ज्यूडिशियल सिस्टम पर आधारित है फिल्म ‘वन डे’- अशोक कुमार नंदा By Mayapuri Desk 05 Jul 2019 | एडिट 05 Jul 2019 22:00 IST in इंटरव्यूज New Update Follow Us शेयर वर्तमान समय में अलग अलग कंटेंट की मूवी दर्शकों के सामने आ रही है। क्राइम थ्रिलर सब्जेक्ट पर बनी फिल्म ‘वन डे’ भी दर्शकों को चौंकाने पर मजबूर कर देगी। इस फिल्म में अनुपम खेर, ईशा गुप्ता और कुमुद मिश्रा की दमदार अदाकारी देखने को मिलेगी। ज्यूडिशियल सिस्टम पर फिल्म ‘वन डे’ के निर्देशक अशोक नंदा है जो इससे पहले इंग्लिश मूवी ‘फायर डस्टर’, हिंदी फिल्म ‘हम तुम और मॉम’ और ‘रिवाज’ बना चुके हैं। अशोक कुमार नंदा से फिल्म और भारतीय संविधान के न्याय प्रक्रिया से जुड़े विषयों पर बेबाक बातचीत: - इस फिल्म का कॉन्सेप्ट आपके दिमाग में कैसे आया? हमारे राइटर ने यह कहानी सुनाई जो मुझे अच्छी लगी क्योंकि यह फिल्म अन्य कहानियों से अलग है। यह फिल्म ज्यूडिशियल सिस्टम पर केंद्रित है। इसमें हमारी न्याय प्रणाली की व्यवस्था को दर्शाया गया है। - फिल्म में अनुपम खेर को लेने की कुछ खास वजह और उनका फिल्म में क्या रोल है? अनुपम की फिल्म सारांश और उनके विभिन्न चरित्र रोल से मैं प्रभावित हूं। इसलिए इस रोल के लिए मेरी पहली पसंद अनुपम खेर ही थे। इसके अलावा रिटायर्ड जज के लिए जिस उम्र के व्यक्ति की जरूरत थी उस लिहाज से भी अनुपम सही थे। मैंने अनुपम को कहानी सुनाई और उन्हें भी कहानी पसंद आई। फिल्म में अनुपम एक रिटायर्ड जज के रोल में हैं जो फिल्म का महत्वपूर्ण किरदार है। - फिल्म की कहानी में एक औरत जज को थप्पड़ लगती है इस सीन के दौरान आपको किसी दिक्कत का सामना करना पड़ा? इस फिल्म की शूटिंग झारखंड के हाइकोर्ट में हुई है और एक औरत हाई कोर्ट में जज को थप्पड़ मारती है, इस सीन की शूटिंग हमें दूसरी जगह करनी पड़ी क्योंकि वास्तविक हाइकोर्ट में जज को मारने वाला फिल्मांकन उचित नहीं था। इसपर विरोध न हो इसलिए हमें अलग जगह फिल्म शूट किया। - जज को हाइकोर्ट में थप्पड़ मारने के सीन से क्या कोई कॉन्ट्रोवर्सी क्रीएट करना चाहते हैं? फिल्म के इस सीन की सच्चाई फिल्म में दिखाई गई है। यह फिल्म का मुख्य हिस्सा है। एक औरत अपने बेटे के मरने के बाद इन्साफ न मिलने की वजह से यह हरकत करती है। उसे लगता है कि जज बिक गया है इसलिए उसने गुनहगार को छोड़ दिया। जज भी थप्पड़ खाकर बेचौन हो जाता है और आत्ममंथन करता है कि शायद उससे कोई गलती हुई है। - इस फिल्म की यूएसपी क्या है? फिल्म का यूएसपी यह है कि केवल अमीर और प्रसिद्ध व्यक्ति को ही न्याय क्यों मिलता है एक मध्यम वर्गीय और साधारण व्यक्तियों को भी न्याय पाने का अधिकार है। साथ ही फिल्म में अनुपम खेर का बेहतरीन अभिनय देखने को मिलेगा। सारांश और कर्मा फिल्म से भी बेहतर किरदार निभाते अनुपम खेर दिखाई देंगे। - ईशा गुप्ता हमेशा ग्लैमरस रोल में दिखती है पर इस फिल्म में वह अलग नजर आ रही है इस फिल्म में उनका किरदार कैसा है? ईशा गुप्ता का फिल्म में महत्वपूर्ण रोल है। वह फिल्म की हीरोइन है। इस फिल्म में अपने ग्लैमरस छवि से अलग एक पुलिस की भूमिका में है। इस फिल्म में ईशा ने बेहतरीन संजीदा अभिनय किया है जो दर्शकों के लिए नया अनुभव होगा। इस किरदार को लोग याद रखेंगे। - फिल्म की स्टारकास्ट भी बहुत चुनिंदा है। इन अभिनेताओं को फिल्म में लेने की खास वजह? इस फिल्म में जरीना वहाब, कुमुद मिश्रा, राजेश शर्मा, जाकिर हुसैन जैसे कलाकार हैं। मैं चाहता था कि सारे कलाकार जाने पहचाने हो भले वे कम सीन में दिखाई दें पर उनका किरदार और अभिनय दर्शकों को पसंद आये। - फिल्म के संगीत का फिल्म में क्या योगदान रहा है? फिल्म में गाने कमर्शियल वैल्यू को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। फिल्म में बैक ग्राउंड म्यूजिक है जिसमें अपहरण होता है। एक टाइटल सांग में ईशा की इंट्री होता है साथ ही शादी का सांग है जिसमें कहानी आगे बढ़ती है। - आजकल के युवाओं को कंटेंट बेस कहानी, हॉरर कॉमेडी, रोमांस पसंद आता है। लोग ड्रामा फिल्में कम देखते हैं। आपकी फिल्म से दर्शक क्या अपेक्षा रखेंगे? आज का यूथ समझदार है, वह फिल्म की कहानी और गहराई देखता है। हमारी फिल्म ज्यूडिशियल जस्टिस पर आधारित थ्रिलर कहानी है जो यूथ के साथ सभी वर्ग के लोगों को पसंद आएगी। -आपकी फिल्म 14 जून को आ रही थी फिर डेट आगे करने की क्या वजह रही? सेंसर बोर्ड के कारण फिल्म की डेट को आगे बढ़ानी पड़ी। फिल्म के एक सीन में झारखंड हाइकोर्ट दिख रहा है, जिसके लिए सेंसर ने सीन हटाने या फिर एन ओ सी लाने को कहा। हमारी फिल्म की कहानी झारखंड बेस्ड है हम नहीं चाहते थे कि सीन हटे इसलिए एन ओ सी के कारण लेट हो गया। - आप फिल्म के माध्यम से क्या मैसेज देना चाहते हैं? - हमारी फिल्म वन डे का स्लोगन ही है जस्टिस डिले टू जस्टिस डिनाय। हम सीधे तौर पर कुछ नही कर सकते पर आज का युवा समझदार और जागरूक है वह परिवर्तन ला सकता है। मैं फिल्मकर हूँ और अपनी फिल्म के माध्यम से दर्शकों तक अपना मैसेज पहुँचाना चाहता हूँ कि न्याय पाना हर वर्ग का अधिकार है। हमारी फिल्म में भी कई संवाद है जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर देंगे। #interview #One Day: Justice Delivered #Ashok Nanda हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article