लिपिका वर्मा
दिनेश विजन फिल्म जगत के जाने माने निर्देशक/निर्माता है। यह अपनी मैडॉक कंपनी से लगातर बेहतरीन फ़िल्में दिखला कर, इन्होंने सभी दर्शकों के दिल में अपने नाम का ठप्पा लगवा लिया है। यह समाज से जुड़ी कहानियां दिखाते हैं और ऑडियन्स को इनकी फिल्मों का इंतजार रहता है। स्त्री फिल्म राज कुमार स्टार्रर एक छोटे बजट की फिल्म थी लेकिन बॉक्स ऑफिस पर जो कमाल दिखाया इस फिल्म ने गदगद हो गया। अब एक बहुत की समान्य कहानी लाइव इन रिलेशनशिप पर रिलीज़ होने को है जिसका टाइटल ‘लुका-छुपी’ है।
निर्देशक/निर्माता दिनेश विजन के साथ लिपिका वर्मा की बातचीत के कुछ अंश पेश है।
दिनेश विजन को अच्छी फ़िल्में देने का प्रेशर रहता होगा?
- वैसे हिंदी मध्यम से आप सभी के सेंटीमेंट्स जुड़े हुए है और आप लोगों ने इस फिल्म को बहुत पसंद किया। जब कभी हम कोई भावुक फिल्म बनाते हैं उसे जनता बहुत पसंद करती है। क्योंकि उस फिल्म से देश के सभी नागरिकों की भावना जुड़ी होती है। समाज से जुड़े मुद्दों पर ही फ़िल्में होती है इसीलिए दर्शक कहानी से अपने आपको जोड़ लेता है। मैं हमेशा कहानी को महत्व देता हूँ। निर्देशक एवं लेखक ने यदि अच्छी तरह से उसे लिखा हो तो बतौर निर्माता मैं उसके पीछे रहता हूँ। अतः मैं हमेशा यही चाहता हूँ दर्शकों की उम्मीदों पर मेरी फ़िल्में खरी उतरे।
बतौर निर्माता क्या आप का हस्तक्षेप नहीं होता है ?
- जी बिल्कुल भी नहीं। बस हम सिर्फ कहानी पेपर पर उतरने तक ही उनके साथ रहते हैं। केवल एक सहयोगी की तरह। उसी समय जो कुछ भी वार्तालाप करनी होती है उनसे कर लिया जाता है। एक बारी बोन्डेड स्क्रिप्ट तैयार हो जाये तो मैं सिर्फ उनके पीछे रहता हूँ। मुझे अपने निर्देशक और लेखक पर पूर्ण विश्वास होता है।
आपको लगता है कहानी की च्वॉईस अच्छी होनी चाहिए?
- बिल्कुल कहानी जब तक अच्छी नहीं होती है तो जाहिर सी बात है वह लोगों के दिल में कैसे उतरेगी? मैंने यह समझ लिया है कि कहानी का मूल सही हो और हमारी समझ में, हमारे ही समाज में बहुत सारे ऐसे विषय हैं- जिन पर फ़िल्में बन सकती है। तो फिर हम वेस्ट से कहानियों से क्यूंकर प्रेरित हो ?
आप रीमेक या सीक्वल कभी क्यों नहीं बनाते ?
- जी हाँ मैंने अभी तक कोई भी रीमेक या सीक्वल नहीं बनाई है। और ज्यादातर मुझे ओरिजिनल टॉपिक ही अच्छे लगते हैं। हमारे लेखक बहुत अच्छे है। सिर्फ उन्हें सपोर्ट करने की आवश्यकता है। मैं अपने लेखकों को पैसे देने में कभी मोल भाव नहीं करता हूँ। मेरा यह मानना है कि लेखनी की कीमत अमूल्य है सो उन्हें सही ढंग से यदि पैसे दिए जाये तो वह बेहतरीन से बेहतरीन विषयों पर कहानियां लिख सकते हैं। मैं एक अभिनेता से मोल भाव करना पसंद कर लूंगा पर एक राइटर के मेहनताने के लिए कभी मोल भाव नहीं करूँगा। सीक्वल इसीलिए नहीं बनायीं क्योंकि अभी तक हम अपनी पहली फिल्म से अच्छी स्क्रिप्ट नहीं लिख पाए हैं।
सैफ अली खान से भेंट हुई है क्या उनकी बेटी सारा और सैफ के साथ कोई फिल्म बनाने की तैयारी है?
- यह बहुत अच्छा सुझाव है किन्तु फ़िलहाल मैं सैफ अली के साथ बातचीत करने गया था। वह एक बहुत ही सीधे सादे इंसान हैं। और क्योंकि उन्हें मैं काफी समय से जानता भी हूँ तो सारा के साथ फिल्म करने के लिए उनसे पूछ भी सकता हूँ। किन्तु पूछने से पहले मुझे एक अच्छी स्क्रिप्ट पर काम करना होगा। जो सैफ और सारा के लिए सही हो।
आपने सारा अली को लॉन्च करने की क्यों नहीं सोची ?
- अव्वल तो सारा की लॉन्च पैड फिल्म बहुत अच्छी रही। सारा का काम सबको पसंद आया। उनकी एनर्जी बहुत अच्छी लगी पर्दे पर। मैं उन्हें बचपन से जानता भी हूँ। और फिल्म देखने के बाद मेरी नजरों में सारा के लिए और इज्जत बढ़ गयी है। रही बात सारा को लॉन्च करने की ? मैं दूसरी तरह से काम करता हूँ -सबसे पहले मेरे लिए कहानी और स्क्रिप्ट तैयार करना अहम है। उसके बाद में अभिनेताओं को ढूंढता हूँ बतौर चरित्र चित्रण। जैसे ही मेरे पास सारा के लिए कहानी आएगी तो मैं ही उन्हें सबसे पहले पर्दे पर लाना चाहूंगा।
पाकिस्तान मेंआप की फिल्म ‘लुका छुपी’ रिलीज़ नहीं होने वाली, आपको इससे नुकसान होगा ?
- देखिये क्योंकि आज देश में जिस तरह का माहौल है यह फिल्म वहां रिलीज़ नहीं करनी है। यह हमने बहुत साफ कर दिया है। हम भारत में उससे से ज्यादा पैसे कमा लेंगे।