर का आता है।

दुश्यंत वाग

‘ना बोले तुम ना मैंने कुछ कहा’, ‘इष्क में मरजावां’ जैसे सीरियलों और ‘तेरा मेरा साथ रहे’, ‘डज्ञेंबीवली फास्ट’ और ‘थ्री ईडिएट्स’ जैसी फिल्मों में अभिनय कर लोकप्रियता हासिल कर चुके अभिनेता दुष्यंत वाग कहते हैं- “स्वतंत्रता हर मायने में स्वतंत्रता है।अपने स्वयं के विचारों, विकल्पों और विचारधाराओं के साथ जीवन जीने में सक्षम होना।बिना किसी डर के व्यक्त करने में सक्षम होना।बिना किसी पूर्वाग्रह या पूर्वाग्रह के लोगों को एक व्यक्ति और उनके विचारों को समझने में सक्षम होना।”

दुष्यंत वाग आगे कहते हैं- “जब मैं स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में सोचता हूं,तो सबसे पहला नाम विनायक दामोदर सावरकर उर्फ ‘स्वातंत्र्य वीर सावरकर’ का आता है।वह हीरो थे! वे दूरदर्शी थे! उनकी बहादुरी,उनकी दूरदर्शिता, उनकी दूरदर्शिता असाधारण थी। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनके अपार योगदान के बावजूद, दुर्भाग्य से हम किसी भी कारण से उनके बारे में बहुत कुछ नहीं सुनते हैं। अगर आप उसके बारे में पढ़ेंगे तो आपको पता चल जाएगा कि मेरा क्या मतलब है।अगर वह आजादी के बाद सक्रिय राजनीति में होते,तो आज भारत अलग-अलग क्षितिज पर होता।”

मेरे कुछ पसंदीदा गीत हैं जो पारंपरिक ‘देशभक्ति गीत’ की श्रेणी में आते हैं। लेकिन मुझे ये रचनाएँ विशुद्ध रूप से रचनात्मक आधार पर पसंद हैं और मैं इन्हें समय पर सुनता रहता हूँ। इन गानों के प्रति मेरा प्यार सिर्फ ‘स्वतंत्रता दिवस’ या ‘गणतंत्र दिवस’ तक ही सीमित नहीं है। मुझे >द लेजेंड ऑफ भगत सिंह’ और ‘बॉर्डर’ के सभी गाने पसंद हैं। ए आर रहमान का ‘मां तुझे सलाम’ मेरा सर्वकालिक पसंदीदा रहा है।”

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